स्वच्छता ही सेवा’ (एसएचएस) अभियान उद्देश्य गतिविधियों का कैलेंडर | SHS Abhiyaan 2022 Programme in Hindi - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शनिवार, 17 सितंबर 2022

स्वच्छता ही सेवा’ (एसएचएस) अभियान उद्देश्य गतिविधियों का कैलेंडर | SHS Abhiyaan 2022 Programme in Hindi

 SHS Abhiyaan 2022 Programme in Hindi

स्वच्छता ही सेवा’ (एसएचएस) अभियान उद्देश्य  गतिविधियों का  कैलेंडर | SHS Abhiyaan 2022 Programme in Hindi



स्वच्छता ही सेवा’ (एसएचएस) पाक्षिक अभियान

 

जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग ने पाक्षिक अभियान स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) प्रारंभ किया है। इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में संपूर्ण स्वच्छता की दिशा में किए जा रहे प्रयासों में तेजी लाना है। यह विशाल सामुदायिक सक्रियता का व्यापक अभियान पुराने अपशिष्ट की सफाई और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की गतिविधि के लिए है।


स्वच्छता ही सेवा’ (एसएचएस) अभियान के उद्देश्य 

 इस वार्षिक अभियान के हिस्से के रूप में राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे निम्नलिखित उद्देश्यों-  (i) समुदाय की सक्रियता और भागीदारी सुनिश्चित करें, खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) प्लस गांवों के लिए एक "जन आंदोलन" सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गतिविधियों का आयोजन करें 

(ii) "संपूर्ण स्वच्छ" के महत्व का प्रसार करें 

(iii) "सबके काम के रूप में स्वच्छता" की अवधारणा को मजबूत करें और 

(v) ग्राम स्तर पर स्वच्छ भारत दिवस (2 अक्टूबर) को मनानाएं। यह अभियान 15 सितंबर से शुरू हुआ है और 2 अक्टूबर को समाप्त होगा।

 

स्वच्छता ही सेवा’ (एसएचएस) अभियान  गतिविधियों का कैलेंडर इस प्रकार है:

15 सितंबर - 2 अक्टूबर: स्वच्छता ही सेवा गतिविधियां

15-17 सितंबर: भारी जनभागीदारी के साथ श्रमदान

26 सितंबर - 28 सितंबर: नौ राज्यों में स्वच्छता के लिए संयुक्त भारत

2 अक्टूबर - स्वच्छ भारत दिवस: ओडीएफ प्लस ग्राम घोषणाएं और अन्य गतिविधियों के लिए ग्राम सभा की बैठकें और राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2022 विजेताओं को पुरस्कृत करना।

इस संबंध में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, केंद्रीय ग्रामीण विकास तथा पंचायतीराज मंत्री की सह-अध्यक्षता में 9 सितंबर 2022 को राज्यों के साथ वर्चुअल सम्मेलन किया गया। केंद्रीय मंत्रियों ने 15, 16 और 17 सितंबर 2022 को तीन दिन के लिए समर्पित रूप से श्रमदान में भाग लेने का आग्रह किया ताकि पुराने कचरे के स्थानों तथा सार्वजनिक स्थानों की साफ-सफाई की जा सके।

इस अभियान के तहत गांव में आयोजित की जाने वाली प्रमुख गतिविधियों में निम्नलिखत शामिल हैं :

  1. गांव में पुराने अपशिष्ट स्थलों की सफाई।
  2. अपशिष्ट संग्रहण और पृथक्करण शेड/केंद्रों का निर्माण।
  3. जलाशयों के आसपास के क्षेत्रों को साफ रखना और उनके आसपास वृक्षारोपण करना
  4. स्रोत पर अपशिष्ट (सूखा और गीला) के पृथक्करण के लिए सामुदायिक जागरूकता
  5. जीईएम के माध्यम से कचरा संग्रहण वाहन जैसे ट्राइसाइकिल/ई-कार्ट (बैटरी चालित वाहन) की खरीद।
  6. प्लास्टिक जैसे गैर-बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट का घर-घर जाकर संग्रहण करना।
  7. ग्राम सभा की बैठकें आयोजित करके सिंगल यूज प्लास्टिक (एसयूपी) के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना और सिंगल यूज प्लास्टिक (एसयूपी) पर प्रतिबंध के लिए प्रस्ताव पारित करना।
  8. प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 4आर के सिद्धांत- रिफ्यूज, रिड्यूश, रियूज और रिसाइकिल को बढ़ावा देना।
  9. ओडीएफ प्लस तत्वों पर सरपंच संवाद।
  10. व्यापक आईईसी (सूचना, शिक्षा, संचार) तथा मास मीडिया के माध्यम से लोगों को शिक्षित करने के लिए दीवार पेंटिंग, नुक्कड़ नाटक, स्वच्छता रथ, सोशल मीडिया सामग्री, ग्राम सभा जैसी व्यापक गतिविधियां।
  11. "कूड़ा-करकट न फैलाएं" के लिए नारा लिखना/शपथ लेना।
  12. एसएचएस पोर्टल पर एसएचएस गतिविधियों की दैनिक प्रगति अपडेट करना।