Guna BRC News
शिक्षा विभाग में उथल पुथल बीआरसी के प्रताडित करने पर सीएसी ने खाया जहर हालत गंभीर । Daily Hindi Paper MP
मध्यप्रदेश के गुना में बीआरसी गुना और एमएलबी स्कूल के सीएसी की कथित प्रताडऩा से परेशान होकर एमएलबी स्कूल में पदस्थ एक सीएसी ने बीईओ ऑफिस में जहर खा लिया। आधे घंटे बाद डायल 100 बुलाकर उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहाँ उनकी हालत गंभीर होने से परिजन उन्हें एक निजी अस्पताल में ले गए। वहां से उन्हें भोपाल रैफर कर दिया। भोपाल में एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
शिक्षा विभाग में गुरुवार का दिन उथल-पुथल वाला रहा। इसके केंद्र में रहे बीआरसी (ब्लॉक स्रोत समन्वयक) और बीईओ पहले तो बीआरसी एसएस सोलंकी से परेशान होकर 16 जनशिक्षक, बीएसी और सीएसी ने सामूहिक इस्तीफा दिया। उसके करीब आधे घंटे बाद महारानी लक्ष्मीबाई कन्या उमावि जनशिक्षा केंद्र के सीएसी चंद्रमोलेश्वर श्रीवास्तव ने बीईओ ऑफिस में जहर खा लिया था। उस पर लापरवाही का आलम यह कि उन्हें करीब आधे घंटे बाद अस्पताल ले जाया गया। संयोग से उनकी इस हालत के पीछे भी बीआरसी की कथित भूमिका बताई जा रही है। जहर खाने वाले सीएसी ने करीब 7 दिन पहले ही कलेक्टर को पत्र लिखकर अपनी हालत बयान कर दी थी।
इसमें उन्होंने कहा था कि बीआरसी, एमएलबी के एक अन्य सीएसी और डीपीसी कार्यालय के एक अन्य कर्मचारी द्वारा उन्हें इतना परेशान किया जा रहा है कि वे आत्महत्या करने को मजबूर हो सकते हैं। कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए। जांच अधिकारी बीईओ एसएन जाटव को बनाया गया। गुरुवार को बीईओ ने शिकायतकर्ता सीएसी को बयान के लिए बुलाया गया था। वहां कुछ ऐसा घटनाक्रम हुआ कि सीएसी ने जहर खा लिया।
अस्पताल में हाल जानने पहुंचीं थीं डीपीसी सोनम जैन
अगर वे नहीं जुड़ते हैं तो उन पर जांच का दबाव डाला जाता है। इसी घटनाक्रम से यह खुलासा हुआ कि इन सभी मामलों की बाकायदा एक लिखित शिकायत की जांच पहले ही चल रही है। 16 जनशिक्षक, सीएसी व बीएसी के इस्तीफे के पीछे की वजह भी लेन-देन ही है। उनका आरोप है कि उनके यात्रा व्यय आदि के भुगतान नहीं किए जा रहे हैं। बीआरसी द्वारा इन्हें पास करने के लिए पैसे की मांग की जा रही है।
सरकारी कागजात व अन्य रिकॉर्ड आज तक नहीं सौंपा गया। उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत उन्होंने बीआरसी और डीपीसी कार्यालय में की। वहां सुनवाई न होने पर कलेक्टर को पत्र लिखा। उनके पत्र के मुताबिक बीआरसी और एमएलबी के एक अन्य सीएसी की आपसी मिलीभगत के चलते उन्हें लगातार अपमानित किया जाता रहा। डीपीसी सोनम जैन काकहना है की यह मामला उनके संज्ञान में नहीं आया था। अगर मामला उनके संज्ञान में होता तो जरूर इसका हल निकाल लिया जाता।
सुबह सीएसी को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था। बीईओ का दावा है कि उन्होंने सीएसी से पूछा कि चार्ज संबंधी विवाद को लेकर उन्होंने कभी किसी अधिकारी को शिकायत की थी या नहीं? इस पर सीएसी ने कहा कि वे शिकायती पत्रों का पूरा रिकॉर्ड लेकर आ रहे हैं। कुछ ही देर बाद वे वापस अंदर आए और कहा कि मैंने जहर खा लिया है।
अब आपको जो पूछना है वह पूछो। वहीं यह बात भी सामने आ रही है कि बीईओ ने सीएसी पर शिकायत वापस लेने और अपनी मूल संस्था में चले जाने का दबाव डाला। इस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ी लापरवाही यह हुई कि करीब आधे घंटे तक सीएसी को अस्पताल ले जाने की कोशिश नहीं की गई। जब उनकी हालत बिगड़ने लगी तब जाकर पुलिस को बुलाया गया।
बीआरसी ने मानसिक स्थिति खराब बताई
गुरुवार को हुए घटनाक्रमों के मुख्य केंद्र रहे बीआरसी श्री सोलंकी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को नकार दिया। उन्होंने कहा कि सीएसी श्रीवास्तव को उन्होंने आज तक देखा ही नहीं है। वे कभी उनके पास आए ही नहीं। चार्ज का जो मुद्दा है, उससे मेरा कुछ भी लेना देना नहीं है। यह काम तो जनशिक्षा केंद्र की प्रिंसीपल काे करना था। उन्होंने कहा कि सीएसी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी.