महबूबा मुफ्ती को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लिया हिरासत में! - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

Breaking

शुक्रवार, 27 नवंबर 2020

महबूबा मुफ्ती को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लिया हिरासत में!

महबूबा मुफ्ती को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लिया हिरासत में! 

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और PDP नेता महबूबा मुफ्ती को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक बार फिर हिरासत में ले लिया है. यह जानकारी महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने ट्वीट करके दी है.  महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया है कि उन्हें पार्टी नेता वहीद उर रहमान के परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा है.




केवल मेरे मामले में सुरक्षा का खतरा?

महबूबा ने ट्वीट करके BJP पर आरोप लगाते हुए कहा कि, 'पिछले दो दिनों से मुझे फिर से अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है. जम्मू और कश्मीर प्रशासन मुझे पुलवामा में पार्टी नेता वहीद उर रहमान (Waheed) के परिवार से मिलने की इजाजत नहीं दी जा रही है. बीजेपी (BJP) के मंत्रियों और उनके सहयोगियों को कश्मीर के हर कोने में घूमने की इजाजत है,  केवल मेरे मामले में सुरक्षा का खतरा है.'  महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि आधारहीन आरोपों के तहत हिरासत में लिया गया है.


क्या है मामला ?

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पीडीपी यूथ विंग के प्रमुख वाहीद उर रहमान को एक आतंकी केस में गिरफ्तार कर लिया है. निलंबित चल रहे डीएसपी देविंदर सिंह केस में नाम आने के बाद पिछले दो दिनों से पार्रा से नई दिल्ली में पूछताछ चल रही थी और इस केस में गिरफ्तार होने वाला वाहिद पहला नेता है.




NIA ने मीडिया को बताया है कि वाहिद उर रहमान पार्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है, जोकि पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का यूथ विंग लीडर है. NIA के मुताबिक हिज्बुल मुजाहिद्दीन को समर्थन देने और अन्य लोगों के साथ साजिश करने को लेकर नावीद बाबू-देविंदर सिंह केस में गिरफ्तार किया गया है.


धारा 370 हटाने के बाद से ही महबूबा मुफ़्ती और फारूक अब्दुल्ला किसी भी तरीके से धारा-370 को फिर से लागू कराने के प्रयत्न में लगे हैं 

 नजरबंदी से रिहा होने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में महबूबा ने कहा था कि वह तिरंगा तभी थामेंगी जब पूर्ववर्ती राज्य का झंडा बहाल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर को लेकर पिछले साल पांच अगस्त को संविधान में किए गए बदलावों को वापस नहीं ले लिया जाता, तब तक उन्हें चुनाव लड़ने अथवा तिरंगा थामने में कोई दिलचस्पी नहीं है.

 इसी तरह फारुख अब्दुल्ला ने देश विरोधी बयान देते हुए कहा था कि वी चीन की मदद से कश्मीर में धारा 370 वापस लागू करवाएंगे.