तुलसी भरोसे राम के, निर्भय हो के सोए का हिन्दी अर्थ | Tulsi Bharose Raam Ke Dohe Ka Arth - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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गुरुवार, 16 सितंबर 2021

तुलसी भरोसे राम के, निर्भय हो के सोए का हिन्दी अर्थ | Tulsi Bharose Raam Ke Dohe Ka Arth

तुलसी भरोसे राम के, निर्भय हो के सोए का हिन्दी अर्थ 
Tulsi Bharose Raam Ke Dohe Ka Arth

तुलसी भरोसे राम के, निर्भय हो के सोए का हिन्दी अर्थ  Tulsi Bharose Raam Ke Dohe Ka Arth



तुलसीदास के विचारों ने समय -समय पर देश के लोगों को नई ऊर्जा और सोच का अनुभव कराया है। तुलसीदास की दूरदर्शिता और ऊर्जावान विचार आज भी लोगों को एक नई राह दिखाने का सामर्थ्य रखते हैं।


तुलसी भरोसे राम केनिर्भय हो के सोए। 

अनहोनी होनी नहीहोनी हो सो होए।


अर्थ -


तुलसीदास कहते हैंभगवान पर भरोसा करें और किसी भी भय के बिना शांति से सोइए। कुछ भी अनावश्यक नहीं होगाऔर अगर कुछ अनिष्ट घटना ही है तो वो घटकर ही रहेगी इसलिए बेकार की चिंता और उलझन को छोड़कर मस्त रहना चाहिए।