वर्तमान में मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष कौन हैं
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के वर्तमान अध्यक्ष
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के वर्तमान अध्यक्ष प्रफुल्ल चंद्र पंत
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के सदस्य न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त)
प्रफुल्ल चंद्र पंत (Prafulla
Chandra Pant) को
25 अप्रैल से आयोग का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. सुप्रीम कोर्ट के
पूर्व न्यायाधीश, जस्टिस पंत को 22 अप्रैल, 2019 को NHRC का सदस्य नियुक्त किया गया था. भारत के
पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एचएल दत्तू (Justice H.L. Dattu) के 2 दिसंबर, 2020 को उनके कार्यकाल पूरा होने के बाद से अध्यक्ष का पद खाली है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के प्रथम अध्यक्ष जस्टिस रंगनाथ मिश्रा थे। वे इस पद पर
12 अक्टूबर 1993 से 24 नवम्बर 1996 तक कार्यरत रहे थे।
मानवाधिकार आयोग के अध्यक्षों की सूची
नाम |
कार्यकाल
(पदावधि) |
न्यायमूर्ति
रंगनाथ मिश्रा |
12
अक्टूबर 1993 से 24 नवम्बर
1996 तक |
न्यायमूर्ति
एम. एन. वेंकटचलिया |
26
नवम्बर 1996 से 24 अक्टूबर
1999 तक |
न्यायमूर्ति
जे. एस. वर्मा |
04
नवम्बर 1999 से 17 जनवरी
2003 तक |
न्यायमूर्ति
ए. एस. आनंद |
17
फरवरी 2003 से 31 अक्टूबर
2006 तक |
डॉ
न्यायमूर्ति शिवराज पाटिल (कार्यवाहक) |
01
नवम्बर 2006 से 01 अप्रैल
2007 तक |
न्यायमूर्ति
एस राजेंद्र बाबू |
02
अप्रैल 2007 से 31 मई
2009 तक |
न्यायमूर्ति
जी.पी. माथुर (कार्यवाहक) |
01
जून 2009 से 06 जून
2010 तक |
न्यायमूर्ति
के. जी. बालकृष्णन |
07
जून 2010 से 11 मई
2015 तक |
न्यायमूर्ति
सिरियक जोसेफ (कार्यवाहक) |
11
मई 2015 से 28 फरवरी
2016 तक |
न्यायमूर्ति
एच.एल. दत्तू |
29
फरवरी 2016 से अब तक |
प्रफुल्ल
चंद्र पंत |
02
मई 2021 से अब तक |
मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के अनुसार एनएचआरसी के मुख्य
कार्य:
- मानवाधिकारों के उल्लंघन या किसी लोक सेवक द्वारा ऐसे उल्लंघन की रोकथाम में लापरवाही के खिलाफ किसी पीड़ित या किसी व्यक्ति द्वारा दायर याचिका की या स्वप्रेरणा से पूछताछ करना।
- किसी अदालत के समक्ष न्यायालय की अनुमति के साथ मानवाधिकारों के उल्लंघन के किसी भी मामले की सुनवाई में हस्तक्षेप।
- किसी भी अदालत या कार्यालय से किसी भी सार्वजनिक रिकॉर्ड की मांग या उसकी प्रतिलिपि बनाना।
- कैदियों की स्थिति का अध्ययन करने के लिए किसी भी जेल या नदरबंद स्थान की यात्रा करना और उस पर अनुशंसाएं देना।
- संविधान द्वारा या उसके तहत प्रदान किए गए सुरक्षा उपायों की समीक्षा करें या मानव अधिकारों की सुरक्षा के लिए लागू होने वाले किसी भी कानून की समीक्षा करें और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए उपायों की अनुशंसा करना।
- मानवाधिकारों के उपयोग को रोकने वाले आतंकवादी कृत्यों समेत कारकों की समीक्षा करना और उपयुक्त उपचारात्मक उपायों की सिफारिश करना।.
- मानवाधिकारों के क्षेत्र में अनुसंधान करना और उसे बढ़ावा देना।
- मानवाधिकारों पर संधि और अन्य अंतर्राष्ट्रीय उपकरणों का अध्ययन करने और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सिफारिशें करना।
- समाज के विभिन्न वर्गों में मानवाधिकार साक्षरता फैलाना और इन अधिकारों के संरक्षण हेतु उपलब्ध सुरक्षा उपायों के बारे में जागरुकता को बढ़ावा देना।
- मानवाधिकार के क्षेत्र में काम करने वाले गैर– सरकारी संगठनों और संस्थानों के प्रयासों को प्रोत्साहित करना।
- मानवाधिकारों के लिए अनिवार्य समझे जा सकने वाले अन्य कार्यों को करना.