प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ
हैदराबाद में
विभिन्न विकास परियोजनाओं के शुभारंभ के अवसर पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल
पाठ
प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ
भारत माता की जय,
भारत माता की जय,
तेलंगाना की
गवर्नर तमिलसाई सौंदरराजन जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी अष्विणी वैष्ण्व जी,
इसी तेलंगाना की धरती के पुत्र और मंत्रिपरिषद में मेरे
साथी श्री जी किशन रेड्डी जी, बहुत बड़ी संख्या
में आए हुए तेलंगाना के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,
प्रिय-मइना, सोदरा
सोइदरी-मणुलारा, मी अंदरिकी, न हृदयपुर्वक
नमस्कार-मुलु। महान क्रांतिकारियों की धरती तेलंगाना को मेरा शत-शत प्रणाम। आज
मुझे तेलंगाना के विकास को और गति देने का पुन: सौभाग्य मिला है। थोड़ी देर पहले
ही तेलंगाना-आंध्र प्रदेश को जोड़ने वाली एक और वंदेभारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई
गई है। ये आधुनिक ट्रेन अब भाग्यलक्ष्मी मंदिर के शहर को भगवान श्री वेंकटेश्वर
धाम तिरुपति से जोड़ेगी। यानि एक प्रकार से ये वंदेभारत एक्सप्रेस, आस्था, आधुनिकता, टेक्नॉलॉजी और
टूरिज्म को कनेक्ट करने वाली है। इसके साथ ही आज यहां 11 हज़ार करोड़
रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। ये तेलंगाना की रेल
और रोड कनेक्टिविटी से जुड़े प्रोजेक्ट्स हैं, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट्स हैं। मैं विकास
के इन सभी प्रोजेक्ट्स के लिए आपको, तेलंगाना की जनता को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता
हूं।
साथियों,
तेलंगाना को अलग
राज्य बने करीब-करीब उतना ही समय हुआ है, जितने दिन केंद्र में एनडीए की सरकार को हुए हैं। तेलंगाना
के निर्माण में, तेलंगाना के गठन
में जिन सामान्य नागरिकों ने, यहां की जनता जनार्दन ने योगदान दिया है, मैं आज फिर एक
बार कोटि-कोटि जनों को आदरपूर्वक नमन करता हूं। तेलंगाना के विकास को लेकर, तेलंगाना के
लोगों के विकास को लेकर, जो सपना आपने देखा था, तेलंगाना के
नागरिकों ने देखा था, उसे पूरा करना
केंद्र की एनडीए सरकार अपना कर्तव्य समझती है। हम सबका साथ-सबका विकास-सबका
विश्वास-सबका प्रयास के मंत्र को लेकर के आगे बढ़ रहे हैं। हमने पूरा प्रयास किया
है कि भारत के विकास का जो नया मॉडल बीते 9 वर्षों में विकसित हुआ है, उसका लाभ
तेलंगाना को भी ज्यादा से ज्यादा मिले। इसका एक उदाहरण हमारे शहरों का विकास है।
बीते 9 वर्षों में
हैदराबाद में ही करीब 70 किलोमीटर का
मेट्रो नेटवर्क बनाया गया है। हैदराबाद Multi-Modal Transport System - MMTS प्रोजेक्ट पर भी
इस दौरान तेज़ी से काम हुआ है। आज भी यहां 13 MMTS सर्विस शुरु हुई हैं। MMTS का तेज़ी से
विस्तार हो, इसके लिए इस वर्ष
के केंद्र सरकार के बजट में तेलंगाना के लिए 600 करोड़ रुपए रखे गए हैं। इससे हैदराबाद-सिकंदराबाद सहित
आसपास के जिलों के लाखों साथियों की सुविधा और बढ़ेगी। इससे नए बिजनेस हब बनेंगे, नए इलाकों में
इन्वेस्टमेंट होना शुरु होगा।
साथियों,
100 साल में आई सबसे
बड़ी गंभीर महामारी और दो देशों के युद्ध के बीच आज दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं
