सामाजिक प्रगति सूचकांक (एसपीआई) जारी | Samajik Pragati Suchkank (Social Progress Index) - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शनिवार, 17 दिसंबर 2022

सामाजिक प्रगति सूचकांक (एसपीआई) जारी | Samajik Pragati Suchkank (Social Progress Index)

सामाजिक प्रगति सूचकांक (एसपीआई) जारी करेगा


सामाजिक प्रगति सूचकांक (एसपीआई) जारी | Samajik Pragati Suchkank (Social Progress Index)


प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) 20 दिसंबर, 2022 को भारत के राज्यों और जिलों के लिए सामाजिक प्रगति सूचकांक (एसपीआई) जारी करेगी। इस बारे में रिपोर्ट डॉ. अमित कूपर की अध्यक्षता में इंस्टीट्यूट फॉर कंपटीटिवनेस और माइकल ग्रीन की अध्यक्षता में सोशल प्रोग्रेस इंपीरेटिव ने तैयार की थी और देश के प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा इसे अनिवार्य कि गया था।


सामाजिक प्रगति सूचकांक (एसपीई) 

सामाजिक प्रगति सूचकांक (एसपीआई) राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय स्तरों पर देश द्वारा की गई सामाजिक प्रगति को समग्र तौर पर मापने के उद्देश्य से तैयार किया गया एक व्यापक उपकरण है। यह समझते हुए कि नागरिकों की सामाजिक प्रगति आर्थिक विकास को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, यह सूचकांक आर्थिक वृद्धि और विकास को मापने के पारंपरिक साधनों का पूरक है। समाज की जरूरतों को बेहतर ढंग से समझ सकने वाले बेहतर मापन मॉडल की तत्काल आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए और साथ ही निर्णयकर्ताओं को आवश्यक ज्ञान और उपकरणों से लैस करते हुए टीम ने रिपोर्ट के लिए सामाजिक प्रगति के उपयुक्त संकेतकों और उपायों की पहचान करने के लिए एक व्यापक शोध चरण शुरू किया।

 

एसपीआई सामाजिक प्रगति के तीन आयामों पर राज्यों और जिलों के प्रदर्शन का आकलन करता है: ये तीन आयाम हैं 1. बुनियादी मानवीय आवश्यकताएं, 2.  रहन-सहन के बेहतर तरीकों के आधार और 3. अवसर। प्रत्येक आयाम में चार घटक होते हैं।

 

बुनियादी मानवीय आवश्यकताओं का आयाम पोषण और बुनियादी चिकित्सा देखभाल, जल और स्वच्छता, व्यक्तिगत सुरक्षा और आश्रय के मामले में राज्यों और जिलों के प्रदर्शन का आकलन करता है।

रहन-सहन के बेहतर तरीकों के आधार का आयाम बुनियादी ज्ञान तक पहुंच, सूचना तथा संचार तक पहुंच, स्वास्थ्य तथा कल्याण और पर्यावरण गुणवत्ता के घटकों में देश द्वारा की गई प्रगति का मूल्यांकन करता है।

अवसर का आयाम व्यक्तिगत अधिकारों, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पसंद, समावेशिता और उन्नत शिक्षा तक पहुंच के पहलुओं पर केंद्रित है।

देश की महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी और ईएसी-पीएम के अध्यक्ष डॉ. बिबेक देबरॉय, द्वारा इस रिपोर्ट को जारी किया जाएगा। इस कार्यक्रम में माइकल ग्रीन, सीईओ, सोशल प्रोग्रेस इंपीरेटिव और डॉ. अमित कपूर, मानद अध्यक्ष, इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस और लेक्चरर, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी अपनी बात रखेंगे। दोनों इस रिपोर्ट के लेखक हैं।

 

राज्य और जिलेवार रैंकिंग और स्कोरकार्ड के साथ इस रिपोर्ट का उद्देश्य देश में सभी स्तरों पर की गई सामाजिक प्रगति का एक व्यवस्थित विवरण प्रदान करना है। यह रिपोर्ट सूचकांक में अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों की उपलब्धियों और सामाजिक प्रगति हासिल करने में राज्यों की भूमिका पर भी प्रकाश डालती है। रिपोर्ट के एक विशेष खंड में भारत के आकांक्षी जिलों का विश्लेषण है, जिससे जमीनी स्तर पर सामाजिक प्रगति की व्यापक समझ पैदा होती है। रिपोर्ट आने वाले वर्षों में निरंतर सामाजिक-आर्थिक विकास हासिल करने के लिए नीति निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण समर्थकारी और उपकरण के रूप में कार्य करेगी।

 

विमोचन कार्यक्रम राष्ट्रीय नेहरू स्मारक संग्रहालय, (संगोष्ठी कक्ष), तीन मूर्ति हाउस, नई दिल्ली में 20 दिसंबर, 2022 को सुबह 11:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक होगा। उसके बाद लंच की भी व्यवस्था है। इस कार्यक्रम में संवाददाता शामिल हो सकेंगे।