एसआई कुर्सी पर बैठ बयान लेने लगी तो चीखी सानिया, बोली कुर्सी पर पति शुभम बैठे हैं आप उनकी गोद में कैसे बैठ गई, वहां से उठो - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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रविवार, 13 सितंबर 2020

एसआई कुर्सी पर बैठ बयान लेने लगी तो चीखी सानिया, बोली कुर्सी पर पति शुभम बैठे हैं आप उनकी गोद में कैसे बैठ गई, वहां से उठो

सी 21 मॉल से कूदी एमबीबीएस की छात्रा सोनिया खंडेलवाल ने आखिरकार शनिवार रात को पुलिस को अपने बयान दर्ज करवा दिए है। जब उससे बयान लेने के लिए महिला एसआई अकेली और कुर्सी पर बैठ गई तो सोनिया चीख उठी। बोली मेरा पति शुभम जिंदा है। अस्पताल की कुर्सी पर बैठकर मेरी केयर कर रहा है। तुम उसकी गोद में कैसे बैठ गई। बाद में सोनिया ने उज्जैन और विजय नगर पुलिस को बयान दर्ज करवाए हैं कि उसके पति को प्रताड़ित करने वाले इंजीनियरों को फांसी पर चढ़ा दो। उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। उधर, डॉक्टरों के मुताबिक उसकी हालत अभी भी गंभीर है। उसे ठीक होने में तीन-चार महीने का वक्त लग सकता है।

सानिया के दोनों पैर में गंभीर चोट आई है।

विजयनगर टीआई तहजीब काजी के अनुसार सोनिया पति शुभम खंडेलवाल के शनिवार को कथन लिए गए। एमवायएच के सर्जिकल आईसीयू में बयान लेने के लिए जब एसआई प्रियंका शर्मा पहुंची तो सोनिया उसे घूरने लगी। प्रियंका कुर्सी पर बैठी तो सोनिया उसे देखती ही रही। फिर चिल्लाकर बोली कि आप मेरे पति शुभम की गोद में कैसे बैठ गई। उठो वहां से। मेरा पति वहां बैठकर मेरी केयर कर रहा है। यह सुनकर प्रियंका चौंकी। उसने बाहर से सिपाही बुलाया। फिर उसके सामने बयान लिए। युवती से बयान लेने के लिए उज्जैन के चिंतामण थाने की पुलिस भी इंदौर पहुंची। उन्होंने भी सोनिया से बात की।

युवती को छलांग लगाता देख गार्ड ने दौड़कर बचाने की कोशिश की।

ऐसे हुई थी मुलाकात
शुभम के परिचित ने बताया कि शुभ निगम में ठेकेदारी करता था। करीब 4 साल पहले निगम का एक काम वह आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के पास करवा रहा था। रोज के आने-जाने के दौरान उसकी फरीदाबाद की रहने वाली सानिया से हुई। बातों-बातों में पता चला कि वह यहां डॉक्टरी की पढ़ाई करने आई है। एमबीबीएस करते हुए शुभम और सानिया काफी करीब आ गए। दोनों काफी सक्षम परिवार से थे, लेकिन कास्ट अलग होने से परिजन शादी को लेकर थोड़े सहज नहीं दिख रहे थे। इस पर दोनों ने मंदिर में शादी करने का फैसला किया। दोस्तों और परिचितों की मौजूदगी में 28 अगस्त को उज्जैन स्थित चिंतामन मंदिर में सादे समारोह में शादी की। इसके बाद शुभम सानिया को लेकर घर पहुंचा, जहां बिना किसी गिले-सिकवे के उसके परिवार ने बहू को खुशी-खुशी गृह प्रवेश करवाया। इसके बाद सानिया के परिजन भी शुभम को अपनाते हुए बेटी और दामाद से मिलने उज्जैन आए थे।