में बहुत तेज गति से उतार-चढ़ाव हो रहा है। इस अनिश्चितता के बीच, भारत दुनिया के
उन देशों में से एक है, जो अपने
इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए रिकॉर्ड निवेश कर रहा है। इस साल के बजट
में भी 10 लाख करोड़ रुपए
आधुनिक इंफ्रा के लिए अलॉट किए गए हैं। आज का नया भारत, 21वीं सदी का नया
भारत, तेजी से देश के
कोने-कोने में मॉडर्न इंफ्रा बना रहा है। तेलंगाना में भी बीते 9 वर्षों में
रेलवे बजट में लगभग 17 गुना की वृद्धि
की गई है। अभी अश्विनी जी आंकडा दे रहे थे। इससे नई रेल लाइन बिछाने का काम हो, रेल लाइनों की
डबलिंग का काम हो, या फिर Electrification का काम हो, सभी कुछ, रिकॉर्ड तेज़ी से हुआ है। आज जिस सिकंदराबाद और महबूबनगर के
बीच रेललाइन की डबलिंग का काम पूरा हुआ है, वो इसी का एक उदाहरण है। इससे हैदराबाद और बैंगलुरु की
कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। देशभर के बड़े रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाने का जो
अभियान शुरु हुआ है, उसका लाभ भी
तेलंगाना को मिल रहा है। सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन का विकास भी इसी अभियान का
हिस्सा है।
साथियों,
रेलवे के साथ ही
केंद्र सरकार द्वारा तेलंगाना में हाईवे का नेटवर्क भी तेज़ गति से विकसित किया जा
रहा है। आज 4 हाईवे
प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास यहां हुआ है। 2300 करोड़ की लागत से अकलकोट-कुरनूल सेक्शन हो, 1300 करोड़ की लागत
से महबूबनगर- चिंचोली सेक्शन का काम हो, करीब 900 करोड़ रुपए की लागत से कलवाकुर्ती-कोल्लापुर हाईवे का काम
हो, 2700 करोड़ की लागत
से खम्मम-देवरापेल्ले सेक्शन का काम हो, केंद्र सरकार तेलंगाना में आधुनिक नेशनल हाईवेज के निर्माण
के लिए पूरी शक्ति से जुटी है। केंद्र सरकार के निरंतर प्रयास की वजह से आज
तेलंगाना में नेशनल हाईवे की लंबाई दोगुनी हो चुकी है। साल 2014 में जब तेलंगाना
का निर्माण हुआ था, तब यहां 2500 किलोमीटर के
आसपास नेशनल हाईवे थे। आज तेलंगाना में नेशनल हाईवे की लंबाई बढ़कर के 5 हजार किलोमीटर
पहुंच गई है। इन वर्षों में केंद्र सरकार ने तेलंगाना में नेशनल हाईवे बनाने के
लिए करीब-करीब 35 हजार करोड़ रुपए
खर्च किए हैं। इस समय भी तेलंगाना में 60 हजार करोड़ रुपए के रोड प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है।
इसमें गेमचैंजर हैदराबाद रिंग रोड का प्रोजेक्ट भी शामिल है।
साथियों,
केंद्र सरकार
तेलंगाना में इंडस्ट्री और खेती दोनों के विकास पर बल दे रही है। टेक्सटाइल ऐसा ही
उद्योग है, जो किसान को भी
और मज़दूर को भी दोनों को बल देता है। हमारी सरकार ने देशभर में 7 मेगा टेक्सटाइल
पार्क बनाना तय किया है। इनमें से एक मेगा टेक्सटाइल पार्क तेलंगाना में भी बनेगा।
इससे युवाओं के लिए नए रोजगार का निर्माण होगा। रोजगार के साथ-साथ तेलंगाना में
शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी केंद्र सरकार बहुत निवेश कर रही है। तेलंगाना को अपना AIIMS देने का सौभाग्य
हमारी सरकार को मिला है। AIIMS
बीबीनगर से जुड़ी
अलग-अलग सुविधाओं के लिए भी आज काम शुरू हुए हैं। आज के ये प्रोजेक्ट्स तेंलगाना
