17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में प्रधानमंत्री का भाषण
PM Narednra Modi Speech Pravashi Bhartiya Divas MP
गुयाना के
राष्ट्रपति डॉक्टर मोहम्मद इरफ़ान अली जी, सूरीनाम के राष्ट्रपति श्री चन्द्रिका प्रसाद संतोखी जी, मध्य प्रदेश के
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विदेश मंत्री एस.
जयशंकर जी, मंत्रिमंडल के
अन्य सहयोगीगण, और प्रवासी
भारतीय दिवस सम्मलेन में विश्व भर से पधारे मेरे प्रिय भाइयों और बहनों!
आप सभी को 2023 की मंगलकामनाएँ।
करीब 4 वर्षों के बाद
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन एक बार फिर अपने मूल स्वरूप में,
अपनी पूरी भव्यता के साथ हो रहा है। अपनों से आमने-सामने की
मुलाक़ात का, आमने-सामने की
बात का अपना अलग ही आनंद भी होता है, और उसका महत्व भी होता है। मैं आप सभी का 130 करोड़
भारतवासियों की ओर से अभिनंदन करता हूँ, स्वागत करता हूं।
भाइयों और बहनों,
यहाँ उपस्थित
प्रत्येक प्रवासी भारतीय अपने-अपने क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों के साथ अपने
देश की माटी को नमन करने आया है। और ये प्रवासी भारतीय सम्मेलन मध्य प्रदेश की उस
धरती पर हो रहा है, जिसे देश का हृदय क्षेत्र कहा जाता है। MP में माँ नर्मदा
का जल, यहाँ के जंगल,
आदिवासी परंपरा, यहाँ का आध्यात्म, ऐसा कितना कुछ है, जो आपकी इस यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगा। अभी हाल ही में
पास ही उज्जैन में भगवान महाकाल के महालोक का भी भव्य और दिव्य विस्तार हुआ है।
मैं आशा करता हूँ आप सब वहाँ जाकर भगवान
महाकाल का आशीर्वाद भी लेंगे और उस अद्भुत अनुभव का हिस्सा भी बनेंगे।
साथियों,
वैसे हम सभी अभी
जिस शहर में हैं, वो भी अपने आप
में अद्भुत है। लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है, लेकिन मैं कहता हूँ इंदौर एक दौर है। ये वो दौर
है, जो समय से आगे
चलता है, फिर भी विरासत को
समेटे रहता है। इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में देश में एक अलग पहचान स्थापित की
है। खाने-पीने के लिए ‘अपन का इंदौर’ देश ही नहीं, पूरी दुनिया में
लाज़वाब है। इंदौरी नमकीन का स्वाद, यहां के लोगों के यहां पर जो पोहे का पैशन है, साबूदाने की
खिचड़ी, कचौरी-समोसे-शिकंजी, जिसने भी इन्हें
देखा, उसके मुंह का
पानी नहीं रुका। और जिसने इन्हें चखा, उसने कहीं और मुड़कर नहीं देखा! इसी तरह, छप्पन दुकान तो
प्रसिद्ध है ही, सर्राफ़ा भी
महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि कुछ लोग इंदौर को स्वच्छता के साथ-साथ स्वाद की
राजधानी भी कहते हैं। मुझे विश्वास है, यहाँ के अनुभव आप खुद भी नहीं भूलेंगे, और वापस जाकर
दूसरों को यहाँ के बारे में बताना भी नहीं भूलेंगे।
Friends,
This Pravasi Bharatiya Divas is
special in many ways. We celebrated 75 years of India’s independence just a few
months ago. A digital exhibition related to our freedom struggle has been
organised here. It brings that glorious era in front of you again.
Friends,
The nation has entered the Amrit Kaal
of the next 25 years. Our Pravasi Bharatiyas
have a significant place in this journey. India’s unique global vision and its
important role in the global order will be strengthened by you people.
