डॉ. राजेंद्र प्रसाद को उनकी जयंती 3 दिसंबर |Rajendra Prasad Jyanti - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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बुधवार, 29 जनवरी 2025

डॉ. राजेंद्र प्रसाद को उनकी जयंती 3 दिसंबर |Rajendra Prasad Jyanti

डॉ. राजेंद्र प्रसाद को उनकी जयंती 3 दिसंबर

डॉ. राजेंद्र प्रसाद को उनकी जयंती 3 दिसंबर |Rajendra Prasad Jyanti



डॉ. राजेंद्र प्रसाद को उनकी जयंती 3 दिसंबर

जन्म एवं प्रारंभिक जीवन: 

  • राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर 1884 को जीरादेई, सिवान, बिहार में हुआ था।
  • वह गांधीजी के जाति और अस्पृश्यता के विचारों से प्रभावित थे और उन्होंने सरल जीवन व्यतीत किया।

स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका:

  • डॉ. प्रसाद ने 1920 में स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिये अपना विधिक कॅरियर छोड़ दिया और 1931 में नमक सत्याग्रह और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल होने के कारण कारावास का दंड दिया गया।
  • 1934 में भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के बंबई अधिवेशन की अध्यक्षता की और 1939 में सुभाष चन्द्र बोस के इस्तीफे के बाद कॉन्ग्रेस में अध्यक्ष पद ग्रहण किया।

संविधान निर्माण में भूमिका:

  • उन्हें 1946 में संविधान सभा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
  • उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज, प्रक्रिया नियम, वित्त एवं स्टाफ संबंधी समितियों की अध्यक्षता की।
  • साहित्यिक कृतियाँ: चंपारण में सत्याग्रह (1922), इंडिया डिवाइडेड (1946), आत्मकथा (1946), और बापू के कदमों में (1954)
  • राष्ट्रपति पद और विरासत:
  • 1950 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में पद ग्रहण किया और 12 वर्ष से अधिक समय तक कार्यभार संभाला। वह 1952 और 1957 में सर्वसम्मति से दोबारा राष्ट्रपति का पद ग्रहण करने वाले एकमात्र व्यक्ति थे। राजेंद्र प्रसाद को 1962 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 
  • हाल ही में राष्ट्रपति ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।


डॉ. राजेंद्र प्रसाद कौन थे?

  • डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर, 1884 को बिहार के सिवान ज़िले के जीरादेई में हुआ था।
  • वह बिहार में चंपारण सत्याग्रह (1917) के दौरान महात्मा गांधी के साथ जुड़े थे।
  • डॉ. प्रसाद ने 1918 के रॉलेट एक्ट और 1919 के जलियाँवाला बाग हत्याकांड पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की
  • डॉ. प्रसाद ने गांधीजी के असहयोग आंदोलन के तहत बिहार में असहयोग का आह्वान किया।
  • उन्होंने वर्ष 1930 में बिहार में नमक सत्याग्रह में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके कारण उन्हें कारावास भी हुआ।
  • वह आधिकारिक तौर पर वर्ष 1911 में कलकत्ता में आयोजित अपने वार्षिक सत्र के दौरान भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस में शामिल हो गए।
  • वर्ष 1946 में वे पंडित जवाहरलाल नेहरू की अंतरिम सरकार में खाद्य और कृषि मंत्री के रूप में शामिल हुए तथा अधिक अन्न उगाओका नारा दिया।
  • उन्होंने 26 जनवरी, 1950 से (जब देश ने अपना संविधान अपनाया था) 13 मई, 1962 तक भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले राष्ट्रपति का रिकॉर्ड अपने नाम किया।
  • 26 जनवरी, 1950 को वे भारत के प्रथम राष्ट्रपति चुने गए। राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने 12 वर्षों से अधिक समय तक सेवा की, जो उन्हें भारत के इतिहास में सर्वाधिक समय तक कार्यरत राष्ट्रपति के रूप में दर्शाता है।
  • डॉ. प्रसाद को वर्ष 1962 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कई किताबें लिखीं, जिनमें "सत्याग्रह एट चंपारण," "इंडिया डिवाइडेड" तथा उनकी "आत्मकथा" शामिल हैं।
  • 28 फरवरी, 1963 को उनका निधन हो गया।