में Ease of Travel, Ease
of Living और Ease
of Doing Business, तीनों को बढ़ाएंगे।
हालांकि साथियों,
केंद्र सरकार की
इन कोशिशों के बीच, मुझे एक बात के
लिए बहुत पीड़ा है, बहुत दुख होता है, दर्द होता है।
केंद्र के ज्यादातर प्रोजेक्ट्स में राज्य सरकार से सहयोग ना मिलने के कारण हर
प्रोजेक्ट में देरी हो रही है, विलंब हो रहा है। इससे नुकसान तेलंगाना के लोगों का, आप लोगों का हो
रहा है। मेरा राज्य सरकार से आग्रह है कि वो विकास से जुड़े कार्यों में कोई बाधा
ना आने दे, विकास के कार्यों में तेजी लाए।
भाइयों और बहनों,
आज के नए भारत
में, देशवासियों की
आशाएं-आकांक्षाएं, उनके सपने पूरे
करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। हम दिन-रात मेहनत करके इसी कोशिश में जुटे
हैं। लेकिन कुछ मुट्ठीभर लोग विकास के इन कार्यों से बहुत बौखलाए हुए हैं। ऐसे लोग, जो परिवारवाद, भाई-भतीजावाद और
भ्रष्टाचार को पोषित करते रहे, उन्हें ईमानदारी से काम करने वालों से परेशानी हो रही है।
ऐसे लोगों को देश के हित से, समाज के भले से कोई लेना-देना नहीं है। ये लोग सिर्फ अपने
कुनबे को फलता-फूलता देखना पसंद करते हैं। हर प्रोजेक्ट में, हर इन्वेस्टमेंट
में ये लोग अपने परिवार का स्वार्थ देखते हैं। तेलंगाना को ऐसे लोगों से बहुत
सतर्क रहना जरूरी है।
भाइयों और बहनों,
भ्रष्टाचार और
परिवारवाद, एक दूसरे से अलग
नहीं हैं। जहां परिवारवाद और भाई-भतीजावाद होता है, वहीं से हर प्रकार का करप्शन फलना-फूलना शुरु
होता है। परिवारवाद, वंशवाद का मूल
मंत्र ही सब चीजों को कंट्रोल करना होता
है। परिवारवादी हर व्यवस्था पर अपना कंट्रोल रखना चाहते हैं। उन्हें ये बिल्कुल
पसंद नहीं आता कि कोई उनके कंट्रोल को चैलेंज करे। आपको मैं एक उदाहरण देता हूं।
आज केंद्र सरकार ने Direct
Benefit Transfer- DBT व्यवस्था विकसित की है, आज किसानों को, विद्यार्थियों को, छोटे व्यापारियों को, छोटे कारोबारियों को आर्थिक मदद का पैसा सीधे उनके बैंक
खाते में भेजा जाता है। हमने देशभर में डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था बढ़ाई है।
आखिर ये पहले
क्यों नहीं हो पाता था? ये इसलिए नहीं
हुआ क्योंकि परिवारवादी ताकतें, व्यवस्था पर, सिस्टम पर अपना कंट्रोल छोड़ना नहीं चाहते थे। किस लाभार्थी
को क्या लाभ मिले, कितना मिले, इसका नियंत्रण ये
परिवारवादी अपने पास रखना चाहते थे। इससे, इनके तीन मतलब सधते थे। एक, इनके ही परिवार की जय-जयकार होती रहे। दूसरा, करप्शन का पैसा
इनके परिवार के पास ही आता रहे। और तीसरा, जो पैसे गरीब के लिए भेजे जाते हैं, वो पैसे इनके
भ्रष्ट इकोसिस्टम के अंदर बांटने के काम आ जाए।
आज मोदी ने, भ्रष्टाचार की इस
असली जड़ पर प्रहार कर दिया है। मुझे तेलंगाना के भाई-बहन बताइये आप जवाब देंगे? आप जवाब देंगे? भ्रष्टाचार के
खिलाफ लड़ना चाहिए की नहीं लड़ना चाहिए? भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लड़ना चाहिए कि नहीं चाहिए? देश को
भ्रष्टाचार से मुक्त करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? कितना ही बड़ा भ्रष्टाचारी हो कानूनी कदम उठाने
चाहिए कि नहीं उठाने चाहिए?
भ्रष्टाचारियों
के खिलाफ कानून को काम करने देना चाहिए कि नहीं करने देना चाहिए?
