NCPCR ने झूठी जानकारी देने के लिए दिल्ली पुलिस को ट्विटर के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए कहा साथ ही जब तक टि्वटर सेफ नहीं हो जाता तब तक बच्चों के लिए बैन करने की मांग की.
चाइल्ड पोर्नोग्राफी और बाल कल्याण से संबंधित अन्य मामलों में कार्रवाही करने की बात कही.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग(NCPCR)के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने दिल्ली पुलिस से ट्विटर इंडिया द्वारा यह झूठ बोलने के लिए कि ट्विटर इंडिया ट्विटर इंक, यूएसए स्थित कंपनी से संबंधित नहीं है केस दर्ज करने के लिए कहा है.
NCPCR द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में ट्विटर इंडिया ने ट्विटर इंक से अपने सम्बन्ध नकार दिये थे लेकिन जब NCPCR ने ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया की पृष्ठभूमि का अध्ययन किया, तो उन्होंने पाया कि कंपनी ने 10000 शेयर जारी किए हैं, और उनमें से 9999 का स्वामित्व ट्विटर इंक के पास है। इसका साफ साफ मतलब है कि ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया, ट्विटर इंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, और भारतीय कंपनी ने NCPCR से यह कहकर झूठ बोला कि वे इससे संबंधित नहीं हैं, इस तरह ट्विटर इंडिया ने संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित एक वैधानिक निकाय से झूठ बोलकर कानूनों का उल्लंघन किया है.
इसके अलावा, NCPCR ने आईटी मंत्रालय को 7 दिनों के भीतर बच्चों की ट्विटर तक पहुंच को प्रतिबंधित करने के लिए लिखा है, यह प्रतिबंध तब तक लगाए रखने की बात कही गई जब तक कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं हो जाते और भारत के आईटी नियमों का पालन करना शुरू नहीं कर देता।
क्या है पूरा मामला
NCPCR को ट्विटर पर बाल यौन शोषण सामग्री (Child Sexual Abuse Material, CSAM) से जुडी सामग्री की उपलब्धता पर कई शिकायतें मिली थीं, और एक अध्ययन का हवाला भी दिया था जिसमें कहा गया था कि CSAM 95% बढ़ गया था, Google और Apple को जारी नोटिस में NCPCR ने कहा था कि उसकी जांच में पाया गया है कि अश्लील सामग्री उनके ऐप स्टोर तक पहुंच योग्य है। व्हाट्सएप को, उसने कहा था कि कई एन्क्रिप्टेड व्हाट्सएप ग्रुप हैं जो बाल यौन शोषण सामग्री साझा करते हैं।
ट्विटर ने अपने जवाब में कहा था कि चूंकि ट्विटर 13 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे को मंच से जुड़ने की अनुमति देता है, इसलिए वह मंच पर अश्लील सामग्री की अनुमति नहीं दे सकता। NCPCR ने यह भी कहा था कि CSAM के साथ व्हाट्सएप समूहों के लिंक भी ट्विटर पर साझा किए जा रहे थे।
राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग @NCPCR_ के अध्यक्ष @KanoongoPriyank ने कमिशन को झूठी जानकारी देने के आरोप में @Twitter के ख़िलाफ़ कारवाई करने के लिये लिखा है। pic.twitter.com/xguZHjxwvZ
— Jitender Sharma (@capt_ivane) May 30, 2021