साथियों,
हमारे यहाँ कहा
जाता है- “स्वदेशो
भुवनत्रयम्”। अर्थात्, हमारे लिए पूरा
संसार ही हमारा स्वदेश है। मनुष्य मात्र ही हमारा बंधु-बांधव है। इसी वैचारिक
बुनियाद पर हमारे पूर्वजों ने भारत के सांस्कृतिक विस्तार को आकार दिया था। हम
दुनिया के अलग-अलग कोनों में गए। हमने सभ्यताओं के समागम की अनंत संभावनाओं को
समझा। हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की असाधारण परंपरा शुरू की थी। हम असीम
लगने वाले समंदरों के पार गए। अलग-अलग देशों, अलग-अलग सभ्यताओं के बीच व्यावसायिक संबंध कैसे साझी
समृद्धि के रास्ते खोल सकती है, भारत ने और
भारतीयों ने करके दिखाया। आज अपने करोड़ों प्रवासी भारतीयों को जब हम ग्लोबल मैप पर
देखते हैं, तो कई तस्वीरें एक साथ उभरती हैं। दुनिया के
इतने अलग-अलग देशों में जब भारत के लोग एक कॉमन फ़ैक्टर की तरह दिखते हैं,
तो ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना उसके
साक्षात् दर्शन होते हैं। दुनिया के किसी एक देश में जब भारत के अलग-अलग प्रान्तों, अलग-अलग
क्षेत्रों के लोग मिलते हैं, तो ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का सुखद अहसास भी
होता है। दुनिया के अलग-अलग देशों में जब सबसे शांतिप्रिय, लोकतांत्रिक और
अनुशासित नागरिकों की चर्चा होती है, तो Mother of Democracy होने का भारतीय
गौरव अनेक गुना बढ़ जाता है। और जब, हमारे इन प्रवासी भारतीयों के योगदान का विश्व आकलन करता है,
तो उसे ‘सशक्त और समर्थ भारत’ इसकी आवाज़ सुनाई देती है। इसलिए ही तो मैं आप सभी को, सभी प्रवासी
भारतीयों को विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रदूत ब्रैंड एंबेसेडर कहता हूं। सरकारी
व्यवस्था में राजदूत होते हैं। भारत की महान विरासत में आप राष्ट्रदूत होते हैं।
Friends,
Your role as India's brand ambassador
is diverse. You are brand ambassadors of Make In India. You are brand
ambassadors of Yoga and Ayurveda. You are also brand ambassadors of India's
cottage industries and handicrafts. At the same time, you are also brand
ambassadors of India's millets. You would already know that 2023 has been
declared by the United Nations as the International Year of Millets. I appeal
to you to take some millet products with
you while returning. You also have another important role to play in these
rapidly changing times. You are the people who will address the world's desire
to know more about India. Today, the whole world is waiting and watching India
keenly with great interest and curiosity.
It is important to understand why I am saying this.
साथियों,
पिछले कुछ वर्षों
में भारत ने विकास की जो गति प्राप्त की है, जो उपलब्धियां
हासिल की हैं, वो असाधारण हैं, अभूतपूर्व हैं।
जब भारत कोविड महामारी के बीच कुछ महीनों में ही स्वदेशी वैक्सीन बना लेता है,
जब भारत अपने नागरिकों को 220 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज़ मुफ्त लगाने का
रिकॉर्ड बनाता है, जब वैश्विक
अस्थिरता के बीच भी भारत विश्व की उभरती अर्थव्यवस्था बनता है, जब भारत विश्व की
बड़ी economies से compete करता है, टॉप-5 इकॉनॉमी में
शामिल होता है, जब भारत दुनिया
का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप ecosystem बनता है, जब मोबाइल manufacturing जैसे क्षेत्रों में, इलेक्ट्रॉनिक
मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ का डंका बजता है, जब भारत अपने दम पर तेजस फाइटर प्लेन, एयरक्राफ्ट करियर
INS विक्रांत और
अरिहंत जैसी न्यूक्लियर सबमरीन बनाता है, तो स्वाभाविक है, दुनिया और दुनिया के लोगों में curiosity होती है कि भारत
क्या कर रहा है, कैसे कर रहा है।
लोग जानना चाहते
हैं कि भारत की स्पीड क्या है, स्केल क्या है, भारत का फ्यूचर
क्या है। इसी तरह,
जब cashless
economy की बात होती है, फिनटेक की चर्चा होती है तो दुनिया ये देखकर हैरत में है कि
विश्व के 40 परसेंट रियल
टाइम डिजिटल transactions
भारत में होते
हैं। जब Space के फ्यूचर की बात
होती है, तो भारत की चर्चा
space technology के most advanced देशों में होती
है। भारत, एक बार में सौ-सौ
सैटेलाइट्स लॉन्च करने का रिकॉर्ड बना रहा है। सॉफ्टवेयर और डिजिटल टेक्नोलॉजी के
क्षेत्र में हमारी ताकत दुनिया देख रही है। आप में से बहुत से लोग भी इसका बहुत
बड़ा जरिया हैं। भारत का ये बढ़ता हुआ सामर्थ्य, भारत का ये दम-खम, भारत की जड़ों से
जुड़े हर व्यक्ति का सीना चौड़ा कर देता है। वैश्विक मंच पर आज भारत की आवाज, भारत का संदेश, भारत की कही बात
एक अलग ही मायने रखती है। भारत की ये बढ़ती हुई ताकत आने वाले दिनों में और ज्यादा
बढ़ने वाली है। और इसलिए,
भारत के प्रति
जिज्ञासा, भारत के प्रति curiosity भी और बढ़ेगी। और
इसलिए विदेश में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की, प्रवासी भारतीयों की जिम्मेदारी भी बहुत बढ़
जाती है। आपके पास आज भारत के बारे में जितनी व्यापक जानकारी होगी, उतना ही आप
दूसरों को भारत के बढ़ते सामर्थ्य के बारे में बता पाएंगे और तथ्यों के आधार पर
बता पाएंगे। मेरा आग्रह है कि आपके पास कल्चरल और spiritual जानकारी के साथ-साथ भारत की प्रगति की अपडेटेड
इनफार्मेशन होनी चाहिए।
साथियों,
आप सबको ये भी
पता है, इस वर्ष भारत
दुनिया के G-20 समूह की
अध्यक्षता भी कर रहा है। भारत इस ज़िम्मेदारी को एक बड़े अवसर के रूप में देख रहा
है। हमारे लिए ये दुनिया को भारत के बारे में बताने का अवसर है। ये दुनिया के लिए
भारत के अनुभवों से सीखने का, पुराने अनुभवों
से sustainable future की दिशा तय करने
का अवसर है। हमें G-20 केवल एक diplomatic event नहीं, बल्कि
जन-भागीदारी का एक ऐतिहासिक आयोजन बनाना है। इस दौरान विश्व के विभिन्न देश, भारत के जन-जन के
मन में ‘अतिथि देवो भवः’ की भावना का
दर्शन करेंगे। आप भी अपने देश से आ रहे प्रतिनिधियों से मिलकर उन्हें भारत के बारे
में बता सकते हैं। इससे उन्हें भारत पहुँचने से पहले ही अपनत्व और स्वागत का
अहसास होगा।
साथियों,
और मैं तो यह भी
कहुंगा कि जब जी-20 समिट में कोई 200 मीटिंग्स होने
वाली है। जी-20 समूह के 200 delegation यहां आने वाले
हैं। हिन्दुस्तान के अलग-अलग शहरों में जाने वाले हैं। वापस जाने के बाद वहां पर
रहने वाले प्रवासी भारतीय उनको बुलाएं, भारत में गए थे तो कैसा रहा, उनके अनुभव सुनें। मैं समझता हूं कि उनके साथ
हमारे बंधन को और मजबूत करने के लिए अवसर बन जाएगा।
साथियों,
आज भारत के पास न
केवल दुनिया के नॉलेज सेंटर बनने का, बल्कि स्किल
कैपिटल बनने का सामर्थ्य भी है। आज भारत के पास सक्षम युवाओं की एक बड़ी तादाद है।
हमारे युवाओं के पास स्किल भी है, values भी हैं, और काम करने के लिए जरूरी जज़्बा और ईमानदारी भी है। भारत की
