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सोमवार, 8 अगस्त 2022

विश्व हाथी दिवस 12 अगस्त | World Elephant Day in Hindi

 विश्व हाथी दिवस 12 अगस्त , World Elephant Day in Hindi

विश्व हाथी दिवस 12 अगस्त | World Elephant Day in Hindi


 

विश्व हाथी दिवस 12 अगस्त 


विश्व हाथी दिवस (12 अगस्त) के अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने वर्ष 2022 में अखिल भारतीय हाथियों और बाघों की आबादी के आकलन में अपनाए जाने वाले जनसंख्या अनुमान प्रोटोकॉल को सार्वजनिक किया।

 

एशियाई और अफ्रीकी हाथियों की दुर्दशा की ओर तत्काल ध्यान आकर्षित करने के लिये वर्ष 2012 में विश्व हाथी दिवस की शुरुआत की गई थी।

 

प्रमुख बिंदु:

 

भारत में हाथियों पर वर्तमान आँकड़े:

 

वर्ष 2017 में अंतिम गणना के अनुसार, भारत में 29,964 हाथी थे जो वर्ष 2012 के 29,576 हाथियों के औसत में मामूली वृद्धि है।

 

एशियाई हाथी:

 

उल्लेखनीय है कि एशियाई हाथी की तीन उप-प्रजातियाँ हैं: भारतीय, सुमात्रन तथा श्रीलंकन। 

वैश्विक जनसंख्या: अनुमानित 20,000 से 40,000

 

 संरक्षण स्थिति: 

IUCN की लाल सूची में स्थिति: संकटग्रस्त। 

CITES: परिशिष्ट- I 

वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची-1

 

अफ्रीकी हाथी:

 

 संदर्भ:

 

अफ्रीकी हाथियों की दो उप-प्रजातियांँ हैं, सवाना (या झाड़ी) हाथी और वन हाथी। 

वैश्विक जनसंख्या: लगभग 4,00,000. 

इससे पहले जुलाई 2020 में बोत्सवाना (अफ्रीका) में सैकड़ों हाथियों की मौत हुई थी।

 

 संरक्षण स्थिति:

 

IUCN रेड लिस्ट: संकटग्रस्त (Endangered) 

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972: अनुसूची I 

CITES: परिशिष्ट- II

 

मुद्दे:

 

 हाथियों के शिकार में वृद्धि। 

 प्राकृतिक वास की क्षति। 

 मानव-हाथी संघर्ष। 

 संरक्षण हेतु कैद में रखे जाने के दौरान बुरा व्यवहार। 

 हाथी पर्यटन के कारण दुर्व्यवहार। 

 बड़े पैमाने पर खनन, कॉरिडोर का विनाश।

 

संरक्षण के लिये उठाए गए कदम:

 

 उनके शिकारियों और हत्यारों को गिरफ्तार करने की योजनाएँ और कार्यक्रम। 

 राज्यों में विभिन्न हाथी अभ्यारण्यों की घोषणा और स्थापना। उदाहरण के लिये कर्नाटक में मैसूर और दांदेली हाथी रिज़र्व। 

लैंटाना और यूपेटोरियम (आक्रामक प्रजातियों) को नष्ट करना क्योंकि ये प्रजाति हाथियों के खाने योग्य घास के विकास में बाधक होते हैं। 

 मानव-हाथी संघर्ष को रोकने के लिये बैरिकेड्स लगाना। 

वनाग्नि की रोकथाम का अध्ययन करने के लिये एक प्रकोष्ठ की स्थापना करना। 

गज यात्रा जो हाथी गलियारों को सुरक्षित करने की आवश्यकता को उजागर करने के लिये एक राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान है। 

हाथियों की अवैध हत्या की निगरानी (Monitoring of Illegal Killing of Elephants- MIKE) कार्यक्रम, 2003 में शुरू किया गया एक अंतरराष्ट्रीय सहयोग है जो पूरे अफ्रीका और एशिया से हाथियों की अवैध हत्या से संबंधित जानकारी के रुझानों को ट्रैक करता है, ताकि क्षेत्र संरक्षण प्रयासों की प्रभावशीलता की निगरानी की जा सके। 


हाथी परियोजना: 


यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है और हाथियों, उनके आवास तथा गलियारों की सुरक्षा के लिये फरवरी 1992 में शुरू की गई थी। 

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय परियोजना के माध्यम से देश के प्रमुख हाथी रेंज राज्यों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करता है। 

यहाँ तक कि महावत (जो लोग हाथी के साथ काम करते हैं, उसकी सवारी करते हैं और उसकी देखभाल करते हैं) और उनके परिवार हाथियों के कल्याण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय (SC) ने नीलगिरि हाथी गलियारे पर मद्रास उच्च न्यायालय (HC) के 2011 के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें जानवरों के आवागमन और क्षेत्र में रिसॉर्ट्स को बंद करने के अधिकार की पुष्टि की गई थी।