मुख्यमंत्री श्री चौहान
ने भारतमाता के 37 फीट ऊँची कांस्य
प्रतिमा का किया अनावरण
मुख्यमंत्री श्री शिवराज
सिंह चौहान ने स्वतंत्रता दिवस पर भोपाल के शौर्य स्मारक में भारतमाता की कांस्य
प्रतिमा का अनावरण करते हुये कहा कि भारत माता हमे शक्ति दें कि मध्य प्रदेश
वैभवशाली, गौरवशाली और
संपन्न देश के निर्माण में अपना सशक्त योगदान दे सके। श्री चौहान ने कहा कि देश पर
सर्वस्व न्यौछावर करने वाले वीर सपूत सैनिकों की स्मृति में निर्मित शौर्य स्मारक
में भारत माता की दिव्य और भव्य प्रतिमा स्थापित करने का मेरा संकल्प आज साकार
हुआ। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2017 में शौर्य स्मारक स्थल पर भारत माता की
प्रतिमा स्थापित किये जाने की घोषणा की थी। उनके द्वारा की गयी घोषणा ने 15 अगस्त 2020 को मूर्त रूप ले
लिया है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रतिमा का अनावरण हुआ।
संस्कृति, पर्यटन एवं
आध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने भी शौर्य स्मारक पर वीर सपूतों को पुष्पचक्र
अर्पित करने के बाद भारतमाता को पुष्पांजलि अर्पित की। भोपाल सांसद सुश्री प्रज्ञा
ठाकुर, पूर्व महापौर
श्री आलोक शर्मा, श्रीमती साधना
सिंह और प्रमुख सचिव संस्कृति, पर्यटन और जनसम्पर्क श्री शिवशेखर शुक्ला भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस अवसर पर भारतमाता की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार
श्री राजकुमार पण्डित का शाल श्रीफल से सम्मान
किया।
अशोक चक्र राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत भी
उकेरा गया है पेडस्टल पर उल्लेखनीय है कि भोपाल
में 13 एकड़ क्षेत्र में
निर्मित शौर्य स्मारक का लोकार्पण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अक्टूबर 2016 को किया था।
स्मारक की प्रथम वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने यहाँ भारतमाता की प्रतिमा
स्थापना का संकल्प लिया था। प्रतिमा स्थापना के लिये विशेषज्ञों, वास्तुविदों, शिल्पकारों, चित्रकारों, आकल्पनकारों और
संस्थानों आदि से प्रस्ताव आमंत्रित करने के बाद आर्शीवचन की मुद्रा में
राष्ट्रध्वज सहित कमल पर भारतमाता की लगभग 25 फीट (पेडस्टल सहित 37 फीट) कांस्य प्रतिमा स्थापित की गई है। प्रतिमा के पेडस्टल
पर अशोक चक्र के साथ राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत भी उकेरा गया है। वहीं स्मारक में
भारतीय सेना, वायुसेना और
नौसेना से संबंधित संक्षिप्त ऐतिहासिक जानकारी, चित्र, अस्त्र-सशस्त्रों के छायाचित्र, टेबलटॉप मॉडल
स्केल मॉडल शौर्यपदक विवरण,
शौर्य से संबंधित
प्रकाशन, लघु फिल्म
प्रदर्शन आदि के माध्यम से जनसामान्य को भारतीय सेना की शौर्यगाथाओं से परिचित
कराया जाता है। अब तक 26 लाख 50 हजार से अधिक लोग
यहाँ आ चुके हैं।