मध्य प्रदेश मंत्रि-परिषद की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय ( MP Cabinet March 2022)
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की
अध्यक्षता में आज मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। मंत्रि-परिषद ने वर्तमान परिदृश्य के
अनुरूप वन प्रबंधन में समुदायों की भूमिका को सशक्त करने के लिए मध्यप्रदेश शासन
के नवीन संकल्प, 2021
का अनुमोदन (अक्टूबर 2021 में किया है) अनुरूप वनों के संरक्षण एवं विकास में
जन-सहयोग प्राप्त हो सकेगा। पिछले दो दशकों में नीतिगत, वैधानिक एवं कार्यकारी वातावरण में आये
परिवर्तनों को समाहित कर पुनरीक्षित संकल्प, 2021 का अनुमोदन किया गया है। इस
पु
नरीक्षित संकल्प के अनुसार तीन प्रकार की समितियों के स्थान पर अब एक समिति ही
गठित की जायेगी, जिसे
सामुदायिक वन प्रबंधन समिति कहा जायेगा। प्रत्येक वन समिति के सदस्यों में से एक
तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। ग्राम पंचायत का सरपंच कार्यकारणी का
पदेन सदस्य होगा। कार्यकारणी के अध्यक्ष के पद पर पुरुष का चयन होने पर उपाध्यक्ष
का पद महिला के लिए आरक्षित रहेगा। समिति के गठन एवं संचालन में सामुदायिक
सशक्तिकरण तथा संस्थागत जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कार्यकारिणी को गठित करने
एवं समुदाय की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य न करने पर पुनर्गठित करने का अधिकार
ग्राम सभा को सौंपा गया है। समितियों के लेखाओं का ऑडिट करने का प्रावधान किया गया
है।
मध्य प्रदेश मंत्रि-परिषद की बैठक महत्वपूर्ण निर्णय
इसी प्रकार से पूर्व में जिला स्तर पर मुख्य पातन से प्राप्त काष्ठ के
बिक्री मूल्य से समस्त व्यय घटाकर प्राप्त शुद्ध लाभ की 20 प्रतिशत राशि समितियों
को देने के प्रावधान के स्थान पर समिति के क्षेत्र से प्राप्त राजस्व में से 20
प्रतिशत अंश समिति को देने का प्रावधान किया गया है। राजस्व में हिस्सा देने से
प्रदेश की समस्त अच्छा कार्य करने वाली सभी समितियों को लाभांश प्राप्त हो सकेगा।
वन आश्रित समुदाय को दैनिक जरूरत की जलाऊ, बाँस एवं बल्ली वैधानिक रूप से प्राप्त
हो सकेगी, जिससे
वन प्रबंधन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड
के क्षेत्रों में निर्णय लेने का अधिकार निगम के संचालक मंडल को सौंपा गया है।
मध्य प्रदेश सौर ऊर्जा पार्क की स्थापना Solar Park Project MP
मंत्रि-परिषद द्वारा नवीन एवं नवकरणीय
ऊर्जा मंत्रालय (MNRE), भारत सरकार की सौर ऊर्जा पार्क योजना में अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल
एनर्जी पावर पार्क्स (Ultra Mega Renewable Energy Power Parks -UMREPPS) मोड में स्वीकृत ओंकारेश्वर फ्लोटिंग
सौर पार्क 600 मेगावाट और छतरपुर सौर ऊर्जा पार्क 950 मेगावाट को विकसित किये जाने
की स्वीकृति दी। इन पार्क के विकास के लिये RUMSL सौर पार्क परियोजना विकासक (Solar
Park Project Developer- SPPD) होगा। सौर परियोजनाओं से उत्पादित विद्युत का क्रय म.प्र. पावर
मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (MPPMCL) द्वारा राज्य की सौर RPO की आपूर्ति और राज्य के उपयोग के लिये
किया जाएगा। शेष विद्युत का क्रय अन्य सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा राज्य में या
राज्य के बाहर उपयोग के लिये किया जाएगा।
ओंकारेश्वर जलाशय पर प्रस्तावित 600
मेगावाट क्षमता की फ्लोटिंग सौर परियोजना वर्तमान परिदृश्य में विश्व की सबसे बड़ी
फ्लोटिंग सौर परियोजना है। यह परियोजना एक बहुउद्देशीय परियोजना के रूप में विकसित
की जायेगी, जिसमें
पर्यटन, कृषि
और उद्योग हेतु उपयोगी भूमि संरक्षण, जल संरक्षण आदि उद्देश्यों की भी
पूर्ति भी संभव होगी। उपरोक्त परियोजनाएँ प्रदेश को सस्ती पर्यावरण मित्र बिजली के
साथ नवकरणीय ऊर्जा आबंध की पूर्ति में भी सहायक सिद्ध होगी। उल्लेखनीय है कि
