शकुन विचार क्या होते हैं शुभ अशुभ क्या होता है
शकुन क्या होता है Shakun Kya Hota Hai
- शकुन हमारे भविष्य में होने वाली घटना का संकेत देते हैं। प्राचीन काल में ये शकु लोकवार्ता के द्वारा ही पीढ़ी दर पीढ़ी पहुंचते रहे हैं। कुछ लोग इन शकुनों को अंधविश्वास मानते हैं । फिर भी ज्यादातर लोग इन शकुनों की उपेक्षा नहीं करते। हर मनुष्य कभी कभी किसी ना किसी रूप में शकुनों को मानता है ।
- शकुनों के परिणाम उतने ही प्राचीन हैं जितनी मनुष्य जाति । न केवल भारत में अपितु विश्व भर में ये शकुन प्रचलित हैं। शकुन का संकेत हमारे वेदों, पुराणों व धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है। महाभारत व रामायण जैसे महाकाव्यों में भी कई जगह शकुनों की बात कही गई है ।
- ज्योतिष में भी शकुनों पर विशेष विचार किया जाता है। प्रश्न कुंडली की विवेचना में शकुनों का महत्व विशेष है। शुभ शकुनों में पूछे गये प्रश्न सफल व अपशकुनों में पूछे गये प्रश्न असफल होते देखे गये हैं।
- शकुन पृथ्वी से, आकाश से, स्वप्नों से व शरीर के अंगों से संबंधित हो सकते हैं। किसी भी कार्य के वक्त घटित होने वाले प्राकृतिक व अप्राकृतिक तथ्य अच्छे व बुरे फल की भविष्यवाणी करने में सक्षम होते है ।
यात्रा के लिये शुभ नक्षत्र
अनुराधा ज्येष्ठा मूल हस्त मृगसिरा अश्विनी पुनर्वसु पुष्य और रेवती ये नक्षत्र यात्रा के लिये शुभ है, आर्द्रा भरणी कृतिका मघा उत्तरा विशाखा और आश्लेषा ये नक्षत्र त्याज्य है। इनके इलावा बाकी नक्षत्र मध्यम माने गये है, षष्ठी द्वादशी रिक्ता तथा पर्व तिथियां भी त्याज्य है, मिथुन कन्या मकर तुला ये लग्न शुभ है। यात्रा में चन्द्रबल तथा शुभ शकुनो का भी विचार करना चाहिये ।
किस दिन किस दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए
दिकशूल
- शनिवार और सोमवार को पूर्व दिशा में यात्रा नही करनी चाहिये,
- गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा त्याज्य करनी चाहिये,
- रविवार और शुक्रवार को पश्चिम की यात्रा नहीं करनी चाहिये,
- बुधवार और मंगलवार को उत्तर की यात्रा नही करनी चाहिये,
- इन दिनो में और उपरोक्त दिशाओं में यात्रा करने से दिकशूल माना जाता है.
सर्व दिशागमनार्थ शुभ नक्षत्र
- हस्त रेवती अश्वनी श्रवण और मृगसिरा ये नक्षत्र सभी दिशाओं की यात्रा के लिये शुभ बताये गये है
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