किसान द्वारा आत्महत्या भाजपा सरकार की दोषपूर्ण कृषि नीतियों का परिणाम :आप आदमी पार्टी सिवनी - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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रविवार, 25 अक्तूबर 2020

किसान द्वारा आत्महत्या भाजपा सरकार की दोषपूर्ण कृषि नीतियों का परिणाम :आप आदमी पार्टी सिवनी

 


सिबनी आज के समाचार


सिवनी से महज 15 कि. मी.जैतपुर कला के किसान दशरथ बघेल ने अतिववृष्टि से खराब हुई फसल की पीड़ा से  दुःखी होकर अपने खेत के पेड़ में फाँसी लगाकर जीवनलीला समाप्त कर ली आज आम आदमी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष रघुवीर सिंह और राजेश पटेल सहित आप कार्यकर्ता मृतक किसान से परिवार से मिलने उसके निवास पर पहुँचे जहाँ उन्होंने परिवार को ढाढ़स बँधाया व परिवार के सुख दुख में सहयोग का आश्वासन दिया स्वर्गीय
दशरथ बघेल में बूढे पिता जी है जो कि सचिव पद में इक्कीस साल की सेवा देते हुए चावड़ी पँचायत से सेवानिवृत्त हो चुके है जिन्हें एक रुपये भी पेंशन तक नही मिलती दशरथ बघेल गरीबी रेखा में अपना जीवनयापन करते थे दो बच्चे है एक बेटा उत्कृष्ट विधालय में 12 वी में अध्यनरत है जिसकी फीस 1200 रुपये भरने के लिए वह पिछले दिनों परेशान था वही उसने 5 एकड़ मे मक्का की फसल बोयी थी जिसमें सिर्फ 1 ट्राली भुट्टा निकला अगली फसल बौने के लिए खाद बीज व टीसी कनेक्शन के पैसे के लिए भी बहुत चिंतित था और ग्रामवासियों के अनुसार इसी मानसिक टेंशन से उसने गले मे फाँसी का फंदा लगा लेने का अनुमान लगा रहे है चूंकि अभी पुलिस जाँच होना बाकी है  किसान ने तीन चार साल पहले अपनी जमीन में 2 लाख रुपये का कर्ज भी ले रखा था परंतु कर्जमाफी की आस में वह चिंता पकड़ लिया था आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी व ग्रामवासियों ने उक्त परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता राशि के साथ ही उसका कृषि कर्ज माफ किये जाने व उसकी पत्नी को सरकारी सेवा में लिए जाने की  व बच्चों की मुफ्त शिक्षा की माँग की है।


आम आदमी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष किसान नेता उन्नत कृषक रघुवीर सिंह सनोडिया ने उक्त किसान द्वारा मौत को गले लगाने के पीछे भाजपा सरकार की कृषि नीतियों को दोषी ठहराया है जिसके कारण किसानों को आज उपज का दाम नही मिल रहा जिसके कारण किसान मानसिक तनाव झेल रहे है वही अतिव्रष्टि से पीड़ित किसानो को अभी तक मुआवजा राशि और ना ही बीमा राशि से सहायता दी गई अगर किसान को सहायता राशि मिलती तो वह आज जीवित होता अतः सरकार किसान के परिवार के प्रति सवेंदना पूर्वक उक्त माँगो की पूर्ति करें ।सरकार का उपेक्षा पुर्ण रवैया का परिणाम ऐसी दुःखद घटनाएं है और सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों की उपज खरीद नही रही ना ही विक्रय का कोई प्रबंध किसान हितों में कर रही है किसानों को लागत मूल्य तक निकल नही रहा है और इन्ही नीतियों की बजह से किसान कर्जदार बनते जा रहा है।