रहीम के दोहे: वृक्ष अपने फल स्वयं नहीं खाते हैं और सरोवर भी अपना पानी स्वयं नहीं पीता है...... - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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सोमवार, 28 सितंबर 2020

रहीम के दोहे: वृक्ष अपने फल स्वयं नहीं खाते हैं और सरोवर भी अपना पानी स्वयं नहीं पीता है......


रहीम के दोहे:अपने दुख कभी भी किसी को नहीं बताना चाहिएक्योंकि अधिकतर लोग हमारे दुखों का मजाक उड़ाते हैं


 कोई भी व्यक्ति अपनी सेहत, किसी की हत्या, खांसी, खुशी, बैर, प्रेम और नशा, ये सातों बातें कोई भी छिपा नहीं सकता

रहीम के दोहों में जीवन को सुखी और सफल बनाने के सूत्र बताए गए हैं। रहीन का पूरा नाम अब्दुल रहीम खान-ए-खाना था। इनका जन्म करीब 1556 में हुआ था और मृत्यु 1627 के आसपास हुई थी। मुगल बादशाह अकबर के करीबियों में रहीम भी शामिल थे। रहीम ने एक दोहे में सात ऐसी बातें बताई हैं, जिन्हें कोई भी ज्यादा समय तक छिपा नहीं सकता है।

रहीम कहते हैं-

खैर, खून, खांसी, खुशी, बैर, प्रीति, मदपान।

रहिमन दाबे न दबै, जानत सकल जहान।।

इस दोहे के अनुसार कोई भी व्यक्ति अपनी सेहत, किसी की हत्या, खांसी, खुशी, बैर, प्रेम और नशे को छिपा नहीं सकता है। ये सातों बातें दुनिया को मालूम चल ही जाती हैं।

कुछ और दोहे...







वृक्ष अपने फल स्वयं नहीं खाते हैं और सरोवर भी अपना पानी स्वयं नहीं पीता है। इसी तरह अच्छे और सज्जन व्यक्ति वो हैं जो दूसरों के कार्य के लिए संपत्ति को संचित करते हैं