मध्य प्रदेश मंत्री परिषद की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयMP Cabinet Decision 2021
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश में आबकारी सम्बन्धी अपराधों को हतोत्साहित करने की दृष्टि से विभिन्न प्रकार के अपराध पर अधिरोपित होने वाली शास्ति दण्ड तथा फाईन में वृद्धि करने के लिए मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम(संशोधन) विधेयक, 2021 का अनुमोदन किया गया है। इसमें मुख्यत: धारा 49 (ए) के अन्तर्गत जहरीली शराब से सम्बन्धित अपराधों के लिए दण्ड का प्रावधान है। यदि जहरीली शराब के सेवन से किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो इस अपराध के लिए दोषी को आजीवन कारावास या मृत्युदण्ड और न्यूनतम 20 लाख रूपये तक का जुर्माना का प्रावधान किया गया है। इससे अपराधों पर नियंत्रण बढ़ेगा।
संशोधन विधेयक में मानवीय उपयोग के लिए अनुपयुक्त अपमिश्रित मदिरा सेवन से शारीरिक क्षति होने पर पहली बार में न्यूनतम 2 वर्ष और अधिकतम 8 वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम 2 लाख रूपये तक का जुर्माना तथा दूसरी बार अपराध करने पर न्यूनतम 10 वर्ष और अधिकतम 14 वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम 10 लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया है। इसी तरह मानवीय उपयोग के लिए अनुपयुक्त अपमिश्रित मदिरा मिलने पर पहली बार में न्यूनतम 6 माह और अधिकतम 6 वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम 1 लाख रूपये तक का जुर्माना तथा दूसरी बार अपराध करने पर न्यूनतम 6 वर्ष और अधिकतम 10 वर्ष तक का कारावास और न्यूनतम 5 लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। किसी आबकारी अधिकारी द्वारा किसी भी ऐसे व्यक्ति को जो अधिनियम के अंतर्गत कर्त्तव्य निष्पादन में बाधा डाले या हमला करे, उसे गिरफ्तार किया जा सकेगा।
प्रदेश में महुआ आधारित मदिरा को मुख्य धारा में लाने के लिए उसे हैरिटेज (पारम्परिक) मदिरा का दर्जा दिये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके नियंत्रित निर्माण एवं विक्रय के लिए विभाग द्वारा नियम निर्धारित किये जाएंगे। इससे महुआ से निर्मित मदिरा के लघु उद्योग प्रोत्साहित होंगे। अधिनियम में पहले से प्रावधानित आदिवासियों के अधिकार यथावत सुरक्षित रखे जायेंगे।
सिंगरौली के चितरंगी में आईटीआई
एमएसएमई विकास नीति तथा एमएसएमई प्रोत्साहन योजना
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा एक जुलाई 2020 से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों का नये सिर से वर्गीकरण किया गया है। अब तक 10 करोड़ के निवेश प्लांट में और 5 करोड़ तक का निवेश उपकरणों में करने वाली इकाइयाँ एमएसएमई के दायरे में आती थी। नवीन वर्गीकरण अनुसार अधिकतम 50 करोड़ रूपये तक के प्लांट एवं मशीनरी/उपकरणों में निेवेश करने वाली और अधिकतम 250 करोड़ रूपये तक का कारोबार करने वाली इकाइयाँ एमएसएमई के अंतर्गत आ गई है।
डॉयल 100 सेवा योजना की अवधि में वृद्धि
डॉयल 100 सेवा के एफआरवी की पहुँच के विस्तार के लिए अधिकतम 1200 एफआरवी की कार्य-योजना प्रस्तुत की गई है। मंत्रि-परिषद ने 1100 करोड़ 16 लाख रूपये (प्रतिवर्ष 183 करोड़ 36 लाख) की परियोजना तथा उक्त परियोजना की अवधि एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2027 तक की स्वीकृति प्रदान की।
बीना में अस्थाई कोविड अस्पताल
महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2021
महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय अधिनियम, 1991 में प्रबंध बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कुलाधिपति का प्रावधान है। मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 अन्तर्गत स्थापित 8 विश्वविद्यालयों, 5 अन्य विश्वविद्यालयों तथा 2 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के अधिनियम में कार्यपरिषद/ प्रबंध बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कुलपति का प्रावधान है।