PESA अधिनियम क्या है? | PESA ACT in HIndi |पेसा अधिनियम क्या है - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

Breaking

गुरुवार, 24 फ़रवरी 2022

PESA अधिनियम क्या है? | PESA ACT in HIndi |पेसा अधिनियम क्या है

 PESA अधिनियम क्या है? ,  PESA ACT in HIndi , पेसा अधिनियम क्या है 

PESA अधिनियम क्या है? | PESA ACT in HIndi |पेसा अधिनियम क्या है


PESA अधिनियम क्या है? PESA ACT in HIndi 


PESA Ka Full Form : 

  • पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम 1996 : PESA Act
  • Panchayats (Extension to Scheduled Areas) Act, 1996 or PESA 


पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम 1996:

भारतीय संविधान के 73 वें संशोधन में देश में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था लागू की गई थी। लेकिन यह महसूस किया गया कि इसके प्रावधानों में अनुसूचित क्षेत्रों विशेषकर आदिवासी क्षेत्रों की आवश्यकताओं का ध्यान नहीं रखा गया है।

इस कमी को पूरा करने के लिए संविधान के भाग 9 के अन्तर्गत अनुसूचित क्षेत्रों में विशिष्ट पंचायत व्यवस्था लागू करने के लिए पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम 1996 बनाया गया।

इस अधिनियम को 24 दिसम्बर 1996 को राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित किया गया था।


पेसा अधिनियम  PESA ACT की विशेषताएँ:


यह संविधान के भाग 9 के पंचायत से जुड़े प्रावधानों को संशोधनों के साथ अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तारित करता है।

यह अधिनियम जनजातीय समुदाय को भी स्वशासन का अधिकार प्रदान करता है।

इसका उद्देश्य सहयोगी लोकतन्त्र के तहत ग्राम प्रशासन स्थापित करना और ग्राम सभा को सभी गठिविधियों का केंद्र बनाना है।

इसमें जनजातीय समुदाय की परम्पराओं और रिवाजों की सुरक्षा और संरक्षण का भी प्रावधान किया गया है।

यह जनजातीय लोगों की आवश्यकताओं के अनुरूप उपर्युक्त स्तरों पर पंचायतों को विशिष्ट शक्तियों से युक्त बनाता है।


मध्यप्रदेश में PESA अधिनियम की स्थिति 


ग्राम सभा क्या होती है?

ग्राम सभा एक ऐसा निकाय है जिसमें वे सभी लोग सम्मिलित होते हैं जिनके नाम ग्राम स्तर पर पंचायत की निर्वाचन सूची में दर्ज होते हैं।

ग्राम सभा को संविधान के अनुच्छेद 243ख में परिभाषित किया गया है।

ग्राम सभा से जुड़े प्रावधानों को संविधान में 73वें संविधान संशोधन के माध्यम से जोड़ा गया था।

ग्राम सभा की मतदाता सूची में दर्ज 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्ति ग्राम सभा के सदस्य होते हैं।

पंचायती राज अधिनियम के अनुसार ग्राम सभा की बैठकें साल में कम से कम दो बार अवश्य होनी चाहिए। ग्राम पंचायत को अपनी सुविधानुसार ग्राम सभा की बैठक आयोजित करने का अधिकार है।