हैवी ब्लास्टिंग तो नहीं सिवनी में धरती हिलने की वजह - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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सोमवार, 2 नवंबर 2020

हैवी ब्लास्टिंग तो नहीं सिवनी में धरती हिलने की वजह

 

हैवी ब्लास्टिंग तो नहीं सिवनी में धरती हिलने की वजह!

सिवनी जिले में स्टोन क्रशर की भरमार, रोज होती है ब्लास्टिंग

 

सिवनी जिला मुख्यालय और इससे सटे चंद क्षेत्रों में बार-बार धरती हिलने की घटना ने यहां के रहवासियों की रात की नींद छीन ली है। लोग तो दिन में भी डरे-सहमे से रहने लगे हैं। हर वक़्त ख़ौफ़ में गुजर रहा है, कि कहीं भूकंप ना आ जाए। लेकिन, हैरत कि बात तो यह है कि, अब तक आए भूकंप जैसे झटके सिर्फ जिला मुख्यालय में ही महसूस किए जा रहे हैं। जिले का बाकी हिस्सा धरती के इस कम्पन से अछूता है। ऐसे में यह संभावना भी जताई जा रही है कि, कहीं ऐसा तो नहीं कि स्टोन क्रशरों में होने वाली हैवी ब्लॉस्टिंग के कारण जिला मुख्यालय की धरती डोल रही हो। 

 स्टोन क्रशरों की भरमार

आपको बता दें कि सिवनी जिले में स्टोन क्रशरों की भरमार है। यहां सैकड़ों की संख्या में में स्टोन क्रशर संचालित हो रही हैं, जहां आए दिन ब्लास्टिंग की जाती है। ज्यादातर स्टोन क्रशर में तो कई फ़ीट गहरी खाई में हैवी ब्लास्टिंग कर पत्थर निकाले जा रहे हैं। कई पहाड़ियां तो पूरी तरह खोखली हो चुकी हैं। चूँकि, स्टोन क्रशर में नियम विरुद्ध तरीके से हैवी ब्लास्टिंग की जा रही है, ऐसे में इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि, जिला मुख्यालय में भूकंप जैसे झटके महसूस होने की एक वजह यह भी हो। 

 पडोसी जिलों में होती है सप्लाई

गौरतलब है कि, सिवनी जिले में संचालित हो रहीं स्टोन क्रशरों से निकलने वाली गिट्टी जिले के अलावा पड़ोसी जिला बालाघाट सहित अन्य जिलों में सप्लाई की जा रही है। दरअसल, सिवनी जिले का अधिकांश क्षेत्र पथरीला है और यहां के हार्ड पत्थर की गिट्टी की काफी मांग है, इसके चलते जिले में स्टोन क्रशर का कारोबार बड़े पैमाने पर फैल गया है, लेकिन जिस तेजी से यहां की खनिज संपदा बर्बाद हो रही है, इसे लेकर जिला प्रशासन अनजान बना हुआ है। 

एक जगह ही हैं आधा दर्जन स्टोन क्रशर

जिले का बंडोल क्षेत्र ऐसा है, जहां स्टोन क्रशरों का जाल बिछा हुआ है। यहां के थांवरी गांव में तो एक ही पहाड़ी पर आधा दर्जन स्टोन क्रशर संचालित हो रहीं हैं। वह भी जिला मुख्यालय से महज़ 16 किमी दूर। यहां आए दिन धमाका इतना जोरदार होता है कि घर तक हिल जाते हैं, लगता है जैसे भूकंप आ गया। ग्रामीणों की मानें तो हैवी ब्लॉस्टिंग का यह सिलसिला बीते कई सालों से चल रहा है, इसके चलते गांव के अधिकांश घरों की दीवारों में मोटी-मोटी दरारें आ गईं हैं। कई ग्रामीणों ने बताया कि उनके नए घरों में भी दीवारें दरक रही हैं। यह तो सिर्फ एक उदाहरण मात्र है, जिले में ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां स्टोन क्रशर स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत का कारण बन गई है, जिन पर अंकुश लगाना अब जरूरी हो गया है। 

 

इनका कहना है

यदि नियमविरूद्व हैवी ब्लॉस्टिंग की जा रही है तो शिकायत मिलने पर कार्यवाही की जाएगी।

आशालता वैद्यसहायक खनिज अधिकारी सिवनी मप्र