बापू और स्त्री" नामक एक फिल्म
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर अब तक अनेक फिल्में बनी हैं लेकिन बिहार की प्रसिद्ध गांधीवादी कार्यकर्ता और लेखिका सुजाता चौधरी ने "बापू और स्त्री" नामक एक फिल्म बनाई है। कल गांधी जयंती पर इस फ़िल्म का प्रोमो सोशल मीडिया पर लांच होगा।
महात्मा गांधी पर कई किताबें लिखने वाली
श्रीमती चौधरी ने गुरुवार को यूनीवार्ता को बताया
कि उन्होंने 55 मिनट की एक फिल्म का निर्माण किया है जिसमें स्त्रियों के बारे में महात्मा गांधी के विचारों और
संदेशों को
दिखाया गया है और यह दिखाया गया है कि
गांधीजी का सपना देश को गुलामी से मुक्त कराने के
साथ-साथ स्त्रियों को भी पुरुषों की गुलामी से मुक्त कराना था।
भागलपुर में कार्यरत सुश्री चौधरी ने
रासबिहारी फ़िल्म्स के बैनर तले इस फ़िल्म का निर्माण
किया है। फ़िल्म का निर्देशन भारतेन्दु नाट्य अकादमी से पास आउट भागलपुर के ही रितेश रंजन ने किया है। बापू के मुख्य
किरदार में
दिल्ली के अभिनेता कैसर एन. के. जानी और
बा के किरदार में छत्तीसगढ़ की अभिनेत्री अनुराधा
दुबे ने अभिनय किया है ।फ़िल्म में अन्य महत्वपूर्ण किरदार की भूमिका भागलपुर के ही इप्टा के कलाकारों ने निभाई
है।फ़िल्म की
शूटिंग भागलपुर,बिहार के ही विभिन्न हिस्सों में हुई है और फ़िल्म एडिटिंग और डबिंग का काम संगम स्टूडियो में किया गया है ।
सुश्री चौधरी ने बताया कि इस फ़िल्म का
मुख्य विषय स्रियों को सम्मान और अधिकार दिलाने के लिए
महात्मा गाँधी जी द्वारा किये गए लंबे संघर्ष को दर्शाना है । साथ ही इस फ़िल्म को देखने के बाद महिलाओं के
प्रति सदियों से
चली आ रही कुरीतियों और कुप्रथा के
ख़िलाफ़ गाँधी जी के उच्च विचार और उनके नज़रिये से भी लोगों
को रूबरू होने का अवसर मिलेगा ।उन्होंने बताया कि फ़िल्म के ज़रिये महात्मा गाँधी जी के सपने - ' समाज में स्रियों और पुरुषों के बीच समानता '
को पूरा करने के लिए उनके असाधारण
योगदान को दिखाया गया है।
उन्होंने बताया कि हम लोग इस फ़िल्म को
देश-विदेश के अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म समारोह में भेजेंगे।
कल इस फ़िल्म का प्रोमो फेसबुक पर दिखाया जाएगा। कोविड के कारण इसे हम हाॅल में नही दिखा पा रहे हैं।
छप्पन वर्षीय सुजाता चौधरी ने गांधी और
स्त्री, गांधी और नैतिकता, गांधी और चंपारण आन्दोलन तथा इसके
नायक राजकुमार शुक्ला पर भी किताबें लिखी हैं।