सिकल सेल दिवस :उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ विश्व सिकल सेल दिवस कार्यक्रम में होंगे शामिल |Sickle cell anemia 2024 MP - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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मंगलवार, 18 जून 2024

सिकल सेल दिवस :उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ विश्व सिकल सेल दिवस कार्यक्रम में होंगे शामिल |Sickle cell anemia 2024 MP

 सिकल सेल दिवस
उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ विश्व सिकल सेल दिवस कार्यक्रम में होंगे शामिल
सिकल सेल दिवस :उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ विश्व सिकल सेल दिवस कार्यक्रम में होंगे शामिल |Sickle cell anemia 2024 MP


 

उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ विश्व सिकल सेल दिवस-2024 19 जून 2024 को प्रातः 11.00 बजे शासकीय चन्द्रविजय महाविद्यालय डिण्डौरी में राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शामिल होंगे। कार्यक्रम में राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल उपस्थित रहेंगे।

 

मध्यप्रदेश में सिकलसेल उन्मूलन के प्रयास

 

सिकलसेल एनीमिया की रोकथाम एवं उपचार के लिये 15 नवम्बर 2021 जनजातीय गौरव दिवस को '’राज्य हिमोग्लोबिनोपैथी मिशन' का शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। मिशन में अलीराजपुर एवं झाबुआ जिलें में पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुल 9 लाख 17 हज़ार जनसंख्या की स्क्रीनिंग की गयी।

 

49 लाख 17 हज़ार लोगों की हो चुकी है स्क्रीनिंग 

द्वितीय चरण में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 जुलाई 2023 को राष्ट्रीय स्तर पर 'सिकल सेल उन्मूलन मिशन'- 2047 का शुभांरभ शहडोल ज़िले से किया गया। राष्ट्रीय सिकलसेल उन्मूलन मिशन' में देश के 17 राज्य शामिल हैं। मिशन में मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिलों के 89 विकासखण्डों में लगभग 1 करोड़ 11 लाख नागरिकों की सिकल सेल स्क्रीनिंग की जानी है। द्वितीय चरण में अब तक 49 लाख 17 हज़ार जनसँख्या की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। जिसमे से 1 लाख 20 हज़ार 493 सिकलवाहक एवं 18 हज़ार 182 सिकल रोगी चिन्हित किये गए हैं।

 

प्रत्येक जिला चिकित्सालय में जांच की व्यवस्था 

सिकलसेल रोगियों की जांच एवं उपचार सुविधाओं के सुदृढीकरण के लिये प्रत्येक जिला चिकित्सालय में एचपीएलसी मशीन द्वारा पुष्टीकरण जांच की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त अन्य जॉचे जैसे- सी.बी.सी., टोटल आयरन, सिरम फेरीटिन आदि जांचों की व्यवस्था निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। सिकलसेल एनीमिया की पुष्टिकरण जांच पीओसी किट द्वारा स्क्रीनिंग स्थल पर त्वरित जांच परिणाम प्राप्त कर सिकल रोगी का प्रबंधन किया जा रहा है।

 

22 लाख 96 हज़ार जेनेटिक कार्ड किये जा चुके हैं वितरित

 

आदिवासी बाहुल्य इलाकों में सिकलसेल एनीमिया की व्यापकता अधिक है एवं सिकलसेल एनीमिया आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में एक अहम स्वास्थ्य समस्या है। बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए समुदाय स्तर पर स्क्रीनिंग द्वारा रोगी की पहचान कर जेनेटिक काउंसलिंग एवं प्रबंधन करना अत्यंत आवश्यक है। मध्यप्रदेश में अब तक 22 लाख 96 हज़ार जेनेटिक कार्ड वितरित किये जा चुके हैं।

 

ब्लड-ट्रांसफ्यूजन के लिए प्रदेश के ब्लड सेंटरों का किया गया है सुदृढीकरण 

पुष्टिकरण जांच में पॉजिटिव पाये गये सिकल रोगियों का जिला स्तर पर संचालित एकीकृत उपचार केन्द्र में प्रबंधन एवं उपचार किया जा रहा है। समस्त रोगियों को हाइडॉक्सीयूरिया, फोलिकि एसिड दवाइयों का वितरण तथा आवश्यकतानुसार निःशुल्क रक्ताधान दिया जा रहा है। सिकल सेल रोगियों को सुरक्षित ब्लड-ट्रांसफ्यूजन के लिये प्रदेश के ब्लड सेंटरों का भी सुदृढीकरण किया गया है। सिकलसेल स्क्रीनिंग की रिपोर्टिंग एवं डाटा ट्रैकिंग हेतु मोबाइल एप एवं नेशनल सिकलसेल पोर्टल विकसित किया गया है।

 

नवजात शिशुओं की जांच के लिये एम्स भोपाल में लैब 

नवजात शिशुओं में जन्म के 72 घंटे के अंदर विशेष जांच के लिये एम्स भोपाल में लैब स्थापित कर आदिवासी बाहुल्य जिलों से भेजे गये सैम्पलों की जांच प्रारंभ की गई है । सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग तथा प्रबंधन के प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहयोग आईसीएमआर एनआईआरटीएच, जबलपुर द्वारा दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रदेश के समस्त 89 आदिवासी बाहुल्य विकासखण्डों में पदस्थ प्रबंधकीय एंव चिकित्सकीय स्टाफ के साथ-साथ मैदानी कार्यकताओं को प्रशिक्षित किया गया है।

 

सिकलसेल रोग के प्रसार को आगामी पीढ़ी में जाने से रोकने के लिए गर्भवती महिलाओं की प्रि-नेटल डायग्नोसिस 'संकल्प इंडिया' के सहयोग से की जा रही है। स्क्रीनिंग में चिन्हित सिकलसेल रोगियों को उपचार, औषधि एवं सम्पूर्ण प्रबंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं निरंतर निगरानी के लिये ट्रीटमेंट एवं फॉलोअप बुकलेट तैयार की गयी है।