चक्रीय फोटोफॉस्फोरिलेशन और अचक्रीय फोटोफॉस्फोरिलेशन में अंतर
चक्रीय फोटोफॉस्फोरिलेशन और अचक्रीय फोटोफॉस्फोरिलेशन में अंतर
चक्रीय फोटोफॉस्फोरिलेशन (Cyclic photophosphorylation)
1. यह क्रिया प्रथम वर्णक तन्त्र (PS-I) से सम्बन्धित होती है।
2. इस क्रिया में क्लोरोफिल अणु से मुक्त हुए इलेक्ट्रॉन्स पुनः क्लोरोफिल तक वापस आ जाते हैं।
3. इस क्रिया में जल का प्रकाश-रासायनिक अपघटन एवं O2 का उत्पादन नहीं होता है।
4. इस क्रिया में दो स्थानों पर फोटोफॉस्फोरिलेशन क्रिया होती है तथा 2 ATP का निर्माण होता है।
5. इस क्रिया में NADP+ का अपचयन नहीं होता है।
अचक्रीय फोटोफॉस्फोरिलेशन (Non-cyclic photophosphorylation)
1. यह क्रिया द्वितीय वर्णक तन्त्र (PS-II) से सम्बन्धित होती है।
2. इस क्रिया में क्लोरोफिल से मुक्त हुए इलेक्ट्रॉन्स वापस नहीं पहुँचते हैं। अत: इनकी आपूर्ति जल के प्रकाश- रासायनिक अपघटन से मुक्त इलेक्ट्रॉन्स के द्वारा होती है।
3. इस क्रिया में जल का प्रकाश-रासायनिक अपघटन एवं O2 का उत्पादन होता है।
4. इस क्रिया में केवल एक ही बार फोटोफॉस्फोरिलेशन होता है तथा केवल 1 ATP का ही निर्माण होता है।
5. इस क्रिया में NADP+, NADPH + H+ में अपचयित हो जाता है।