संयुक्त सैन्य अभ्यास नोमैडिक एलीफेंट|NOMADIC ELEPHANT COMMENCES - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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बुधवार, 3 जुलाई 2024

संयुक्त सैन्य अभ्यास नोमैडिक एलीफेंट|NOMADIC ELEPHANT COMMENCES

संयुक्त सैन्य अभ्यास नोमैडिक एलीफेंट\

संयुक्त सैन्य अभ्यास नोमैडिक एलीफेंट|NOMADIC ELEPHANT COMMENCES

 

भारत-मंगोलिया संयुक्त सैन्य अभ्यास नोमैडिक एलीफेंट का 16वां संस्करण आज उमरोई (मेघालय) के विदेशी प्रशिक्षण नोड में आरंभ हुआ। यह अभ्यास 03 से 16 जुलाई 2024 तक आयोजित किया जाना है।

 

45 कर्मियों वाले भारतीय दल का प्रतिनिधित्व सिक्किम स्काउट्स की एक बटालियन तथा अन्य शाखाओं तथा सैन्य कर्मियों द्वारा किया जा रहा है। मंगोलियाई दल का प्रतिनिधित्व मंगोलियाई सेना की 150 त्वरित प्रतिक्रिया बल बटालियन के कर्मियों द्वारा किया जा रहा है। नोमैडिक एलीफेंट अभ्यास एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो भारत और मंगोलिया में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। पिछला संस्करण जुलाई 2023 में मंगोलिया में आयोजित किया गया था।

 

अभ्यास नोमैडिक एलीफेंट के उद्घाटन समारोह में भारत में मंगोलिया के राजदूत श्री डंबाजाविन गनबोल्ड और भारतीय सेना के 51 सब एरिया के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल प्रसन्ना जोशी ने भाग लिया।

 

इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र अधिदेश के अध्याय VII के तहत उप-पारंपरिक परिदृश्य में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने के लिए दोनों पक्षों की संयुक्त सैन्य क्षमता को बढ़ाना है। यह अभ्यास अर्ध-शहरी और पर्वतीय क्षेत्रों में किये जाने वाले प्रचालनों पर केंद्रित होगा।

 

अभ्यास के दौरान सामरिक अभ्यासों में आतंकवादी कार्रवाई का प्रत्युत्तर देना, एक संयुक्त कमान पोस्ट की स्थापना, एक खुफिया और निगरानी केंद्र की स्थापना, हेलीपैड/लैंडिंग साइट की सुरक्षा, छोटी टीमों का समावेश और निकासी, विशेष हेलीबोर्न ऑपरेशन, घेराबंदी और तलाशी अभियान के अतिरिक्त ड्रोन और काउंटर ड्रोन सिस्टम का उपयोग आदि शामिल हैं। मंगोलिया के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के प्रमुख मेजर जनरल ज्ञानब्याम्बा सुनरेव 16 जुलाई 2024 को भारतीय सेना की 33 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल जुबिन ए. मिनवाला के साथ समापन समारोह में भाग लेंगे।

 

नोमैडिक एलीफेंट अभ्यास से दोनों देश संयुक्त अभियान चलाने की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सक्षम होंगे। यह अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन, सौहार्द और सहयोग विकसित करने में भी सहायक होगा। इससे रक्षा सहयोग का स्तर भी बढ़ेगा, जिससे दोनों मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में और वृद्धि होगी।