स्टैचू ऑफ लिबर्टी से ज्यादा चर्चा में स्टैचू ऑफ यूनिटी ! केवड़िया अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में उभर रहा है. - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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शनिवार, 28 नवंबर 2020

स्टैचू ऑफ लिबर्टी से ज्यादा चर्चा में स्टैचू ऑफ यूनिटी ! केवड़िया अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में उभर रहा है.

स्टैचू ऑफ लिबर्टी से ज्यादा चर्चा में स्टैचू ऑफ यूनिटी!
केवड़िया अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र  के रूप में उभर रहा है. 




गुजरात सरकार नर्मदा नदी के तट पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैचू ऑफ यूनिटी केवड़िया को गुजरात की नई पर्यटन राजधानी के रूप मे विकसित कर रही है.

 इस क्रम में दर्जनों प्रोजेक्ट और आधारभूत ढांचे पर तेज गति से  काम हो रहा है.  इन कामों को देखते हुए अधिकारियों का मानना है कि केवड़िया जल्द ही गुजरात के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थल के रुप मे विकसित हो जाएगा।  वर्तमान में कोविड  के कारण केवड़िया मे पर्यटकों की आवाजाही रुकी है। लेकिन अधिकारियों का कहना है कि लॉक डाउन से पहले तक स्टैचू ऑफ लिबर्टी की तुलना में स्टैचू ऑफ यूनिटी ने ज्यादा संख्या में पर्यटकों को आकर्षित किया है। 



कमाई के बनाए कीर्तिमान,  डेढ़ साल में ही 120 करोड़  से ज्यादा कमाई

31 अक्टूबर 2018 को  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को लॉन्च किया गया था। 1 नवंबर 2018 से 17 मार्च 2020 तक देश-विदेश के 43 लाख पर्यटक स्टेच्यू ऑफ यूनिटी देखने पहुंचे। इनसे करीब 120 करोड़ रुपए की कमाई हुई। वहीं, कोरोना महामारी के चलते इस साल 17 मार्च से 16 अक्टूबर तक के 8 महीने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पर्यटकों के लिए बंद रहा। 


हर थीम के पीछे पीएम मोदी का विजन 

अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राजीव गुप्ता ने कहा कि केवड़िया की हर योजना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन शामिल है। सरदार सरोवर डैम, आरोग्य वन, चिड़ियाघर,रिवर राफ्टिंग, बच्चों के लिए न्यूट्रिशन पार्क, एकता गार्डन, विशेष लाइट शो आदि कार्यक्रम की रूपरेखा और नाम तक तय करने के पीछे अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही श्रेय देते हैं। हर जगह की एक खास थीम है। प्रधानमंत्री ने कई संस्कृत के नाम सुझाये जिससे लोगों का जुड़ाव भारतीय संस्कृति से भी हो।


क्षेत्र की आदिवासी पहचान का रखा गया है विशेष ख्याल 



आदिवासी समुदाय की पहचान, उनकी रोजी रोटी और सामुदायिक विकास को लेकर केवड़िया को आदर्श मॉडल बनाने का प्रयास भी हो रहा है। ज्यादातर जगहों पर आसपास के गांव की आदिवासी महिलाओं को रोजगार से जोड़ा गया है। उनकी स्थानीय संस्कृति का ख्याल रखते हुए रोजगार और राजस्व सृजन की योजना बनाई गई है। इसकी वजह से एकता गार्डन सहित कई जगहों पर स्थानीय आदिवासी महिलाएं स्वयं सहायता समूह के जरिये न सिर्फ आजीविका चला रही है बल्कि वे प्रोजेक्ट के संचालन में अहम किरदार हैं।



प्रधानमंत्री हर हफ्ते लेते हैं जानकारी 

केवड़िया के किसी भी केंद्र पर पहुंचिए प्रधानमंत्री मोदी के विजन की चर्चा से ही बात शुरू और खत्म होती है। गाइड से लेकर अधिकारी तक किसी अन्य नेता या मुख्यमंत्री का भी नाम नही लेते। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री लगातार अधिकारियों से केवड़िया को लेकर संपर्क में रहते हैं। हर हफ्ते उनका संवाद होता है। एक अधिकारी ने कहा हरिद्वार व काशी की गंगा आरती की तर्ज पर केवड़िया में नर्मदा आरती की योजना पर भी बात चल रही है। 


 प्रधानमंत्री के सुझाव पर सम्मेलन 

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि केवड़िया में पीठासीन अधिकारी का सम्मेलन आयोजित करने का सुझाव भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया था। लोकसभा अध्यक्ष ने कोविड के दौरान भी कार्यक्रम कराने की योजना पर कहा कि जिस विधायिका पर देश को दिशा देने की जिम्मेदारी है उन्हें तो काम करना ही होगा। सब कुछ ठप नही किया जा सकता। इसी सोच से सभी एहतियात के साथ आयोजन किया गया। उन्होंने कहा देश के एकीकरण के प्रणेता सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा के पास कार्यक्रम से संविधान के प्रति आस्था और देश सबसे पहले की सोच को बल मिला है। साथ ही इस स्थान की महत्ता का संदेश भी लोगों के बीच गया है।