ये स्किल कैपिटल दुनिया के विकास का इंजन बन सकती है। भारत में उपस्थित युवाओं के
साथ ही भारत की प्राथमिकता वो प्रवासी युवा भी हैं जो भारत से जुड़े हैं। हमारे ये
नेक्स्ट जेनेरेशन युवा, जो विदेश में जन्मे हैं, वहीं पले-बढ़े हैं, हम उन्हें भी
अपने भारत को जानने समझने के लिए कई अवसर दे रहे हैं। नेक्स्ट जेनेरेशन प्रवासी
युवाओं में भी भारत को लेकर उत्साह बढ़ता चला जा रहा है। वो अपने माता-पिता के देश
के बारे में जानना चाहते हैं, अपनी जड़ों से जुड़ना चाहते हैं। ये हम सबकी ज़िम्मेदारी है कि
हम इन युवाओं को न केवल देश के बारे में गहराई से बताएं, बल्कि उन्हें
भारत दिखाएँ भी। पारंपरिक बोध और आधुनिक नज़र के साथ ये युवा future world को भारत के बारे
में कहीं ज्यादा प्रभावी ढंग से बता पाएंगे। जितनी युवाओं में जिज्ञासा बढ़ेगी,
उतना ही भारत से जुड़ा पर्यटन बढ़ेगा, भारत से जुड़ी
रिसर्च बढ़ेगी, भारत का गौरव बढ़ेगा। ये युवा भारत के विभिन्न
पर्वों के दौरान, प्रसिद्ध मेलों
के दौरान आ सकते हैं या फिर बुद्ध सर्किट, रामायण सर्किट का लाभ उठा सकते हैं। वो आजादी के अमृत
महोत्सव के तहत हो रहे कार्यक्रमों में भी जुड़ सकते हैं।
साथियों,
मेरा एक और सुझाव
है। कई देशों में भारत से प्रवासी कई सदियों से जा कर बसे हैं। भारतीय प्रवासियों
ने वहां के राष्ट्र के निर्माण में अपने असाधारण योगदान दिये हैं। हमें इनकी लाइफ, उनके struggles और उनके
अचीवमेंट्स को डॉक्यूमेंट करना चाहिए। हमारे कई बुजुर्गों के पास उस ज़माने की कई memories होंगी। मेरा
आग्रह है कि यूनिवर्सिटीज के माध्यम से हर देश में हमारे डायस्पोरा की हिस्ट्री पर
ऑडियो-विडियो या लिखित डॉक्यूमेंटेशन के प्रयास किए जाएँ।
साथियों,
कोई भी राष्ट्र
उसमें निष्ठा रखने वाले हर एक व्यक्ति के दिल में जीवित रहता है। यहाँ भारत से कोई
व्यक्ति जब विदेश जाता है,
और उसे वहाँ एक
भी भारतीय मूल का व्यक्ति मिल जाता है तो उसे लगता है कि उसे पूरा भारत मिल गया।
यानी, आप जहां रहते हैं,
भारत को अपने साथ रखते हैं। बीते 8 वर्षों में देश
ने अपने diaspora को ताकत देने के
लिए हर संभव प्रयास किया है। आज भारत का ये कमिटमेंट है कि आप दुनिया में कहीं भी
रहेंगे, देश आपके हितों
और अपेक्षाओं के लिए आपके साथ रहेगा।
मैं गुयाना के
राष्ट्रपति जी और सूरीनाम के राष्ट्रपति जी का भी हृदय से आभार व्यक्त करता हूं, अभिनंदन करता
हूं। इस महत्वपूर्ण समारोह के लिए उन्होंने समय निकाला और उन्होंने जितनी बातें आज
हमारे सामने रखी हैं। वे वाकई बहुत उपयोगी हैं, और मैं उनको विश्वास दिलाता हूं कि जिन सुझावों को उन्होंने
रखा है, उस पर भारत जरूर
खरा उतरेगा। मैं गुयाना के राष्ट्रपति जी का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने आज काफी
पुरानी यादें साझा की। क्योंकि जब मैं गुयाना गया था, तो मैं कुछ भी
नहीं था, मुख्यमंत्री भी
नहीं था और तब का नाता उन्होंने याद करके निकाला। मैं उनका बहुत-बहुत आभारी हूं।
मैं फिर एक बार आप सभी प्रवासी भारतीय दिवस के लिए इस समारोह में आए, बीच के गैप के
बाद मिलने का मौका मिला है। मेरी तरफ से आपको अनेक-अनेक शुभकामनाएं हैं। बहुत
लोगों से मिलना होगा, बहुत लोगों से
चीजें जानने को मिलेगी, जिसे लेकर के उन
स्मृतियों को लेकर के फिर अपने कार्यक्षेत्र में लौटेंगे, अपने respective country में जाएंगे। मुझे
विश्वास है कि भारत के साथ जुड़ाव का एक नया युग शुरू होगा। मेरी आपको बहुत-बहुत
शुभकामनाएं।
धन्यवाद!