मिजोरम ने पूर्ण साक्षरता प्राप्त की| Mizoram Achieves Full Functional Literacy - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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बुधवार, 21 मई 2025

मिजोरम ने पूर्ण साक्षरता प्राप्त की| Mizoram Achieves Full Functional Literacy

 

मिजोरम ने पूर्ण साक्षरता प्राप्त की

मिजोरम ने पूर्ण साक्षरता प्राप्त की| Mizoram Achieves Full Functional Literacy


मिजोरम को पूर्ण साक्षर राज्य


मिजोरम के मुख्यमंत्री श्री लालदुहोमा ने मंगलवार 20 मई 2025को आधिकारिक तौर पर मिजोरम को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित कियाजो राज्य की शैक्षिक यात्रा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इस उपलब्धि के साथ मिजोरम पूर्ण साक्षरता प्राप्त करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है।

राज्य की राजधानी आइजोल में आयोजित एक विशेष समारोह के दौरान इसकी घोषणा की गई। इस मौके पर भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभारऔर शिक्षा राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरीमिजोरम के स्कूल शिक्षाउच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के मंत्री डॉवनलालथलाना,  मिजोरम सरकार के  मुख्य सचिव आईएएस अधिकारी श्री खिली राम मीनामिजोरम सरकार के  स्कूल शिक्षा विभाग के विशेष सचिव श्री डेविड लालथंतलुआंगा  राज्य के गणमान्य व्यक्तिअधिकारीगण एवं मिजोरम विश्वविद्यालय के छात्र उपस्थित रहे।

मिजोरमजिसे 20 फरवरी 1987 को राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ। यह प्रदेश 21,081 वर्ग किमी (8,139 वर्ग मीलके भौगोलिक क्षेत्र में फैला हुआ है। 2011 की जनगणना के अनुसार इसकी साक्षरता दर 91.33% दर्ज की गईजो भारत में तीसरे स्थान पर है। इस मजबूत नींव पर काम करते हुए शेष अनपढ़ व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें शिक्षित करने के लिए उल्लास - नव भारत साक्षरता कार्यक्रम (न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्रामलागू किया गया।

अगस्त-सितंबर 2023 में राज्य भर में क्लस्टर संसाधन केंद्र समन्वयकों (सीआरसीसीद्वारा किए गए घर-घर सर्वेक्षण में 3,026 अनपढ़ लोगों की पहचान की गई। इनमें से 1,692 शिक्षार्थी शिक्षण-अधिगम गतिविधियों में सक्रिय रूप से लगे हुए थे। इस हिसाब से मिजोरम ने पूर्ण साक्षरता का आंकड़ा पार कर लिया है। अर्थात भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा परिभाषित 95% से अधिक साक्षरता दर (जिसे पूर्ण साक्षरता के बराबर माना जाता है)2023-24 के लिए पीएफएलएस सर्वेक्षण के अनुसार भी मिजोरम की साक्षरता दर 98.20% है। सामुदायिक भावना का उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए 292 स्वयंसेवी शिक्षकों ने इस पहल का नेतृत्व किया। इनमें छात्रशिक्षकरिसोर्स पर्सन और सीआरसीसी शामिल थे। कर्तव्य बोध की गहरी भावना और मिजो सांस्कृतिक मूल्य से प्रेरित होकर इन स्वयंसेवकों ने पूर्ण साक्षरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आइजोल में मिजोरम विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित यह उत्सव समावेशी शिक्षा को आगे बढ़ाने और साक्षरता से प्रत्येक नागरिक को सशक्त बनाने में मिजोरम के लोगों और सरकार के सहयोगात्मक प्रयासों का एक शक्तिशाली प्रमाण है।

उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम या न्यू इंडिया साक्षरता कार्यक्रम (एनआईएलपीएक केंद्र प्रायोजित योजना हैजो 2022-2027 तक लागू है। एनईपी 2020 के अनुरूप यह योजना उन वयस्कों (15 वर्ष और उससे अधिक आयु केको लक्षित करती है जो स्कूल नहीं जा सकते। इस योजना के पांच घटक हैंजिनमें आधारभूत साक्षरता और संख्या का ज्ञानमहत्वपूर्ण जीवन कौशबुनियादी शिक्षाव्यावसायिक कौशल और सतत शिक्षा शामिल हैं। उल्लास योजना का उद्देश्य भारत के जन-जन को साक्षर बनाना है और यह कर्तव्य बोध की भावना पर आधारित है तथा इसे स्वैच्छिकता के आधार पर क्रियान्वित किया जा रहा है। उल्लास योजना के अंतर्गत अब तक देश भर में 1.77 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी (नव साक्षरआधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मक मूल्यांकन परीक्षा (एफएलएनएटीमें शामिल हो चुके हैं। उल्लास मोबाइल ऐप पर 2.37 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी और 40.84 लाख स्वयंसेवी शिक्षक पंजीकृत हैं। इससे पहले 24 जून 2024 को लद्दाख पूर्ण साक्षरता घोषित करने वाली पहली प्रशासनिक इकाई बनी थी