मोटापा और डायबिटीज कंट्रोल करना है तो शुगर-फ्री डाइट लेना शुरू करें, रोजाना 350 कैलोरी से अधिक शक्कर लेने से बढ़ता है बीमारियों का खतरा - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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मंगलवार, 1 सितंबर 2020

मोटापा और डायबिटीज कंट्रोल करना है तो शुगर-फ्री डाइट लेना शुरू करें, रोजाना 350 कैलोरी से अधिक शक्कर लेने से बढ़ता है बीमारियों का खतरा

शुगर फ्री डाइट का चलन बढ़ रहा है। कारण बढ़ता मोटापा, डायबिटीज के रोगी और बिगड़ता मेटाबॉलिज्म है। बिना चीनी वाला भोजन कई तरह की बीमारियों से भी बचाने के साथ वजन कंट्रोल रखता है। इस डाइट में ज्यादातर फूड पोषक तत्व से भरपूर होने के साथ नेचुरल सोर्स से जुड़े होते हैं। हर साल 1-7 सितंबर के बीच नेशनल न्यूट्रिशन वीक मनाया जाता है। इस साल की थीम है 'ईट राइट, बाइट बाइ बाइट'। इस थीम के मुताबिक ऐसे
फूड को डाइट में शामिल करना है जो सेहत के लिए सही हों। न्यूट्रिशनिस्ट सुरभि पारीक बता रही हैं, क्या है शुगर फ्री डाइट और यह कैसे काम करती है।

क्या है शुगर-फ्री फूड
शुगर-फ्री भोजन का मतलब है कि उसमें जरूरत से ज्यादा चीनी का न होना। इसमें सिंपल कार्बोहाइड्रेट भी शामिल है। रोजाना 350 कैलोरी से अधिक शुगर लेने से मोटापा, मधुमेह और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा जरूरत से ज्यादा शुगर लेना शरीर के इम्यून सिस्टम को भी कमजोर बनाता है। आम चीनी में सिंपल कार्बोहाइड्रेट होते हैं। ये जल्दी पचते हैं और तुरंत खून में चले जाते हैं। इससे ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है।

कुछ लोग सोचते हैं कि शुगर-फ्री भोजन का अर्थ है हर तरह की चीनी लेना बंद कर देना। लेकिन ऐसा नहीं है। सिर्फ अतिरिक्त शक्कर या अधिक शुगर वाले प्रोडक्ट को लेने से बचना है।

कैसे करती है काम शुगर-फ्री डाइट
शुगर-फ्री भोजन करने से ब्लड शुगर में अचानक बदलाव नहीं आता। इन्हें लेने से मैटाबोलिक रेट में सुधार होता है और आप पेट भरा हुआ महसूस करते हैं। आप के शरीर में प्रोटीन और वसा से ऊर्जा पैदा होती है। इससे धीरे-धीरे वजन भी कम होने लगता है। ऐसे भोजन में कई खाने वाली चीजों को पूरी तरहबंद कर दिया जाता है। कुछ को ही शामिल किया जाता है। खट्टे फल ज्यादा खाए जाते हैं।

क्या खाएं

  • ज्यादा फाइबर वाली चीजें जैसे, चाइना सीड, बैरी, टमाटर और ब्राउन राइस।
  • साबुत अनाज, ओट्स, चने का आटा, मोटे अनाज और दूसरे हाई फाइबर फूड।
  • हेल्दी फैट जैसे जैतून का तेल, अखरोट, बादाम और कद्दू के बीज आदि लें।
  • बिना मलाई वाला दूध, दही, मट्ठा वगैरह, दालें छिलके के साथ। अंडे, मछली भी ले सकते हैं
  • फलों में पपीता, सेब, संतरे, अमरूद वगैरह खा सकते हैं।
  • ज्‍यादा रेशे वाली सब्जियां जैसे मटर, फलियां, गोभी, पालक, हरी पत्‍तेदार सब्जियां।
  • इनके अलावा मौसमी सब्जियों को जरूर डाइट में शामिल करें।

क्या न खाएं

  • जंक फूड, मिठाई, कैंडी और रिफाइंड अनाज से बनी चीजें।
  • सोडा, मीठे पेय, गन्ने से बनी चीनी और टेबल शुगर।

शुगर-फ्री भोजन के फायदे

  • वजन घटता है और डायबिटीज का खतरा कम होता है।
  • शुगर-फ्री चीजों को पचने में ज्यादा समय लगता है। साथ ही इनमें लंबे समय तक ऊर्जा मिलती।
  • ऐसे खानपान से दिनभर ब्लड शुगर का लेवल एक जैसा बना रहता है।
  • शुगर-फ्री भोजन उम्र के प्रभाव को कम करके लंबे समय तक जवां दिखने में मदद करता है।
  • पाचनतंत्र की बात करें तो कम चीनी और ज्यादा फाइबर वाला भोजन इरिटेबल बाउल सिंड्रोम यानी आंतों का रोग, पेट फूलना, बैक्टीरिया के संक्रमण से बचाए रखता है।
  • चीनी का सेवन कम करने से फैटी लिवर रोग की आशंका कम हो जाती है।
  • शुगरफ्री भोजन की मदद से शरीर की सूजन को कम किया जा सकता है।


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