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व्दारा ग्लासगो में आयोजित कॉप 26 सम्मेलन में
देश के लिए वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट (पाँच लाख मेगावाट) की नवकरणीय ऊर्जा
परियोजनाओं की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में वर्तमान में कुल 2380
मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएँ स्थापित हैं और लगभग 5000 मेगावाट क्षमता
की परियोजनाएँ स्थापनाधीन हैं।
दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना का
विस्तार
मंत्रि-परिषद द्वारा दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना के विस्तार
और वहाँ के निवासियों को आसानी से इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के उद्देश्य
से वर्ष 2019 में जारी नीति एवं दिशा-निर्देश में संशोधन करने का निर्णय लिया है।
संशोधन के अनुसार दूरसंचार सेवा प्रदाता द्वारा अवसंरचना स्थापित करने के लिए
निष्प्रभ क्षेत्र (Shadow Area) में वन क्षेत्र के अंतर्गत उपयुक्त
स्थान का चयन कर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को अवगत कराया जायेगा। विज्ञान
एवं प्रौद्योगिकी विभाग की और से जिला कलेक्टर उस स्थल पर दूरसंचार अवसंरचना
स्थापित करने के उपयोग के लिए वन विभाग को आवेदन प्रस्तुत कर उपयोग का अधिकार
प्राप्त करेगा। कलेक्टर द्वारा उपयोग के अधिकार एवं कब्जा प्राप्त हो जाने के बाद
संबंधित दूरसंचार सेवा प्रदाता को अनुज्ञप्ति जारी की जायेगी।
वर्तमान में मध्यप्रदेश में दूरसंचार
सेवा प्रदाता/ इंटरनेट सेवा प्रदाता/ अवसंरचना प्रदाय कम्पनियों द्वारा वायर लाइन
या वायरलेस आधारित वाइस या डाटा पहुँच सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए अवसंरचना की
स्थापना हेतु नीति एवं दिशा-निर्देश 2019 दिनांक 23 फरवरी 2019 से लागू है। प्रदेश
के कई दुर्गम क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना स्थापित न होने के कारण मोबाइल डाटा
कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रवेश परीक्षाएँ, ऑनलाइन कक्षाएँ, नागरिक सेवाएँ आदि गतिविधियों के लिए
इंटरनेट एवं मोबाइल कनेक्टिविटी अनिवार्य है। ऐसे लगभग 1635 गाँव हैं। इनमें से कई
ग्राम वनांचलों में स्थित है। इस निर्णय से दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार
अवसंरचना का विस्तार होगा एवं नागरिकों को शासन की विभिन्न सेवाओं का लाभ
सुविधाजनक स्थान पर प्राप्त हो सकेगा।
MP छात्रावासों के लिए पदों की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने पिछड़ा वर्ग के कन्या और बालक नव निर्मित छात्रावासों के
लिए इन्दौर, जबलपुर, आगर मालवा, शाजापुर और दमोह में 50 पद निर्मित
करने की स्वीकृति प्रदान की। स्वीकृत पदों में
2 अधीक्षक (व्याख्याता स्तर), 6 सहायक अधीक्षक (यू.डी.टी. स्तर), 4 कम्प्यूटर ऑपरेटर, 8 चौकीदार, 10 रसोइया, 10
पानी वाला और 10 स्वीपर के पद
शामिल हैं।
पदों की निरंतरता
मंत्रि-परिषद द्वारा भोपाल गैस त्रासदी
राहत एवं पुनर्वास विभाग की संस्थाओं के 1401 पदों में से चतुर्थ श्रेणी के डाइंग
कैडर के रिक्त 38 पदों को समाप्त कर कुल 1363 अस्थाई पर्दो की निरन्तरता 1 अप्रैल
2021 से 31 मार्च 2026 तक करने की स्वीकृति प्रदान की गई।
संविलियन
मंत्रि-परिषद द्वारा राजधानी परियोजना
प्रशासन का विघटन कर लोक निर्माण विभाग, वन विभाग और अन्य विभागों में संविलियन
करने की अनुमति दी गई।
अन्य निर्णय
मंत्रि-परिषद द्वारा परिवहन विभाग जिला ग्वालियर स्थित ग्वालियर बस डिपो, परिवहन विभाग की तराना जिला उज्जैन
स्थित बस डिपो और राजस्व विभाग की मिड टाउन कॉलोनी के पीछे रतलाम स्थित भूमि
परिसम्पत्ति के निर्वर्तन हेतु H-1 निविदाकार द्वारा निविदा राशि का 100% जमा करने के उपरांत
अनुबंध/रजिस्ट्री की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा की जाने का निर्णय लिया गया।