विश्व एड्स दिवस कब और क्यों मनाया जाता है । एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS) क्या है? । Vishv AIDS Divas 2021 Hindi - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

Breaking

रविवार, 21 नवंबर 2021

विश्व एड्स दिवस कब और क्यों मनाया जाता है । एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS) क्या है? । Vishv AIDS Divas 2021 Hindi

 विश्व एड्स दिवस कब और क्यों मनाया जाता है

विश्व एड्स दिवस कब और क्यों मनाया जाता है । एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS) क्या है? । Vishv AIDS Divas 2021  Hindi



Vishv AIDS Divas 2021Hindi विश्व एड्स दिवस

पुरे विश्व में प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य एचआईवी के बारे में लोगों की जागरूकता बढ़ाने, उन्हें शिक्षित करने और एक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में सबकी समझ विकसित करना है। उल्लेखनीय है कि लाल रिबन (red ribbon) एचआईवी पीड़ित लोगों के लिए जागरूकता और समर्थन का सार्वभौमिक प्रतीक है। 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस की मनाने की शुरुआत वर्ष 1988 से हुई।


World AIDS DAY 2021 Theme

World AIDS DAY 2021 Theme


एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS) क्या है?

एचआईवी एक प्रकार के जानलेवा इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है। इसे मेडिकल भाषा में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (human immunodeficiency virus- HIV) यानि एचआईवी के नाम से जाना जाता है। जबकि लोग इसे आम बोलचाल में एड्स के नाम से जानते हैं। इस रोग में जानलेवा इंफेक्शन व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) पर हमला करता है। जिसकी वजह से शरीर सामान्य बीमारियों से लड़ने में भी अक्षम होने लगता है।


ह्यूमन इम्यूनोडिफिशियेंसी वायरस (एचआईवी)संक्रमण, मानव शरीर में कुछ प्रकार के कैंसर एवं संक्रमण के ख़िलाफ लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली (रक्षा प्रणाली) को कमजोर करता है। इस इम्यूनोडिफिशियेंसी के परिणामस्वरुप संक्रमण, कैंसर और अन्य रोगों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है, जिसमें स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग प्रतिरोध करते हैं।


एचआईवी संक्रमण के सबसे उन्नत चरण को अक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशियेंसी सिंड्रोम (एड्स) कहा जाता है।

एचआईवी के लक्षण संक्रमण के स्तर के आधार पर भिन्न होते हैंI प्रारंभिक संक्रमण के बाद पहले कुछ हफ़्तों में व्यक्ति को किसी तरह के लक्षणों का अनुभव नहीं होता है या बुखार, सिरदर्द, दाने या गले में ख़राश सहित इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण महसूस हो सकते है।

संक्रमण बढ़ने पर किसी व्यक्ति में अन्य संकेत एवं लक्षण जैसे कि लिम्फ नोड्स में सूजन, वज़न में कमी, बुखार, दस्त और खांसी हो सकती है।

उपचार के बिना उनमें गंभीर रोगों जैसे कि तपेदिक, मेनिन्जाइटिस, गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण और कैंसर विकसित हो सकता हैं।


कैसे होता है एचआईवी और एड्स का प्रसार?

  • असुरक्षित तरीके से यौन गतिविधि
  • असुरक्षित तरीके से रक्त चढ़ाना
  • इंजेक्शन की सुईयों का इस्तेमाल एक से अधिक लोगों पर करना
  • एचआईवी पीड़ित महिला द्वारा स्तनपान कराना-
  • एड्स संक्रमित माँ से उसके होने वाली संतान को।


क्या संभव है एचआईवी और एड्स का ईलाज?

  • उल्लेखनीय है कि एचआईवी और एड्स का वर्तमान में पूर्ण इलाज संभव नहीं है। एचआईवी और एड्स के पीड़ित रोगीयों को एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (Antiretroviral Therapy) द्वारा इलाज किया जाता है जिसमे अलग-अलग दवाओं के माध्यम से इसके वायरस को नियंत्रित किया जाता है।
  • जब एचआईवी एड्स से पीड़ित व्यक्ति को उपचार के किसी भी तरीके से आराम नहीं मिलता है, तब डॉक्टर उसे वायरल लोड कराने की सलाह देते हैं जिसमे मानवशरीर में वायरस की गुणवत्ता का पता लगाकर व्यक्ति का इलाज किया जाता है।


एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS) को रोकने हेतु प्रमुख भारतीय पहल


राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO): 

भारत सरकार ने राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की स्थापना की। इस संगठन का उद्देश्य देश में एचआईवी एवं एड्स के रोकथाम एवं नियंत्रण संबंधी नीतियाँ तैयार करना, उसका कार्यान्वयन एवं परिवीक्षण करना है। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के क्रियान्वयन संबंधी अधिकार भी इसी संगठन को प्राप्त हैं।


राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीपी) : 

  • इसका उद्देश्य नए एचआईवी संक्रमणों में 2024 तक 2010 की आधार रेखा आंकड़ों में 80 प्रतिशत की कमी लाना है। इसके अलावा, 2024 तक, यह सुनिश्चित करने का भी लक्ष्य है कि देश में 95 प्रतिशत उन व्यक्तियों, जिन्हें एचआईवी पॉजिटिव होने के बारे में जानकारी हैं, 95 प्रतिशत उन व्यक्तियों, जिन्हें उनका उपचार किए जाने की जानकारी है तथा 95 प्रतिशत व्यक्तियों को उपचार के दौरान कई बार वॉयरल हुआ । राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम तीन स्तम्भ निवारण, परिचर्या काउंसलिंग तथा उपचार पर आधारित है।


इम्यूनो डिफिसीएंसी वायरस तथा एक्वायर्ड इम्यून डिफिसीएंसी सिंड्रोम (निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 2017: 

  • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने ह्यूमन इम्यूनो डिफिसीएंसी वायरस तथा एक्वायर्ड इम्यून डिफिसीएंसी सिंड्रोम (निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 2017 को 10 सितंबर, 2018 से लागू करने के लिए अधिसूचना जारी की है। इस अधिनियम का उद्देश्य एचआईवी के शिकार और प्रभावित लोगों को सुरक्षा प्रदान करना है। अधिनियम के प्रावधानों में एचआईवी से संबंधित भेदभाव, कानूनी दायित्व को शामिल करके वर्तमान कार्यक्रम को मजबूत बनाना तथा शिकायतों और शिकायत निवारण के लिए औपचारिक व्यवस्था स्थापित करना है।


टैस्ट एण्ड ट्रीट: 

  • 2017 में ‘’टैस्ट एण्ड ट्रीट’’ कार्यक्रम की शुरुआत के साथ ही ऐसे प्रत्येक पी एल एचआईवी को, जिनमें जांच के दौरान एच आई वी पॉजिटिव होने का पता लगता है फौरन एआरटी पर डालने की व्यवस्था की गई है।


लक्षित हस्तक्षेप (टीआई) कार्यक्रम: 

  • यह 'सामाजिक अनुबंध' की अवधारणा को केन्द्रित करता है और जिसके माध्यम से लक्षित उद्देश्य (टीआई) कार्यक्रम को लागू किया जाता है। इसमें गैर-सरकारी संगठनों के समर्थन के साथ अनेक कार्यक्रम संचालित करने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। जिनमें पहुंच को सुनिश्चित करना, सेवा वितरण, परामर्श तथा परीक्षण और एचआईवी देखभाल करना शामिल हैं।


राष्ट्रीय कार्यनीतिक योजना 2017-2024: 

  • यह कार्यनीतिक योजना न केवल 90:90:90 के लक्ष्य को अर्जित करने के लिए एक रोड मैप का रास्ता प्रशस्त करेगी, बल्कि 2030 तक एड्स की महामारी समाप्त करने की रणनीति में तेजी लाने के लिए अपने साझेदारों के साथ मिलकर प्रयास भी करेगी।


'मिशन संपर्क':

  • परीक्षण और उपचार नीति के तहत ऐसे लगभग 50,000 पीएलएचआईवी जिनका फॉलो-अप नहीं हो पाया था, उन्हें 'मिशन संपर्क' के माध्यम से एंटीरेट्रोवाइरल उपचार सेवाओं से जोड़ा गया।

.

वायरल लोड टेस्टिंग सुविधाओं में वृद्धि: 

देश भर में वायरल लोड टेस्टिंग सुविधाओं को मौजूदा दस सार्वजनिक क्षेत्र की प्रयोगशालाओं से 64 प्रयोगशालाओं तक बढ़ाया गया है।