22 साल की नीरजा भनोट अमर हो गईं; म्यूनिख ओलिंपिक में आतंकी हमला और शिक्षक दिवस - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शनिवार, 5 सितंबर 2020

22 साल की नीरजा भनोट अमर हो गईं; म्यूनिख ओलिंपिक में आतंकी हमला और शिक्षक दिवस

इतिहास में आज का दिन बेहद दुखद है। नीरजा भनोट ने करीब 34 साल पहले देश-दुनिया को दिखा दिया कि एक महिला भी साहस के साथ आतंकियों से मुकाबला कर सकती है। नीरजा उस पैन एम फ्लाइट-73 की एयरहोस्टेस थीं, जिसे कराची में हाईजैक कर लिया गया था।

22 साल की नीरजा ने सूझ-बूझ दिखाई और इमरजेंसी गेट से ज्यादातर यात्रियों को बाहर निकालने में मदद की। उस समय विमान में 379 यात्री थे। लेकिन नीरजा समेत 20 लोग निकल नहीं सके और आतंकियों की गोलीबारी में मारे गए। नीरजा को उसके दिखाए साहस के लिए भारत सरकार ने अशोक चक्र से सम्मानित किया गया, वहीं पाकिस्तान और अमेरिका में भी उन्हें वीरता के लिए सम्मानित किया गया है।

म्यूनिख में ओलिंपिक गेम्स में कत्लेआम

बात 1972 में हुए म्यूनिख (जर्मनी) ओलिंपिक की है। फिलिस्तीनी समूह ब्लैक सितम्बर ने ओलिंपिक विलेज में रह रहे दो इजरायली एथलीट की हत्या कर दी और नौ को बंधक बनाकर रखा। वे उनके बदले में इजरायल की जेलों में बंद 230 कैदियों की रिहाई मांग रहे थे। छुड़ाने की कोशिश में सभी नौ बंधक और पांचों आतंकी मारे गए। इस हादसे में मारे गए एथलीट्स को श्रद्धांजलि के तौर पर एक दिन के लिए सभी ओलिंपिक गतिविधियां सस्पेंड रही थीं। यह अब तक के ओलिंपिक गेम्स के इतिहास की सबसे त्रासद घटना है।

1972 में म्यूनिख ओलिंपिक विलेज बिल्डिंग-31 में बालकनी में खड़े इस किडनैपर की म्यूनिख गेम्स में हुए हत्याकांड की अब तक की सबसे ज्यादा बार प्रकाशित तस्वीर है।

भारत रत्न मदर टेरेसा का निधन

भारत रत्न मदर टेरेसा का निधन आज ही के दिन 1997 में हुआ था। मदर टेरेसा एक कैथोलिक नन थीं। अल्बेनिया में जन्मीं मदर टेरेसा (गोंझा बोयाजिजू) 1929 में पहली बार कोलकाता आईं और यहीं की हो गईं। मदर टेरेसा ने 1950 में मिशनरीज ऑफ चैरिटी बनाई और 45 साल तक गरीबों, बीमारों, अनाथों की सेवा की। अक्टूबर 1979 में उन्हें नोबल शांति पुरस्कार दिया गया। वहीं, अक्टूबर 2003 में धन्य और मार्च 2016 में संत की उपाधि से नवाजा गया। 1980 में उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

इतिहास के पन्नों में आज के दिन को इन घटनाओं की वजह से भी याद किया जाता है…

  • 1664: कई दिन की बातचीत के बाद न्यू एम्स्टर्डम के डच सेटलमेंट ने ब्रिटिशर्स के सामने आत्मसमर्पण किया। उन्होंने उसका नाम बदलकर न्यूयॉर्क किया।
  • 1798: फ्रांस में अनिवार्य सैन्य सेवा कानून प्रभाव में आया।
  • 1888: भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ। इसे भारत में आज भी शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
  • 1905: रूस-जापान का युद्ध खत्म हुआ, जब साम्राज्यों के प्रतिनिधियों ने न्यू हैम्पशायर में ट्रीटी ऑफ पोर्ट्समाउथ पर हस्ताक्षर किए। जापान को जो चाहिए था, उसे मिल गया था।
  • 1910: मारी क्यूरी ने फ्रांस में एकेडमी ऑफ साइंसेस में रेडियम और के धातु में बदलाव की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया था।
  • 1914: ब्रिटेन, फ्रांस, बेल्जियम और रूस के बीच लंदन समझौता हुआ।
  • 1960: अमेरिकी मुक्केबाज मुहम्मद अली ने रोम ओलिंपिक्स में 175-पाउंड कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद उन्होंने प्रोफेशनल करियर चुना और नामी मुक्केबाज बन गए।
  • 1977: नासा ने वोयाजर-1 प्रोब को लॉन्च किया। यह आज तक पृथ्वी से सबसे दूर भेजी गई मानव निर्मित वस्तु है।
  • 1980: दुनिया की सबसे लंबी टनल शुरू हुई। स्विट्जरलैंड की सेंट गोथार्ड टनल 10.14 मील (16.22 किमी) लंबी है।
  • 1984: स्पेस शटल डिस्कवरी पहली अंतरिक्ष यात्रा से लौटा।
  • 1991: नेल्सन मंडेला अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गये।
  • 1991: भारतीय, व्यंग्य रचनाकार शरद जोशी का निधन 1991 को हुआ था।
  • 2011: भारतीय बैंक संघ और नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ने एटीएम से चेक क्लियर करने की टेक्नोलॉजी को अंतिम रूप दिया।


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After flying from Mumbai, Neerja's flight hijacked in Karachi, birth of Dr. Sarvapalli Radhakrishnan, second President of the country, Bharat Ratna.


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