नीरज चोपड़ा : एथलेटिक्स में मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा बने पहले भारतीय जाने कैसे हुई जेवलीन थ्रो के सफर की शुरुआत | Neeraj Chopra - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शनिवार, 7 अगस्त 2021

नीरज चोपड़ा : एथलेटिक्स में मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा बने पहले भारतीय जाने कैसे हुई जेवलीन थ्रो के सफर की शुरुआत | Neeraj Chopra

  नीरज चोपड़ा : एथलेटिक्स में मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा बने पहले भारतीय  जाने कैसे हुई जेवलीन थ्रो के सफर की शुरुआत

नीरज चोपड़ा : एथलेटिक्स में मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा बने पहले भारतीय  जाने कैसे हुई जेवलीन थ्रो के सफर की शुरुआत | Neeraj Chopra



टोक्यो ओलंपिक में पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाले नीरज चोपड़ा ने अपने शानदार प्रदर्शन से पूरे देश को ही नहीं दुनिया को रोमांचित कर दिया। ओलंपिक के इतिहास में अब तक भारत को केवल 9 स्वर्ण पदक ही मिले थे और अब उन्होंने 10वां गोल्ड मेडल दिलाया है। अभिनव बिंद्रा के बाद वे दूसरे भारतीय हैं जिन्होंने एकल स्पर्धा में स्वर्ण पदक दिलाया है। जेवलीन थ्रो में नीरज ने इतिहास रच दिया और एथलेटिक्स में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बन गए।

 

 नीरज चोपड़ा कौन हैं 


हरियाणा के नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलिंपिक में एथलेटिक्स में देश के लिए मेडल जीतने वाले पहले एथलीट बन गए हैं। उन्होंने फाइनल में 87.58 मीटर जेवलिन थ्रो कर गोल्ड मेडल जीता। यह उनका पहला ही ओलिंपिक है। इससे पहले वे पूल ए के क्वालिफिकेशन में 86.65 मीटर थ्रो कर पहले स्थान पर थे। उनका पर्सनल बेस्ट थ्रो (88.07 मीटर) है।

 

नीरज चोपड़ा सेना में अधिकारी हैं और उन्होंने पहली बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया। वे किसान परिवार से आते हैं और उन्होंने अपनी मेहनत और संघर्ष के बल पर टोक्यो में भारत का तिरंगा सबसे ऊंचा किया। नीरज चोपड़ा केवल 23 साल की आयु में इतिहास रचकर सभी युवाओं के लिये प्रेरणा बन गये।

 

 नीरज चोपड़ा का जीवन परिचय 

24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के खांद्रा गांव में नीरज चोपड़ा का जन्म हुआ था। जेवलिन थ्रो के फाइनल में गोल्ड जीतने वाले नीरज इस गेम में अचानक आए थे। उन्होंने जिम छोड़कर जेवलिन थ्रो करना शुरू किया था। नीरज शुरुआत में शारीरिक रूप से ज्यादा फिट नहीं थे, मोटोपे का शिकार थे, इसलिए वजन कम करने के लिए पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में जाने लगे। स्टेडियम में जेवलिन थ्रो की प्रैक्टिस करने वाले खिलाड़ियों को देखकर उनके मन में आया कि मैं इसे और दूर तक फेंक सकता हूं।

 

एक बार स्टेडियम में कुछ बच्चे जेवलिन कर रहे थे। नीरज वहां जाकर खड़े हो गए, तभी कोच ने उनसे कहा कि आओ जेवलिन फेंको, देखें आप कहां तक फेंक पाते हो। नीरज ने जेवलिन फेंका, तो वह काफी ज्यादा दूर जाकर गिरा। इसके बाद कोच ने उन्हें रेगुलर ट्रेनिंग में आने के लिए कहा। और यही से उऩकी एंट्री जेवनील थ्रो में हुई कुछ दिनों तक नीरज ने पानीपत स्टेडियम में ट्रेनिंग की, फिर पंचकूला में चले गए और वहां ट्रेनिंग करने लगे।

 

 नीरज चोपड़ा के रिकॉर्ड 

2016 में नीरज ने जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया था, इसके बावजूद वे रियो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर सके थे। नीरज ने यह रिकॉर्ड 23 जुलाई को बनाया था, जबकि रियो के लिए क्वालिफाई की आखिरी तारीख 23 जुलाई थी। वर्ल्ड रिकॉर्ड के बाद सेना ने नीरज को जूनियर कमीशंड ऑफिसर की पोस्ट देते हुए नायब सूबेदार के पद पर नियुक्त किया। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 2018 एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता।

 

 नीरज चोपड़ा द्वारा जीते गए मेडल 

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नीरज 6 बड़े टूर्नामेंट में मेडल जीत चुके हैं। वे 2018 में जकार्ता एशियन मेम्स, गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स, 2017 में एशियन चैंपियनशिप, 2016 में साउथ एशियन गेम्स, 2016 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। जबकि 2016 में जूनियर एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था। टोक्यो ओलंपिक में नीरज ने क्वालीफिकेशन में जिस तरह का प्रदर्शन किया और वह ग्रुप ए में पहले स्थान पर रहे थे, उसके बाद उनसे सोना लाने की संभावना बढ़ गई है।