बुरी आदत को जल्दी से जल्दी छोड़ देना चाहिए, वरना जैसे-जैसे समय निकलता जाता है, लत छोड़ना मुश्किल हो जाता है - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शनिवार, 19 सितंबर 2020

बुरी आदत को जल्दी से जल्दी छोड़ देना चाहिए, वरना जैसे-जैसे समय निकलता जाता है, लत छोड़ना मुश्किल हो जाता है

बुरी आदतों की वजह से जीवन में परेशानियां बढ़ने लगती हैं। गलत आदतों को जल्दी से जल्दी छोड़ देना चाहिए, वरना समस्याएं और ज्यादा गंभीर हो जाती हैं। इस बात को एक लोक कथा से समझ सकते हैं। जानिए ये कथा...

पुराने समय में एक व्यक्ति अपने गांव के विद्वान संत के पास गया और बोला कि गुरुजी मेरा बेटा बुरी आदतों में फंस गया है। उसकी अभी ज्यादा उम्र भी नहीं है, मैं सोच रहा था कि ये बड़ा हो जाएगा तो सुधर जाएगा, लेकिन कोई लाभ नहीं मिला है।

संत से जो भी व्यक्ति मिलने आता था, वे उसकी समस्याओं का निराकरण करते थे। संत ने उस दुखी पिता से कहा कि तुम कल अपने बेटे को मेरे पास भेज देना। पिता ने अगले दि अपने बेटे को संत के पास भेजा।

लड़का संत के पास पहुंचा और प्रणाम किया। संत उसे लेकर अपने बाग में पहुंचे और टहलने लगे। कुछ देर बाद संत ने लड़के से कहा कि सामने वह छोटा सा पौधा दिख रहा है, उसे उखाड़ सकते हो?

लड़के ने कहा कि मैं इसे अभी उखाड़ देता हूं और बच्चे ने पौधा उखाड़ दिया। थोड़ी देर बाद संत ने बच्चे को थोड़ा बड़ा पौधा दिखाया और उसे उखाड़ने के लिए बोला। लड़के को थोड़ी ज्यादा ताकत लगानी पड़ी, लेकिन उसने पौधा उखाड़ दिया।

थोड़ी देर बाद संत ने बच्चे को एक पेड़ दिखाया और कहा कि इसे उखाड़ दो। बच्चे ने पेड़ के तना पकड़ा, लेकिन वह उसे हिला भी नहीं सका। लड़के ने संत से कहा कि इस पेड़ को उखाड़ना तो संभव नहीं है।

संत ने उस लड़के को समझाया कि छोटे पौधे को उखाड़ना बहुत आसान था, थोड़े बड़े को पौधे को उखाड़ने में थोड़ी ताकत लगानी पड़ी थी, लेकिन पेड़ को उखाड़ना संभव नहीं है। ठीक इसी तरह बुरी आदतों को जितनी जल्दी छोड़ देंगे, उतना अच्छा रहेगा। जब बुरी आदतें नई होती हैं तो उन्हें छोड़ना आसान होता है, लेकिन आदतें जैसे-जैसे पुरानी होती जाएंगी, उन्हें छोड़ पाना मुश्किल हो जाता है।



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