आमागढ़ फोर्ट के बारे में जानकारी |मीणा समुदाय के बारे में जानकारी
मीणा समुदाय के बारे में जानकारी
- मीणा, जिन्हें मेव या मेवाती के नाम से भी जाना जाता है, पश्चिमी और उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों में रहने वाली एक जनजाति है।
- मीणा समुदाय ने वर्तमान पूर्वी राजस्थान के अधिकांश हिस्सों पर शासन किया था, जिस क्षेत्र को इस समुदाय द्वारा ‘मिंदेश’ (मीणाओं का देश) भी कहा जाता है। बाद में उन्हें राजपूतों द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया गया, जिसमें कछवाहा राजपूत भी शामिल हैं, जिन्होंने अंबर राज्य की स्थापना की, इसे बाद में जयपुर के नाम से जाना गया।
- राजस्थान में इस समुदाय का काफी प्रभाव है। अनुसूचित जनजाति (ST) के लिये आरक्षित 25 विधानसभा सीटों (कुल 200) में से अधिकांश का प्रतिनिधित्व मीणा विधायकों द्वारा किया जाता है।
- नौकरशाही में भी इस समुदाय का बेहतर प्रतिनिधित्व है। इसके आलावा वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य की जनसंख्या में अनुसूचित जनजाति की आबादी 13.48% है।
- साथ ही राज्य भर में बिखरी हुई आबादी के कारण यह समुदाय अनारक्षित सीटों पर भी चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकता है।
आमागढ़ फोर्ट के बारे में जानकारी
- जयपुर स्थित ‘आमागढ़ फोर्ट’ (राजस्थान) आदिवासी मीणा समुदाय और स्थानीय हिंदू समूहों के बीच संघर्ष के केंद्र बन गया है।
- मीणा समुदाय के सदस्यों का कहना है कि ‘आमागढ़ किला’ जयपुर में राजपूत शासन से पहले एक मीणा शासक द्वारा बनाया गया था और सदियों से उनका पवित्र स्थल रहा है।
- उन्होंने हिंदू समूहों पर आदिवासी प्रतीकों को हिंदुत्व में शामिल करने की कोशिश करने और ‘अंबा माता’ का नाम बदलकर ‘अंबिका भवानी’ करने का आरोप लगाया है।
आमागढ़ फोर्ट का इतिहास
- आमागढ़ किले के वर्तमान स्वरूप का निर्माण 18वीं शताब्दी में जयपुर के संस्थापक महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा किया गया था।
- यह माना जाता रहा है कि जय सिंह द्वितीय द्वारा किले के निर्माण से पहले भी इस स्थान पर कुछ संरचनाएँ मौजूद थीं।
- दावे के मुताबिक, यह नदला गोत्र (जिसे अब बड़गोती मीणा के नाम से जाना जाता है) के एक मीणा सरदार द्वारा बनवाई गई थी।
- कछवाहा राजवंश के राजपूत शासन से पहले जयपुर और उसके आस-पास के क्षेत्रों में मीणा समुदाय का शासन एवं राजनीतिक नियंत्रण था।
- गौरतलब है कि मीणा समुदाय के सरदारों ने लगभग 1100 ईस्वी तक राजस्थान के बड़े हिस्से पर शासन किया।