और इसलिए ये लोग तिलमिलाए हुए हैं, बौखलाहट में कुछ
भी किए जा रहे हैं। कुछ दिन पहले तो ऐसे कई राजनीतिक दल, अदालत में चले गए, कोर्ट के पास
पहुंच गए थे कि हमें सुरक्षा दो कि हमारे भ्रष्टाचार की किताबें कोई खोले नहीं।
कोर्ट के पास गए, कोर्ट ने वहां
भी उनको झटका दे दिया.।
भाइयों और बहनों,
जब सबका साथ-सबका
विकास की भावना से काम होता है, तो सच्चे अर्थों
में लोकतंत्र मजबूत होता है, तब वंचितों- शोषितों-पीड़ितों को वरीयता मिलती है। और यही
तो बाबा साहेब अंबेड़कर का सपना था यही तो संविधान की सच्ची भावना है। जब 2014 में केंद्र
सरकार परिवारतंत्र की बेड़ियों से मुक्त हुई, तो क्या परिणाम आय़ा, ये पूरा देश देख रहा है। बीते 9 वर्षों में देश
की 11 करोड़
माताओं-बहनों बेटियों को इज्जतघर, टॉयलेट की सुविधा मिली है। इसमें तेलंगाना के भी 30 लाख से अधिक
परिवारों की माताएं-बहनों को भी ये व्यवस्था मिली है । बीते 9 वर्षों में देश
में 9 करोड़ से अधिक
बहनों-बेटियों को उज्जवला का मुफ्त गैस कनेक्शन मिला है। तेलंगाना के 11 लाख से अधिक
गरीब परिवारों को भी इसका लाभ मिला है।
साथियों,
परिवारतंत्र, तेलंगाना सहित
देश के करोड़ों गरीब साथियों से उनके राशन भी लूट लेता था। हमारी सरकार में आज 80 करोड़ गरीबों को
मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे तेलंगाना के भी लाखों गरीबों की भी बहुत
मदद हुई है। हमारी सरकार की नीतियों की वजह से, तेलंगाना के लाखों गरीब साथियों को 5 लाख रुपए तक के
मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है। तेलंगाना के 1 करोड़ परिवारों का पहली बार जनधन बैंक खाता खुला है।
तेलंगाना के ढाई लाख छोटे उदयमियों को बिना गारंटी का मुद्रा ऋण मिला है। यहां 5 लाख
स्ट्रीट-वेंडर्स को पहली बार बैंक लोन मिला है। तेलंगाना के 40 लाख से अधिक
छोटे किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत लगभग 9 हज़ार करोड़
रुपए भी मिले। ये वो वंचित वर्ग है, जिसको पहली बार वरीयता मिली है, प्राथमिकता मिली
है।
साथियों,
जब देश तुष्टिकरण
से निकलकर सबके संतुष्टिकरण की तरफ बढ़ता है, तब सच्चा सामाजिक न्याय जन्म लेता है। आज तेलंगाना सहित
पूरा देश संतुष्टिकरण के रास्ते पर चलना चाहता है, सबका प्रयास से विकसित होना चाहता है। आज भी
तेलंगाना को जो प्रोजेक्ट मिले हैं, वो संतुष्टिकरण की भावना से प्रेरित हैं, सबका विकास के
लिए समर्पित हैं। आज़ादी के अमृतकाल में विकसित भारत के निर्माण के लिए तेलंगाना
का तेज विकास बहुत जरूरी है। आने वाले 25 साल तेलंगाना के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। तेलंगाना के
लोगों को तुष्टिकरण तथा भ्रष्टाचार में डूबी हुई हर ताकतों से ऐसी हर ताकतों
से दूर रहना ही तेलंगाना के भाग्य को
निर्धारित करेगा। हमें एकजुट होकर तेलंगाना के विकास के सारे सपनों को पूरा करना
है। इन सारे प्रोजेक्ट्स के लिए एक बार फिर तेलंगाना के मेरे प्यारे भाईयों बहनों
को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। ये मेरे लिए अत्यंत संतोष की बात है इतनी बड़ी
तादाद में, इतनी बड़ी तादाद
में तेलंगाना के उज्जवल भविष्य के लिए, तेलंगाना के विकास के लिए आप हमें आशीर्वाद देने के लिए
आए हैं। मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त
करता हूं।
बोलिये भारत माता
की – जय,
भारत माता की – जय,
भारत माता की – जय
बहुत-बहुत धन्यवाद।