कोरोना से मां की मौत के बाद भोपाल की युवती ने मुख्यमंत्री से भाई-बहनों समेत इच्छामृत्यु की इजाजत मांगी - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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सोमवार, 12 अक्तूबर 2020

कोरोना से मां की मौत के बाद भोपाल की युवती ने मुख्यमंत्री से भाई-बहनों समेत इच्छामृत्यु की इजाजत मांगी



 मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की एक युवती ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपने भाई-बहनों समेत इच्छामृत्यु की इजाजत मांगी है। मां की मौत से दुखी 27 साल की प्रियंका ने एक वीडियो जारी कर कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामा भांजी के नाम को बहुत प्रसिद्ध किया, लेकिन उनकी भांजी भटक रही है। उसकी मां की मौत जेपी अस्पताल में हो गई। वह कोरोना वार्ड में भर्ती थी। अस्पताल में उसकी मां की लाश को छुआ तक नहीं। 


वह खुद ही अपने चाचा के साथ शव को लेकर पूरे अस्पताल में भटकती रही। अंतिम संस्कार भी उसने खुद ही किया। इससे पहले प्राइवेट अस्पताल में उसकी मां के इलाज के नाम पर 50-50 हजार रुपए भी लिए गए। मां ही चार भाई बहनों का सहारा थीं। उनकी मौत के बाद अब कोई रास्ता नहीं बचा है। पिता की आठ साल पहले ही मौत हो चुकी है। मैं सबसे बड़ी हूं। तीनों भाई बहन उससे छोटे हैं। अब उस पर उनकी जिम्मेदारी है। जांच की बात कही गई, लेकिन आज तक किसी का फोन नहीं आया।


प्रियंका ने कहा कि वह भोपाल के कोलार रोड रहती है। मां भोपाल कोऑपरेटिव सेंट्रल बैंक कोटरा सुल्तानाबाद ब्रांच में कार्यरत थीं। प्राइवेट अस्पतालों ने उसकी माता संतोष रजक को कोरोना संक्रमित बताकर 50-50 हजार रुपए ले लिए। भोपाल कलेक्टर से मिलने के बाद किसी तरह मां को जेपी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन यहां तो मरीज को देखने तक वाला कोई नहीं था।


ऑक्सीजन की सप्लाई रात को बंद कर दी जाती थी। 24 सितंबर 2020 की शाम मां की मौत हो गई। मां की डेड बॉडी को अस्पताल प्रबंधन ने लावारिस की तरह ऐसे ही छोड़ दिया। अस्पताल प्रबंधन से किसी भी प्रकार की मदद नहीं की। करीब 8 साल पहले पापा की मौत के बाद हम चारों भाई बहनों का भार मां पर ही था। 


प्रशासन की तरफ से किसी भी प्रकार की कोई भी सहायता नहीं की गई। मामले की जांच कर अस्पताल प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज की जाना चाहिए। अगर हमें न्याय नहीं मिलता है, तो अब हमारे पास मरने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। हम सभी भाई बहनों को इच्छा मृत्यु की इजाजत दी जाए।