कोरोना प्रकोप : चुनाव जीते, मगर जिंदगी की जंग हारे, 20 उम्मीदवारों की मौत |Won elections, but lost the battle of life
कोरोना के प्रकोप के बीच हुए उत्तर प्रदेश
पंचायत चुनाव के नतीजों पर भी संक्रमण का प्रभाव दिखा। प्रदेश में 20 प्रत्याशी
ऐसे रहे जो पंचायत चुनाव तो जीत गए लेकिन नतीजे से पहले जिंदगी की जंग हार गए।
हिंदुस्तान के मुताबिक, एक दर्जन से ज्यादा प्रत्याशियों की
मौत की वजह कोरोना है तो चार दिल दौरा पड़ने से चल बसे। जबकि गोरखपुर में एक
प्रत्याशी की हत्या कर दी गई थी। इनमें सर्वाधिक पांच प्रत्याशी गोरखपुर के और तीन
प्रतापगढ़ के रहे। वाराणसी, जौनपुर और अमरोहा के भी 2-2 उम्मीदवार अपनी जीत नहीं देख सके। जबकि
सिद्धार्थनगर, देवरिया, मिर्जापुर, चंदौली, गाजीपुर और आगरा के भी एक एक प्रत्याशी
को मौत के बाद विजयी घोषित किया गया।
गोरखपुर के पिपरौली ब्लाक के मिश्रौलिया गांव
के प्रधान उम्मीदवार राघवेन्द्र उर्फ गिलगिल दुबे को चुनाव से एक दिन पहले उनके
प्रतिद्वंद्वी शंभू यादव ने गोली मार दी थी। उन्हें केजीएमयू में भर्ती कराया गया
था। मतदान के बाद उनकी मौत हो गई। नतीजा राघवेन्द्र के पक्ष में आया। वहीं खोराबार
ब्लाक के गहिरा गांव से बीडीसी के प्रत्याशी रंजीत चौबे उर्फ शिप्पू चुनाव जीत गए
हैं। चुनाव के बाद रंजीत की कोरोना से मौत हो गई थी। इसी प्रकार जंगल कौड़िया ब्लाक
की ग्राम पंचायत अहिरौली से प्रधान प्रत्याशी इन्द्रा यादव और बड़हलगंज ब्लाक के
जैतपुर से प्रधान प्रत्याशी पवन कुमार साहनी भी चुनाव जीत गए हैं। दोनों को कोरोना
ने नतीजे आने से पहले निगल लिया। इसी तरह गुलरिहा थाना क्षेत्र के जंगल हरपुर में
प्रधान प्रत्याशी भुआल यादव की तबीयत वोटिंग के दिन ही बिगड़ गई थी। इलाज के दौरान
दूसरे दिन सुबह उनकी मौत हो गई थी। सोमवार को मतगणना में भुआल भी विजयी घोषित किए
गए।
प्रतापगढ़ में तीन प्रत्याशियों की मौत के बाद जीत हुई है। इनमें दो ग्राम प्रधान और एक बीडीसी सदस्य के उम्मीदवार थे।कालाकांकर ग्राम पंचायत की निवर्तमान ग्राम प्रधान मंजू सिंह इस बार भी उम्मीदवार थीं। मतदान के दिन उनकी तबीयत बिगड़ी और बाद में उनकी मौत हो गई। रविवार को मतगणना के बाद उन्हें विजयी घोषित कर दिया गया। इसी तरह मंगरौरा विकासखंड के मदुरा रानीगंज के निवर्तमान प्रधान व प्रत्याशी रामसुख यादव की एक सप्ताह पहले हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। वह भी रविवार को मतगणना में विजयी घोषित किए गए। कालाकांकर में ही केरावडीह की बीडीसी सदस्य प्रत्याशी रफीकुलनिशा को भी मौत के बाद विजयी ऐलान किया गया है। रफीकुल की एक हफ्ते पहले मौत हो गई थी।