वैलेंटाइन-डे 14 फरवरी को ही क्यों और किसकी याद में मनाया जाता है
वैलेंटाइन-डे को लेकर वर्तमान समय में दुनियाभर के युवाओं में उत्साह देखने को मिलता है। इसे आम तौर पर प्यार का इजहार करने का दिन माना जाता है, मगर बहुत से लोगों को यह नहीं मालूम होता कि आखिर क्यों इस दिन को खास महत्व दिया जाता है। इसके पीछे क्या इतिहास जुड़ा है और क्योंकि इसे वैलेंटाइन-डे के रूप में मनाया जाता है।
वैलेंटाइन-डे का इतिहास (कहानी) Story of Valentin Day in Hindi
वैलेंटाइन-डे के बारे में ‘ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिन’ की किताब में जिक्र किया गया था। इसमें बताया गया है कि यह दिन रोम के पादरी संत वैलेंटाइन को समर्पित है।
पादरी संत वैलेंटाइन के बारे कहा जाता है कि 270 ईसवी में संत वैलेंटाइन हुआ करते थे, जो प्रेम को बहुत
बढ़ावा देते थे। वहीं उस समय रोम के राजा प्रेम संबंधों के सख्त विरोध में थे। यही
कारण है कि संत वैलेंटाइन के बारे में यह बातें रोम के राजा को खटकती थीं, क्योंकि वह प्रेम
विवाह में विश्वास नहीं रखते थे।
रोम के राजा क्लाउडियस और पादरी संत वैलेंटाइन
रोम के राजा क्लाउडियस का यह मानना था कि प्रेम या किसी के प्रति झुकाव के चलते सैनिकों का ध्यान भंग होता था और रोम के लोग सेना में भर्ती नहीं होना चाहते थे। ऐसे में क्लाउडियस के रोम में सैनिकों की शादी और सगाई पर पाबंदी लगा दी गई।
यह बात संत वैलेंटाइन को बिल्कुल पसंद नहीं आई और उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाकर विरोध जताया। इतना ही नहीं, संत वैलेंटाइन ने रोम के राजा के निर्णय के विरुद्ध जाकर शादियां भी कराईं।
इस वजह से रोम के राजा क्लाउडियस द्वारा 14 फरवरी के दिन संत वैलेंटाइन को फांसी पर चढ़ा दिया गया था। तब से संत वैलेंटाइन की याद में 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे सेलिब्रेट किया जाने लगा।
पहली बार कब मनाया गया था वैलेंटाइन-डे
वर्ष 496 में पहला वैलेंटाइन-डे
मनाया गया था। इसके मुताबिक वैलेंटाइन-डे की शुरुआत रोमन फेस्टिवल से हुई थी। 5वीं
शताब्दी के अंत तक, पोप गेलैसियस ने
14 फरवरी को सेंट वैलेंटाइन-डे घोषित कर दिया था, तभी से यह मनाया जाने लगा। रोमवासियों का
लुपर्केलिया नामक एक त्योहार फरवरी के मध्य में मनाया जाता था, इस दिन सामूहिक
विवाह होते हैं।