दिल्ली दंगो के आरोपी उमर खालिद, शरजील इमाम के खिलाफ चार्जसीट दायर - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

Breaking

मंगलवार, 24 नवंबर 2020

दिल्ली दंगो के आरोपी उमर खालिद, शरजील इमाम के खिलाफ चार्जसीट दायर

दिल्ली दंगो के आरोपी उमर खालिद, शरजील इमाम के खिलाफ चार्जसीट दायर 


दिल्ली में हुए दंगों के मामलों में दिल्ली पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ रविवार को 200 पन्नों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की, इनमें दो प्रमुख आरोपी उमर खालिद और शरजील इमाम हैं। दोनों दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के स्टूडेंट रह चुके हैं। दोनों पर उत्तर पूर्व दिल्ली में दंगों की साजिश रचने का बेहद संगीन आरोप है।


ट्रंप की यात्रा के दौरान दंगे भड़काने की साजिश

चार्जशीट के मुताबिक, खालिद ने बाहर से ही दंगों को अंजाम दिलाया जिनमें 53 लोगों की जान चली गई। इसमें कहा गया है कि खालिद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के दौरान दंगे भड़काना चाहता था ताकि अंतरराष्ट्रीय मीडिया इन दंगो को कवरेज दे और CAA को अल्पसंख्यक विरोधी कानून के रूप में पेश किया जा सके, और भारत सरकार पर इस कानून को वापस लेने का दबाव बनाया जा सके। इस केस में अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।


सितंबर में दायर पहले और प्रमुख आरोप पत्र में 15 लोगों पर कई आपराधों को अंजाम देने के आरोप लगाए गए। इसमें बताया गया कि दंगे के लिए किस तरह की साजिश रची गई और योजना को अंजाम दिया गया। 28 अक्टूबर को दिल्ली सरकार ने खालिद और इमाम के खिलाफ UAPA के तहत मुकदमा चलाने की अनुमित दे दी जिसके बाद 22 नवंबर को दूसरा या पूरक आरोप पत्र दायर किया गया।



उमर खालिद और शरजील इमाम के अपराधों का विस्तृत ब्योरा

कड़कड़डूमा कोर्ट के स्पेशल जज अमिताभ रावत की अदालत में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया गया। इसमें दिल्ली दंगों में उमर खालिद और शरजील इमाम की भूमिका का विस्तृत विवरण दिया गया है। आरोप पत्र में उनके साथी फैज खान का भी नाम है। पुलिस बाकी तीन आरोपियों के खिलाफ एक महीने के अंदर दूसरा पूरक आरोप पत्र दाखिल कर सकती है।




'उमर खालिद ने  चांद बाग में बना रखा था  गुप्त दफ्तर'

पुलिस का दावा है कि JNU स्टूडेंट्स यूनियन का पूर्व लीडर उमर खालिद ने उत्तर पूर्व दिल्ली के चांद बाग में कथित तौर पर 'गुप्त कार्यालय' बना रखा था जहां से वो कथित तौर पर दूसरे साजिशकर्ताओं के साथ देर रात में मीटिंग करता था। चांद बाग वही इलाका है जहां पहले चरण के दंगे के दौरान भारी हिंसा फैली और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों पर हमले हुए। इन्हीं हमलों में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की जान चली गई।


खालिद ने ही तैयार किया शाहीन बाग धरने का बैकग्राउंड

स्पेशल सेल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि केंद्रीय कैबिनेट ने सीएए को संसद में पेश करने की जैसी ही मंजूरी दी, खालिद पूरे देश में समान सोच वाले लोगों के साथ संपर्क कर प्लानिंग में जुट गया। उसने शरजील इमाम के जरिए मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑफ जेएनयू (MSJ) नामक समूह बनाया। पुलिस ने कहा, 'खालिद ने एमएसजे का इस्तेमाल दिसंबर 2019 में साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में हिंसा भड़काने में किया जिसके बाद शाहीन बाग का धरना शुरू हो गया। उसके बाद उसने मौजूदा केंद्र सरकार से नफरत करने वालों का एक गठबंधन

बनाने की योजना पर आगे बढ़ा और वॉट्सऐप पर दिल्ली प्रॉटेस्ट सपॉर्ट ग्रुप बन गया।'

पुलिस का दावा है कि खालिद के प्रयासों से ही एक महीने के अंदर 24 अन्य जगहों पर शाहीन बाग जैसा धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया और उसने ही 23/24 फरवरी के दंगों को अंजाम दिलवाया। पुलिस रिपोर्ट में कहा गया है, 'वो प्रमुख रणनीतिकारों में एक था जिसने तय किया कि दिसंबर 2019 की हिंसा को अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे के वक्त कहीं ज्यादा बड़े और घातक पैमाने पर दोहराया जाएगा। महाराष्ट्र के अमरावती में 17 फरवरी को दिया गया उसका भाषण इस बात की गवाही देता है।'


रिपोर्ट आगे कहती है, 'उसका मानना था कि ट्रंप के साथ आ रहा अंतरराष्ट्रीय मीडिया दंगों को कवर करेगा जिससे केंद्र सरकार की दुनियाभर में भारी फजीहत होगी। जाफराबाद और चांद बाद को दंगों का हॉटस्पॉट बनाने की साजिशकर्ताओं में उसकी शीर्ष भूमिका थी।' स्पेशल सेल का यह भी दावा है कि उसके पास खालिद के उन लोगों के खिलाफ भी पर्याप्त सबूत हैं जिन्होंने उसकी योजना के मुताबिक जगह-जगह जाकर दंगों की रूपरेखा तय की थी।


13 सितंबर से तिहाड़ में बंद है खालिद

क्राइम ब्रांच ने खालिद को दंगों के दौरान नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के खजूरी खास में हिंसा भड़काने के अन्य मामले में गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ फरवरी में दंगे भड़काने और आर्म्स ऐक्ट की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 13 सितंबर को हुई गिरफ्तारी के बाद से ही वो तिहाड़ जेल में बंद है। 17 फरवरी को जब उसने भड़काऊ भाषण दिया तो खुफिया एजेंसियां और दिल्ली पुलिस उस पर नजर रखने लगीं।