देश की 15 वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू | द्रौपदी मुर्मू के बारे में जानकारी | Droupadi Murmu Details in Hindi - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शुक्रवार, 22 जुलाई 2022

देश की 15 वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू | द्रौपदी मुर्मू के बारे में जानकारी | Droupadi Murmu Details in Hindi

देश की 15 वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू , द्रौपदी मुर्मू के बारे में जानकारी 

देश की 15 वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू | द्रौपदी मुर्मू के बारे में जानकारी | Droupadi Murmu Details in Hindi



द्रौपदी मुर्मू देश की 15 वीं राष्ट्रपति निर्वाचित.

21 जुलाई-  राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को देश की 15 वीं राष्ट्रपति निर्वाचित घोषित किया गया है।

वह विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को चुनावी मुकाबले में भारी मतों से हराकर देश के सर्वोच्च पद पर निर्वाचित हुई हैं। आदिवासी समुदाय से चुने जाने वाली वह देश की पहली राष्ट्रपति हैं। वह देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति हैं जिनका जन्म आजादी के बाद हुआ है।

राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचन अधिकारी और राज्यसभा के महासचिव पी सी मोदी ने गुरूवार देर रात मतगणना पूरी होने के बाद श्रीमती मुर्मू को निर्वाचित घोषित किया। उन्होंने कहा कि श्रीमती मुर्मू को पहली प्राथमिकता वाले 2824 मत मिले हैं जबकि श्री सिन्हा को पहली प्राथमिकता वाले 1877 मत मिले हैं। उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू के मत मूल्य 676803 जबकि श्री सिन्हा के मत मूल्य 380177 रहे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए 528491 मत मूल्य की जरूरत थी जबकि श्रीमती मूर्मू को इससे कहीं अधिक मत मिले हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए निर्वाचन अधिकारी की हैसियत से वह श्रीमती मुर्मू को देश की नयी राष्ट्रपति निर्वाचित घोषित करता हूं। राष्ट्रपति चुनाव में गत सोमवार को मत डाले गये थे।

श्री मोदी ने बताया कि चुनाव में कुल 4754 मत पड़े थे जिनमें से 4701 वैध पाये गये थे जबकि 53 निरस्त पाये गये थे।


देश की 15 वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में जानकारी 

हाल ही में भारतीय जनता पार्टी ने द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव के लिये नामित किया है। अगर वे चुनाव जीतती हैं तो वे भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी। उनका जन्म 20 जून, 1958 को ओडिशा के मयूरभंज ज़िले में हुआ था। वे आदिवासी समाज से संबंधित हैं। उन्हें वर्ष 1997 में रायरंगपुर नगरपंचायत का कौंसिलर चुना गया था। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया है। ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल गठबंधन सरकार के दौरान, वह 6 मार्च, 2000 से 6 अगस्त, 2002 तक वाणिज्य और परिवहन (स्वतंत्र प्रभार) और 6 अगस्त, 2002 से 16 मई, 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री थीं। उन्हें 2007 में ओडिशा विधानसभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिये नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह झारखंड की पहली महिला राज्यपाल थीं। वह किसी भारतीय राज्य में राज्यपाल के रूप में नियुक्त होने वाली ओडिशा की पहली महिला आदिवासी नेता थीं। वे वर्ष 2015 से 2019 तक झारखण्ड की राज्यपाल रहीं। वह भारत के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिये भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार हैं।