मध्यप्रदेश की भील जनजाति की ऐतिहासिक परम्परा “हलमा” | Bheel Halama Parmpara - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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रविवार, 24 अप्रैल 2022

मध्यप्रदेश की भील जनजाति की ऐतिहासिक परम्परा “हलमा” | Bheel Halama Parmpara

  मध्यप्रदेश की भील जनजाति की ऐतिहासिक परम्परा हलमा” 

मध्यप्रदेश की भील जनजाति की ऐतिहासिक परम्परा “हलमा” | Bheel Halama Parmpara


 मध्यप्रदेश की भील जनजाति की ऐतिहासिक परम्परा हलमा” 

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मासिक रेडियो कार्यक्रम "मन की बात" में मध्यप्रदेश की भील जनजाति की ऐतिहासिक परम्परा हलमाका उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भील जनजाति द्वारा जल-संरक्षण का अप्रतिम संदेश देने वाली यह परंपरा प्रशंसनीय और अनुकरणीय है। यह सभी को प्रेरणा देगी। मध्यप्रदेश की भील जनजाति ने अपनी परम्परा हलमाको जल संरक्षण के लिए इस्तेमाल किया। परम्परा में इस जनजाति के लोग पानी से जुड़ी समस्या के निराकरण के उपाय ढूँढने के लिए एकत्रित होकर एक-दूसरे से सुझाव लेते हैं। इस परम्परा की वजह से पानी का संकट कम हुआ है और भू-जल स्तर भी बढ़ रहा है।

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में मध्यप्रदेश की भील जनजाति की ऐतिहासिक परम्परा "हलमासे देश को परिचित कराया है। इससे हमारे भील जनजाति भाई-बहनों और सम्पूर्ण मध्यप्रदेश का मनोबल बढ़ा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के अमूल्य शब्दों के लिए उनका हृदय से अभिनंदन किया।

 

·मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के एक जिले में 75 अमृत सरोवर के निर्माण के आव्हान को मध्यप्रदेश ने स्वीकार किया और अब हम 3800 अमृत सरोवर बना रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर इन अमृत सरोवरों के पास ध्वजारोहण कर अपने संकल्प को पूरा करेंगे।