इंदौर। सांवेर रोड स्थित औद्योगिक क्षेत्र में एक प्लास्टिक स्क्रेप बनाने वाली फैक्ट्री में रविवार सुबह भीषण आग लग गई। मौके पर पहुंचे फायर ब्रिगेड की टीम ने चार घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस दौरान 18 टैंक पानी और करीब 600 लीटर फोम का उपयोग किया गया। फैक्ट्री से निकला धुएं का गुबार कई किलोमीटर दूर से दिखाई दे रहा था। प्लास्टिक जलने से निकले काले धुएं से आसपास के लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ हुई। आशंका जताई जा रही है कि आग शॉर्टसर्किट के कारण लगी थी। फायर ब्रिगेड के एसआई अमरसिंह धुंध ने बताया- आग सांवेर रोड सी सेक्टर में प्लॉट नंबर 18 पर अकरम पिता बाबू खान की प्लास्टिक की स्क्रैप फैक्ट्री में लगी थी। तेज हवाओं के कारण आग ने पास स्थित मोहम्मद पिता मोहम्मद हुसैन की प्लास्टिक के स्क्रेप बनाने वाली फैक्ट्री को भी चपेट में ले लिया। इन दोनों फैक्ट्री की आग ने पास स्थित एलडी अमीन की जेएस इंजीनियरिंग वाली कांच की फैक्टरी को भी चपेट में ले लिया। सुबह चल रही हवा और प्लास्टिक होने से आग तेजी से फैलती गई। चार घंटे में 18 टैंकर पानी और 600 लीटर फोम से आग तो बुझा ली गई, लेकिन प्लास्टिक के अंदर मलबे में आग धधकती रही। आग से निकले काले व जहरीले धुएं से आसपास के लोगों को सांस लेने में परेशानी होती रही। फैक्ट्री मालिकों के अनुसार आग से लाखों के नुकसान की आशंका है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि आग शॉर्टसक्रिट से लगी है। हालांकि, इस मामले में फायर ब्रिगेड अधिकारी का कहना है कि जांच के बाद ही आग लगने का खुलासा हो सकेगा। इस दौरान फैक्ट्री के आसपास के लोग भी बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए थे। लोगों ने शिकायत की है कि फैक्ट्री से निकले धुएं के कारण उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है।1111रह रहकर उठती रहीं लपटें1111आग इतनी विकराल थी कि फायरकर्मियों द्वारा बुझाए जाने के बाद भी रह-रहकर लपटें उठती रहीं। शाम तक फायर ब्रिगेड की एक दमकल मौके पर मौजूद रही, वहीं आग बुझाने में निगम के टैंकरों को भी बुलाया था। यह बात भी सामने आ रही है कि पानी के टैंकर पहुंचने में भी काफी समय लग रहा था, जिसके कारण आग पर तुरंत काबू नहीं पाया गया। आग लगने की खबर मिलते ही बाणगंगा थाने के जवान भी मौके पर पहुंच गए थे।
इंदौर। सांवेर रोड स्थित औद्योगिक क्षेत्र में एक प्लास्टिक स्क्रेप बनाने वाली फैक्ट्री में रविवार सुबह भीषण आग लग गई। मौके पर पहुंचे फायर ब्रिगेड की टीम ने चार घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस दौरान 18 टैंक पानी और करीब 600 लीटर फोम का उपयोग किया गया। फैक्ट्री से निकला धुएं का गुबार कई किलोमीटर दूर से दिखाई दे रहा था। प्लास्टिक जलने से निकले काले धुएं से आसपास के लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ हुई। आशंका जताई जा रही है कि आग शॉर्टसर्किट के कारण लगी थी। फायर ब्रिगेड के एसआई अमरसिंह धुंध ने बताया- आग सांवेर रोड सी सेक्टर में प्लॉट नंबर 18 पर अकरम पिता बाबू खान की प्लास्टिक की स्क्रैप फैक्ट्री में लगी थी। तेज हवाओं के कारण आग ने पास स्थित मोहम्मद पिता मोहम्मद हुसैन की प्लास्टिक के स्क्रेप बनाने वाली फैक्ट्री को भी चपेट में ले लिया। इन दोनों फैक्ट्री की आग ने पास स्थित एलडी अमीन की जेएस इंजीनियरिंग वाली कांच की फैक्टरी को भी चपेट में ले लिया। सुबह चल रही हवा और प्लास्टिक होने से आग तेजी से फैलती गई। चार घंटे में 18 टैंकर पानी और 600 लीटर फोम से आग तो बुझा ली गई, लेकिन प्लास्टिक के अंदर मलबे में आग धधकती रही। आग से निकले काले व जहरीले धुएं से आसपास के लोगों को सांस लेने में परेशानी होती रही। फैक्ट्री मालिकों के अनुसार आग से लाखों के नुकसान की आशंका है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि आग शॉर्टसक्रिट से लगी है। हालांकि, इस मामले में फायर ब्रिगेड अधिकारी का कहना है कि जांच के बाद ही आग लगने का खुलासा हो सकेगा। इस दौरान फैक्ट्री के आसपास के लोग भी बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए थे। लोगों ने शिकायत की है कि फैक्ट्री से निकले धुएं के कारण उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है।1111रह रहकर उठती रहीं लपटें1111आग इतनी विकराल थी कि फायरकर्मियों द्वारा बुझाए जाने के बाद भी रह-रहकर लपटें उठती रहीं। शाम तक फायर ब्रिगेड की एक दमकल मौके पर मौजूद रही, वहीं आग बुझाने में निगम के टैंकरों को भी बुलाया था। यह बात भी सामने आ रही है कि पानी के टैंकर पहुंचने में भी काफी समय लग रहा था, जिसके कारण आग पर तुरंत काबू नहीं पाया गया। आग लगने की खबर मिलते ही बाणगंगा थाने के जवान भी मौके पर पहुंच गए थे।