प्रेग्नेंसी के आठ महीने पूरे होने पर मूड स्विंग यानी पल-पल में मूड बदलने पर क्या करें - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शनिवार, 10 अक्तूबर 2020

प्रेग्नेंसी के आठ महीने पूरे होने पर मूड स्विंग यानी पल-पल में मूड बदलने पर क्या करें

 प्रेग्नेंसी के आठ महीने पूरे होने पर क्या करें 

प्रेग्नेंसी के आठ महीने पूरे होने पर चिड़चिड़ापन, झुंझलाहट, वॉमिटिंग और थकान रहना सामान्य सी बात है। इस दौरान वजन बढ़ने के साथ-साथ महिला में आलस भी आ जाता है। ऐसे में मूड स्विंग यानी पल-पल में मूड बदलने पर एक्सरसाइज, योग, प्राणायाम और रेगुलर वॉक करके महिलाएं फिट और खुश रह सकती हैं। साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली डायबिटीज का खतरा कम किया जा सकता है। यह लेबर पेन में भी रिलीफ देने का काम करता है। फिटनेस एक्सपर्ट राजकुमार कुमावत से जानते हैं बटरफ्लाई एक्सरसाइज कैसे करें...

बटरफ्लाई एक्सरसाइज किस महीने से शुरू करना बेहतर है?


बटरफ्लाई एक्सरसाइज प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने से शुरू कर सकते हैं। यह पेल्विक एरिया को प्रभावित करती है। साथ ही पैरों और थाइज एरिया में लचीलापन बढ़ाती है। थाइज की स्ट्रेचिंग भी हो जाती है। लोवरबॉडी की स्ट्रेचिंग होने से इस हिस्से में जमा फैट भी धीरे-धीरे कम होता है। जिससे थकान कम होती है।

इसे करने का सही तरीका क्या है?

जमीन पर बैठ जाएं। दोनों पैरों के घुटने मोड़ते हुए दोनों पैरों के अंगूठे को आपस में मिलाएं। फिर दोनों हाथों को पैरों पर रखते हुए थाइज को फ्लोर से टच करें और फिर उठाएं। बटरफ्लाई की तरह उसे बार बाद दोहराएं। कमर को बिल्कुल सीधी रखें। इससे शरीर के निचले हिस्से के मसल्स खुलते हैं। नार्मल डिलीवरी होने में आसानी होती है और पेन भी कम होता है। यदि इस क्रिया को करते वक्त आपको कमर के निचले हिस्से में दर्द महसूस होता हो तो इसे बिल्कुल भी न करें।

 

इसके अलावा कौन सी एक्सरसाइज या योग किया जा सकता है?

कुछ योग और प्राणायाम भी किए जा सकते हैं। जैसे अनुलोम-विलोम और शवासन।


अनुलोम-विलोम से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बनता है। इसे करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहेगा। स्ट्रेस फ्री रहने के लिए यह जरूर करें। जमीन पर ऐसी स्थिति में बैठें, जिसमें उन्हें आराम महसूस हो इसके बाद दाएं हाथ के अंगूठे से नाक का दायां छिद्र बंद करें और अपनी सांस अंदर की ओर खींचे। फिर उसी हाथ की दो उंगलियों से बांई ओर का छिद्र बंद कर दें और अंगूठे को हटाकर दाईं ओर से सांस छोड़ें। इस प्रक्रिया को फिर नाक के दूसरे छिद्र से दोहराएं।

 

मानसिक शांति और तनाव घटाने के लिए शवासन करें



प्रेगनेंसी के दौरान शवासन करने पर महिला को मानसिक शांति मिलती है। इस आसन से गर्भ में पल रहे शिशु का विकास अच्छी तरह होता है। इसके लिए बिस्तर पर सीधा लेट जाएं। अपने हाथ और पैरों को खुला छोड़ दें। फिर पूरी तरह स्ट्रेस फ्री हो जाएं। धीरे-धीरे लंबी सांस ले और छोड़ें। इससे थकान,और स्ट्रेस दूर होगा।