एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) : कक्षा 12वी के बाद अब होगा BED केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए जारी किए निर्देश | B.Ed After 12th - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शनिवार, 4 मार्च 2023

एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) : कक्षा 12वी के बाद अब होगा BED केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए जारी किए निर्देश | B.Ed After 12th

 कक्षा 12वी के बाद अब होगा BED केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए जारी किए निर्देश


एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) : कक्षा 12वी के बाद अब होगा BED केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए जारी किए निर्देश | B.Ed After 12th


 B.Ed After 12th 

शैक्षणिक सत्र 2023-24 से केंद्र/राज्य सरकार के 57 प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों/संस्थानों में चार-वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) का शुभारंभ हुआ


राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने पूरे देश में शैक्षणिक सत्र 2023-24 से 57 अध्यापक शिक्षा संस्थानों (टीईआई) में एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) शुरू किया है। यह एनईपी 2020 के तहत एनसीटीई का एक प्रमुख कार्यक्रम है।

 

आईटीईपी, जिसे 26 अक्टूबर 2021 को अधिसूचित किया गया था, एक 4 साल की दोहरी-समग्र स्नातक डिग्री है, जो बी.ए. बी.एड./ बी.एससी बी.एड. / और बी.कॉम बी.एड. पाठ्यक्रम पेश करती है। यह पाठ्यक्रम; नयी स्कूल संरचना के 4 चरणों यानि फाउंडेशनल, प्रिपरेटरी, मिडिल और सेकेंडरी (5+3+3+4) के लिए शिक्षकों को तैयार करेगा। यह कार्यक्रम शुरू में प्रतिष्ठित केंद्र/राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों/संस्थानों में पायलट मोड में चलाया जा रहा है। आईटीईपी उन सभी छात्रों के लिए उपलब्ध होगा, जो सेकेंडरी के बाद अपनी पसंद से शिक्षण को अपने करियर के रूप में चुनते हैं। इस एकीकृत पाठ्यक्रम से छात्रों को एक वर्ष की बचत का लाभ होगा, क्योंकि वे वर्तमान बी.एड. योजना के लिए आवश्यक 5 वर्षों के बजाय पाठ्यक्रम को 4 वर्षों में पूरा करेंगे। इसके लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा राष्ट्रीय सामान्य प्रवेश परीक्षा (एनसीईटी) के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।

 

आईटीईपी न केवल अत्याधुनिक शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई), मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (एफएलएन), समावेशी शिक्षा और भारत तथा इसके मूल्यों/आचारों/कला/परंपराओं की समझ व अन्य विषयों का आधार भी स्थापित करेगा। पाठ्यक्रम पूरे अध्यापक शिक्षा क्षेत्र के पुनरोद्धार में महत्वपूर्ण योगदान देगा। भारतीय मूल्यों और परंपराओं पर आधारित एक बहु-विषयक वातावरण के माध्यम से इस पाठ्यक्रम से उत्तीर्ण होने वाले भावी शिक्षकों को 21वीं सदी के वैश्विक मानकों की आवश्यकताओं से परिचित कराया जाएगा और इस प्रकार, वे नए भारत के भविष्य को स्वरूप देने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।