क्रोध बहुत कठोर होता है, ये देखना चाहता है कि इसका एक-एक शब्द निशाने पर लगा है या नहीं, क्रोध मौन सहन नहीं कर सकता - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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बुधवार, 9 सितंबर 2020

क्रोध बहुत कठोर होता है, ये देखना चाहता है कि इसका एक-एक शब्द निशाने पर लगा है या नहीं, क्रोध मौन सहन नहीं कर सकता

गोदान, गबन, कर्मभूमि जैसे उपन्यास और पंच परमेश्वर, ईदगाह, बूढ़ी काकी जैसे कहानियों के लेखक मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को हुआ था। उनका पूरा नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। मुंशी प्रेमचंद ने अपने उपन्यास और कहानियों में समाज की कमियों को दर्शाया है। प्रेमचंद के ऐसे विचार हैं, जिन्हें अपनाने से हमारी कई समस्याएं दूर हो सकती हैं। इनकी मृत्यु 8 अक्टूबर 1936 को हुई थी।

जानिए मुंशी प्रेमचंद के कुछ खास विचार...