मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में गृह-प्रवेश (MP PM House Rural Events 2022)
मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में गृह-प्रवेश कार्यक्रम 2022
प्रधानमंत्री श्री
नरेन्द्र मोदी 29 मार्च को प्रदेश के 5 लाख 21 हजार हितग्राहियों को प्रधानमंत्री
आवास योजना (ग्रामीण) में गृह-प्रवेश (वर्चुअल) करायेंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी
गृह प्रवेश करवाने के बाद हितग्राहियों से वर्चुअल संवाद भी करेंगे। इस राज्य
स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान छतरपुर जिले से शामिल
होंगे। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण दूरदर्शन, इलेक्ट्रानिक और
सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर होगा।
मुख्यमंत्री श्री
शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि केन्द्र और राज्य सरकार का संकल्प है कि हर गरीब परिवार
का अपना पक्का मकान हो। इस संकल्प की पूर्ति के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना
(ग्रामीण) में वर्ष 2024 तक हर व्यक्ति को पक्का आवास उपलब्ध कराया जायेगा। प्रदेश
में अभी तक इस योजना में 24 लाख 10 हजार से अधिक आवास पूर्ण कराये जा चुके हैं।
योजना के विशेष प्रोजेक्ट में बैगा, सहरिया एवं
भारिया जनजातियों के स्वीकृत आवासों में से 23 हजार से अधिक आवास पूर्ण कराये जा
चुके हैं।
सामाजिक, आर्थिक एवं जाति
जनगणना-2021 की सर्वे सूची में छूटे हुए पात्र व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास
दिलवाने के लिये आवास प्लस योजना शुरू की गई है। इसमें प्रदेश में छूटे हुए 31 लाख
36 हजार परिवारों का नाम जोड़ा गया है, जिन्हें भारत
सरकार की गाइड-लाइन अनुसार आवास दिये जा सकेंगे।
योजना में
अभ्युदय नवाचार के माध्यम से ऐसे ग्राम अथवा ग्राम पंचायतें, जहाँ 100 से अधिक
आवास बन रहे हैं, वहाँ विभिन्न योजनाओं को जोड़कर एकीकृत
कार्य-योजना बनाई जाती है, जिससे ग्राम एवं ग्रामीणों का सर्वांगीण विकास
हो सके। इसमें सामुदायिक और व्यक्तिगत अधोसंरचना निर्माण, सामाजिक सुरक्षा, आजीविका
सुदृढ़ीकरण आदि कार्य किये जाते हैं। अभ्युदय नवाचार में पूरे प्रदेश में अभी तक 2731
ग्रामों का चिन्हांकन किया गया है, जिनमें से 1668
ग्रामों के सर्वांगीण विकास की विस्तृत कार्य-योजना बनाई जा चुकी है।
मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में भवन निर्माण
आवास निर्माण में फ्लाई ऐश ब्रिक्स के उपयोग के लिये हितग्राहियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह ईंटें सामान्य ईंट की तुलना में सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण होती हैं। प्रदेश में स्व-सहायता समूहों को भी आवास निर्माण के कार्य से जोड़ा गया है। प्रदेश में 33 स्व-सहायता समूहों के 300 से ज्यादा सदस्य लगभग 60 से 65 हजार फ्लाई ऐश ईंट प्रतिदिन बना रहे हैं। इसके अलावा लगभग 2800 स्व-सहायता समूहों के 11 हजार 840 सदस्यों को बैंकों से ऋण दिलवा कर सेन्टरिंग सामग्री उपलब्ध कराई गई है। इन कार्यों से ग्रामीण क्षेत्र के स्व-सहायता समूहों की महिलाओं का आर्थिक सुदृढ़ीकरण भी हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान की इस योजना में विशेष रूचि होने से प्रदेश में तेजी से कार्य किया जा रहा है, जिसके अच्छे परिणाम भी सामने आये हैं।