'संजीवनी समझौता योजना' का नहीं मिला लाभ
'संजीवनी समझौता योजना' का लाभ नहीं मिलने से नाराज़ सिवनी जिले की महिला उद्यमी दीपमाला
परिवार सहित आमरण अनशन पर बैठ गईं हैं। इंदौर स्थित मप्र ग्रामीण बैंक मुख्यालय के
सामने अनशन कर रही दीपमाला ने बताया कि मप्र ग्रामीण बैंक की सिवनी शाखा ने उनके
साथ अन्याय किया है।
उनका कहना है कि, बैंक ने जानबूझकर उन्हें कोरोना काल में लागू की गई संजीवनी समझौता योजना का लाभ नहीं दिया, इसके कारण उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि, वे न्याय की उम्मीद से सिवनी से अपना काम छोड़कर परिवार सहित इंदौर आई हैं, इसमें उन्हें परेशानी भी हुई है।
ऋण चुकाने पर छूट की है योजना
आमरण अनशन पर बैठी दीपमाला ने बताया कि मेरे ऋण खातों में लेजर बेलैंस 16 लाख 20 हजार रुपए बकाया था, जिसका भुगतान मैंने 3 सितम्बर 2020 को किया, जबकि बैंक में 1 सितम्बर 2020 से संजीवनी समझौता योजना लागू है, जिसके तहत कुल लेजर बैलेंस में 40 प्रतिशत छूट का प्रावधान है। लेकिन बैंक ने इस योजना के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं दी।
जान बूझकर योजना का लाभ नहीं दिया
उन्होंने आरोप लगाए हैं कि बैंक प्रबंधक ने जान
बूझकर उन्हें उक्त योजना का लाभ नहीं दिया। दीपमाला की मांग है कि, उन्हें उक्त योजना का लाभ देते हुए
भुगतान की गई राशि में से 40
प्रतिशत 6 लाख 48 हजार रुपए उन्हें वापस लौटाए जाएं। उन्होंने बताया कि, मप्र ग्रामीण बैंक की सिवनी ब्रांच
द्वारा उनके साथ किए गए इसी अन्याय के खिलाफ वह अनशन पर बैठी हैं। दीपमाला का कहना
है कि, बैंक का मुख्यालय इंदौर में है, इसलिए वह यहां अनशन कर रही हैं। उनका
कहना है कि यदि बैंक ने पैसे वापस नहीं किए तो वह न्याय पाने के लिए कोर्ट जाने के
लिए मजबूर होंगी।