CBI के पूर्व चीफ अश्वनी कुमार ने की थी आत्महत्या, सुसाइड नोट में बताई यह वजह - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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गुरुवार, 8 अक्तूबर 2020

CBI के पूर्व चीफ अश्वनी कुमार ने की थी आत्महत्या, सुसाइड नोट में बताई यह वजह

 


हाई प्रोफाइल आरुषि हत्याकांड की जांच करने वाले सीबीआई के पूर्व निदेशक अश्वनी कुमार बुधवार को अपने शिमला स्थित आवास पर फांसी के फंदे से लटके पाए गए थे। अब यह बात साफ हो गई है कि अश्वनी कुमार ने आत्महत्या की थी। हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू ने खुलासा किया कि उन्होंने अपनी बीमारी और विकलांगता की वजह से उन्होंने अपनी जीवन लीला समाप्त की। 1973 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार (69) ने बुधवार शाम छोटा शिमला के पास ब्रोकहॉर्स्ट स्थित आवास पर कथित आत्महत्या की।


मीडिया से बातचीत में डीजीपी ने कहा, 'हमें एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि वह अपनी मर्जी से बीमारी और विकलांगता के कारण अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी आत्मा एक नई यात्रा पर जा रही है और किसी को दुखी होने की आवश्यकता नही। उन्होंने यह भी कहा कि उनके मरने पर कोई अनुष्ठान या समारोह नहीं हो।'

    

डीजीपी ने आगे बताया कि शिमला में शाम सात बजे सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर के बेटे और बहुत ने उन्हें अपने कमरे में लटके हुए पाया था। वह हर दिन शाम 7 बजे के आसपास ध्यान लगाते थे और सभी दरवाजे खुले रखते थे। आज लगभग 7.00 बजे जब उनका बेटा और बहू टहलने जा रहे थे, तो उन्होंने अटारी के सभी दरवाजों को बंद पाया। जब दरवाजा तोड़ा गया तो कुमार को वहां रस्सी से लटका पाया। उन्होंने उसे नीचे लाने के लिए रस्सी काट दी। आज सुबह पोस्टमॉर्टम होगा।


अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती जांच से लगता है कि पिछले छह महीने में कुमार के सक्रिय जीवन में आया ठहराव, उनका अचानक यूं घर में बंद होकर रह जाना आत्महत्या का कारण जान पड़ता है, लेकिन पुलिस सभी पहलुओं से जांच कर रही है। उनके पड़ोसियों में से एक ने बताया कि कुमार हमेशा की तरह शाम को टहलने गए थे। घर आने के बाद वह बरसाती में गए। पड़ोसी ने बताया कि परिवार को कोई सदस्य उन्हें रात के भोजन के लिए बुलाने बरसाती में गया था, उसी ने सबसे पहले उनका शव देखा।


हिमाचल प्रदेश के नाहन के रहने वाले कुमार 2008 में सीबीआई के निदेशक बने थे जब एजेंसी आरुषि तलवार हत्या मामले की जांच कर रही थी। कुमार ने विजय शंकर की जगह सीबीआई के निदेशक का पद संभाला था। उस दौरान आरुषी हत्याकांड लगभग रोज सुर्खियों में रहता था। अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार खास दस्ता विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के साथ भी काम किया है। संप्रग सरकार ने 2013 में उन्हें नगालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया था। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश पुलिस के पूर्व प्रमुख कुमार वर्तमान में शिमला के एक निजी विश्वविद्यालय के कुलपति थे।