जबलपुर में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस स्मृति संग्रहालय तो भोपाल में प्रतिमा स्थापना की पहल। MP Sahid Smriti Tirth Shtal - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शनिवार, 22 जनवरी 2022

जबलपुर में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस स्मृति संग्रहालय तो भोपाल में प्रतिमा स्थापना की पहल। MP Sahid Smriti Tirth Shtal

  नेताजी सुभाष चन्द्र बोस स्मृति संग्रहालय 

जबलपुर में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस स्मृति संग्रहालय तो भोपाल में प्रतिमा स्थापना की पहल। MP Sahid Smriti Tirth Shtal


अंडमान की तर्ज पर मध्यप्रदेश में शहीद स्मृति में नए तीर्थ का उदय

मध्यप्रदेश सरकार ने दिया नेताजी सुभाष चंद्र बोस को विशेष सम्मान
जबलपुर में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस स्मृति संग्रहालय तो भोपाल में प्रतिमा स्थापना की पहल
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जबलपुर जेल का नाम किया था नेताजी जी के नाम पर


 मध्यप्रदेश में शहीद स्मृति में नए तीर्थ


मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 23 जनवरी 2021 को जबलपुर में केंद्रीय कारावास में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की स्मृति में संग्रहालय के विकास और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बैरक को आमजन के लिए दर्शनार्थ प्रारंभ करने की घोषणा पर अमल की शुरूआत रविवार, 23 जनवरी 2022 को सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर हो रही है। इसके लिए जबलपुर में आवश्यक तैयारियाँ पूर्ण कर ली गई हैं। सप्ताह में दो दिवस आमजन सुभाष चंद्र बोस जी के उस कक्ष को देख सकेंगे जहाँ उन्हें बंदी बनाया गया था। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वर्ष 2007 में जबलपुर जेल का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर किया था। इसके साथ ही यहाँ स्मारक के निर्माण और विकास की पहल भी प्रारंभ हुई थी।


अंडमान निकोबार स्थित सेल्युलर जेल को जिस तरह वीर सावरकर मेमोरियल के रूप में विकसित किया गया है, उसी तरह जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस कारावास को एक प्रेरक स्थल के रूप में विकसित करने की ठोस पहल के अंतर्गत अनेक कार्य हुए हैं। इनमें प्रमुख रूप से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की उपयोग की गई वस्तुओं जैसे उनके वस्त्र, उन्हें पहनाई गई बेड़ियाँ, उनके हस्तलिखित पत्र और उनकी जेल यात्रा से संबंधित अभिलेख को संकलित कर एक संग्रहालय का स्वरूप दिया गया है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बैरक तक पहुँचने के लिए एक पैसेज का निर्माण किया गया है। कारावास में मुख्य द्वार के अलावा अन्य नया मार्ग बनाकर इस कक्ष तक पहुँचने की सुविधा विकसित की गई है। इस पैसेज में दोनों ओर रंग-बिरंगे फूलों के पौधे लगाए गए हैं। इस सिलसिले में मध्यप्रदेश सरकार की पहल से यह प्रदेश का प्रथम और देश का द्वितीय नेताजी सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय होगा। संग्रहालय और नेताजी के कारावास वाले कक्ष के दर्शन के लिए नागरिकों को कोई शुल्क नहीं देना होगा। नई दिल्ली में वर्ष 2019 से नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की स्मृति में एक संग्रहालय स्थापित है।


भोपाल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रतिमा की स्थापना


भोपाल में नवनिर्मित सुभाष नगर रेलवे ओवर ब्रिज के निकट नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित की गई है। साथ ही भोपाल में संस्कृति विभाग के सहयोग से "आय एम सुभाष" नाटक का मंचन भी शहीद भवन में हो रहा है।

मध्यप्रदेश के लिए यह पहल इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने नई दिल्ली में इंडिया गेट के पास नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापना की घोषणा की है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वीरों को सम्मान देते हुए आजादी के अमृत महोत्सव में अनेक कदम उठाए गए हैं। इस श्रंखला में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रति कृतज्ञ राष्ट्र द्वारा प्रतिमाओं की स्थापना और जबलपुर जेल में सुभाष वार्ड के विकास के कार्य ऐतिहासिक सिद्ध होंगे।


राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा देने का कार्य करेगा सुभाष वार्ड


नेताजी सुभाष चंद्र बोस केन्द्रीय जेल जबलपुर में स्थित सुभाष वार्ड देशभक्ति के प्रेरणा स्थल के रूप में विकसित कर आमजन के लिए खोला जा रहा है। यहाँ पृथक मार्ग एवं प्रवेश द्वारा बनाया गया है। सुभाष वार्ड के दर्शन के लिए आने-जाने वालों के लिए एक स्वागत कक्ष भी होगा। जेल प्रशासन ने एक डाक्यूमेंट्री फिल्म तैयार की है, जो नेताजी के बलिदान और जीवन संघर्ष पर केन्द्रित है। लोक निर्माण विभाग के सहयोग से जेल के बंदी कलाकारों और श्रमिकों ने सुभाष वार्ड के जीर्णोद्धार और परिसर की साज-सज्जा का कार्य किया है। प्रति शनिवार और रविवार सुबह 10 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक सुभाष वार्ड दर्शनार्थियों के लिए खुला रहेगा। वर्तमान में कोविड संक्रमण के दृष्टिगत आवश्यक प्रोटोकॉल के साथ आगंतुकों को अपना आय.डी. लाने का आग्रह और आवश्यक सुरक्षा नियमों के पालन का अनुरोध किया गया है।