
ग्वालियर में भाजपा के वरिष्ठ नेता सतीश सिकरवार ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। उपचुनाव से पहले इसे ग्वालियर में भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। भोपाल में मंगलवार को पीसीसी दफ्तर में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने उन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। सतीश सिकरवार के साथ ग्वालियर के दो पार्षद और 150 से अधिक कार्यकर्ता भी भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए।
सतीश सिकरवार ने कहा कि वह भाजपा में रहकर सामंतवादी ताकतों के खिलाफ लड़ते रहे हैं और ये लड़ाई अब कांग्रेस के साथ जारी रहेगी। ये लड़ाई सिंधिया के खिलाफ है और हम लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में कांग्रेस का दबदबा बढ़ रहा है और इस बार पिछले चुनाव से ज्यादा सीटें जीतकर आएंगे।

प्रदेश में प्रजातंत्र को खरीदकर जनादेश का अपमान किया गया: कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सतीश सिकरवार के कांग्रेस में शामिल होने पर कहा कि मध्यप्रदेश में प्रजातंत्र को खरीदा गया है, यह एक शर्मनाक कृत्य है जो भाजपा ने सत्ता के सौदागरों के साथ बोली लगाकर खरीदा है। उन्होंने कहा कि आपने सच्चाई को पहचाना है और सच का साथ देने का निर्णय लिया है, यह प्रदेश और लोकतंत्र के हित में बड़ा निर्णय है।
कमलनाथ ने कहा, "अब कांग्रेस में महलों का दखल खत्म हो गया है। अब कांग्रेस में कोई महल नहीं है, आप सभी लोग आज कमलनाथ के घर में आए हैं। आज आप कांग्रेस पार्टी के परिवार से जुड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा देश देवी-देवताओं, विभिन्न संस्कृतियों का देश है। यहां जोड़ने की बात होती है, तोड़ने की नहीं।"
'जनता भले कांग्रेस, कमलनाथ का साथ न दे, लेकिन सच्चाई का साथ जरूर देगी'
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भाजपा के नेतागण, कार्यकर्ता बड़ी संख्या में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में रोज शामिल हो रहे है। कल भी कुछ लोगों ने प्रवेश लिया था। हम इसे पब्लिसिटी या इवेंट का रूप नहीं देते हैं, यह तो भाजपा की राजनीति है। आज तो जनता तो छोडि़ए बीजेपी के कार्यकर्ता ही उनसे दुखी हैं, यह मध्य प्रदेश की स्थिति है। हमारी सर्वे रिपोर्ट बहुत अच्छी है, हमें कोई चिंता नहीं है, सभी सभी सीटें जीतेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'आज का मध्य प्रदेश का मतदाता बहुत समझदार है। मुझे प्रदेश के मतदाताओं, यहां की जनता और जिन 27 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है, वहां की जनता पर भी पूरा विश्वास है कि वो भले कमलनाथ का साथ ना दें, कांग्रेस का साथ ना दें, लेकिन सच्चाई का साथ ज़रूर देंगे।'

2018 में मुन्नालाल गोयल के खिलाफ लड़ा था चुनाव
बता दें कि सतीश सिकरवार ने 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मुन्नालाल गोयल के खिलाफ भाजपा से चुनाव लड़ा था। वह चुनाव हार गए थे। अब उनके कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनका कांग्रेस से टिकट पक्का माना जा रहा है। कांग्रेस के मुन्ना लाल गोयल के ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल होने के बाद सतीश ने भाजपा को झटका देते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया। वह ग्वालियर पूर्व सीट पर कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरेंगे।
नरोत्तम मिश्रा ने कहा- इससे भाजपा कोई झटका नहीं लगा
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सतीश सिकरवार के कांग्रेस का दामन थामने पर कहा कि बीजेपी को इससे कोई झटका नही लगा। सरकार के खाली खजाने और घोषणाओं पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मन चाहिए कुछ कर गुजरने के लिए, भाषण नहीं। संसाधन तो सभी जुट जाएंगे, संकल्प का धन चाहिए। शिवराज जी की इच्छा शक्ति है, वे सदैव से किसानों के पक्ष की रही है। वे सदैव से किसानों के लिए काम करते आए हैं, और हम सदैव से किसानों के लिए काम करते आए हैं।
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