युवती के सिर और पैर में गंभीर चोट आई है।

ना नया काम दे रहे थे, ना ही पुराना पेमेंट क्लियर कर रहे थे

परिचित के अनुसार शुभम निगम के इंजीनियरों की प्रताड़ना से काफी परेशान था। उन लोगों ने उसके पुराने पेमेंट तो अटका ही रखे थे, ऊपर से उसे दूसरा काम भी नहीं दे रहे थे। वह टेंडर डालता तो उसके टेंडर को आगे ही नहीं बढ़ाते थे। इन सब बातों को लेकर वह काफी परेशान हो चुका था। शायद इसी से तंग आकर उसने बुधवार रात को जहर खा लिया था। बड़नगर से लौटते समय उसकी कार का एक्सीडेंट हो गया था। शुभम की मौत के बाद पत्नी सानिया को माता-पिता उज्जैन से अपने साथ फरीदाबाद लेकर जाने वाले थे। वे उज्जैन से लौटकर इंदौर में सरवटे बस स्टैंड क्षेत्र में एक होटल में रुके थे। उनकी दोपहर में फ्लाइट थी। सुबह वे होटल से निकलने ही वाले थे कि सानिया ने कहा कि वह जूस पीकर आती है। इसके बाद वह नहीं लौटी। कई कॉल करने के बाद उन्हें लगा कि वह एयरपोर्ट सीधे पहुंचेगी, इसलिए वे होटल से एयरपोर्ट के लिए निकल गए। लेकिन सानिया होटल से निकलकर सीधे सी -21 मॉल पहुंची और तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी।

सलीम खान विशाल और एक अन्य साथी के साथ युवती को अस्पताल ले आए।

मेरा पति इतना प्रताड़ित था कि कह नहीं सकती
सोनिया ने बताया कि हमारी शादी 15 दिन पहले घरवालों की मर्जी से हुई है। हम काफी खुश थे, लेकिन उज्जैन के इंजीनियरों ने मेरे घऱ को नर्क में बदल दिया। उन्होंने मेरे पति को इतना प्रताड़ित किया कि वह रातभर सो नहीं पाता था। वह डरने लगा था। मुझे निगम के इंजीनियरों की प्रताड़ना के बारे में बताता था। वे उसे कैसे प्रताड़ित करते थे यह मैं भी अभी नहीं बता सकती, लेकिन उन्होंने मेरे पति की जान ले ली। उन्हें तो फांसी पर चढ़ा देना चाहिए। आप तो उनके खिलाफ कार्रवाई करो। गिरफ्तार करो और सजा दे दो। उन्होंने मेरे हंसते-खेलते परिवार को तबाह कर दिया। हमने किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा, लेकिन उन्होंने मेरा पूरा परिवार तबाह कर दिया।

28 अगस्त को दोनों ने शादी की थी।

मुझे क्यों बचाया-मा और शुभम आ जाओ
सोनिया ने कहा कि वह जान देने के लिए ही कूदी थी, लेकिन उसे क्यों बचाया। वह मरना चाहती है। पति के साथ जाना चाहती है। वह बार-बार अपनी मां और शुभम को याद करती है। उन्हें पुकारती है। उसके दोनों पैरों में प्लास्टर चढ़ा हुआ है। वह दर्द से लगातार कराह रही है।

इलाज तो एमवायएच में होगा
टीआई तहजीब काजी ने सोनिया के पिता सुबीर कुमार को कहा कि उसके ठीक होने में अभी वक्त लगेगा, यदि वे चाहें तो उसे विजयनगर के किसी भी निजी अस्पताल में भर्ती करवा सकते हैं। उसका खर्च थाने वाले उठा लेंगे। इस पर पिता ने कहा कि उनकी स्थिति इतनी ठीक नहीं है, लेकिन एमवायएच में उसे अच्छा इलाज मिल रहा है। इसलिए वे अभी वहीं रखना चाहते हैं।



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डॉक्टरों के मुताबिक सोनिया को ठीक होने में 3-4 माह लग सकते हैं।


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