कलियासोत डेम:जल-संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने कलियासोत डेम से निकलने वाली नहरों का किया निरीक्षण । kaliya set Dam - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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सोमवार, 29 नवंबर 2021

कलियासोत डेम:जल-संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने कलियासोत डेम से निकलने वाली नहरों का किया निरीक्षण । kaliya set Dam

 कलियासोत डेम से निकलने वाली नहरों का किया निरीक्षण

कलियासोत डेम:जल-संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने कलियासोत डेम से निकलने वाली नहरों का किया निरीक्षण । kaliya set Dam



जल-संसाधन एवं मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने भोपाल के कालियासोत  डेम से निकलने वाली हुजूर क्षेत्र की विभिन्न नहरों का निरीक्षण किया। श्री सिलावट ने कहा कि वह भविष्य में इन नहरों को पाइप लाइन में बदलने की योजना की तैयारियों पर काम कर रहे हैं। इससे यहाँ से पानी सप्लाई के साथ सड़क निर्माण भी कराया जा सके। इस दौरान विधायक श्री रामेश्वर शर्मा और विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

 

विभाग के अधिकारियों को लगाई फटकार

 

मंत्री श्री सिलावट ने निरीक्षण के दौरान नहरों के अतिक्रमण और नहरों में गंदगी देखकर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को क्षेत्र में जाकर नहरों के हालात का जायजा लेना होगा और किसानों से सिंचाई की व्यव्यस्था पर जानकारी लेनी होगी। श्री सिलावट ने कहा कि अधिकारी किसानों की समस्याओं संबंधी जानकारी जुटाएँ और उन्हें लाभ पहुँचे, ऐसी योजना तैयार करें। उन्होंने जल्द से जल्द प्रदेश के सभी नहरों को अतिक्रमण मुक्त और साफ-सफाई कराने के निर्देश दिए।

 

किसानों से करें संवाद

 

जल-संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश की नहरों और तालाबों को अतिक्रमण मुक्त किया जाए। गहरीकरण एवं सौन्दर्यीकरण किया जाए। तालाबों में सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जाए। उन्होंने अधिकारियों को किसानों से संवाद करने के निर्देश देते हुए कहा कि वे किसानों की समस्याओं को जाने और उसका निराकरण करें। किसानों को सिंचाई के लिए समय पर पानी उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित करना होगा।

 

स्प्रिंकलर से सिंचाई पर दिया जोर

 

मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि जल-संसाधन विभाग किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्नत कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई कार्य किये जा रहे हैं, इनमें स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक को शामिल किया जा रहा है। इस तकनीक से पानी के अपव्यय को रोका जा सकता है। ज्यादा फसल प्राप्त कर सकते हैं। किसानों की फसलों के लिए सिंचाई जरूरी है। सिंचाई के कई नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिनमें ड्रिप सिंचाई, फव्वारा विधि से सिंचाई आदि शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिंचाई करने पर पानी की बचत के साथ बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने सिंचाई सुविधा के लिये अधिकारियों को योजना बनाने के निर्देश दिए