कृषि विज्ञान केंद्र सिवनी :किनोवा प्रसंस्करण पर महिला कृषकों का प्रशिक्षण सम्पन्न - Daily Hindi Paper | Online GK in Hindi | Civil Services Notes in Hindi

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बुधवार, 25 नवंबर 2020

कृषि विज्ञान केंद्र सिवनी :किनोवा प्रसंस्करण पर महिला कृषकों का प्रशिक्षण सम्पन्न

कृषि विज्ञान केंद्र सिवनी



कृषि विज्ञान केंद्र, सिवनी द्वारा कुरई विकासखंड के अंगीकृत न्यूट्री स्मार्ट गांव सेटेवानी में किनोवा प्रसंस्करण पर महिलाओं का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिसमें आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में उगाई जा रही फसल किनोवा के बारे में बताया गया तथा उसके प्रसंस्कृत तथा मूल्य संवर्धित उत्पादों के बारे में जानकारी दी गई। प्रशिक्षण स्थल पर ही खाद्य विज्ञान विशेषज्ञ श्री जी. के. राणा द्वारा इससे बनाये जाने वाले उत्पाद जैसे खीर, पुडी, पकोडे, मंगोडे आदि बनाकर उसका जायका भी लिया गया। जिसे कृषक भाईयों एवं बहनों द्वारा सराहा गया तथा अपने दैनिक आहार में सम्मिलित करने की बात कही गई। कृषि विज्ञान केंद्र, सिवनी के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. एन. के. सिंह द्वारा वर्ष 2019 से किनोवा की खेती पर प्रचार प्रसार एवं प्रदर्शन के माध्यम से निरंतर कृषकों को इसके लाभ एवं पोषण सुरक्षा में शामिल करने हेतु इसकी उत्पादन तकनीक पर कृषकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। किनोवा एक महा अनाज के रूप में प्रसिद्ध है। जिसमें पोषक तत्वों की एक लंबी श्रृंखला है। मुख्य रूप से प्रोटीन 12.5 से 16.7 प्रतिशत जो अंडे से भी ज्यादा है। रेशा 1.9 से 0.5 प्रतिशत, कैल्शियम 874 से 1487 मि.ग्रा./ कि.ग्रा., फास्फोरस 1400-5300 मि.ग्रा./कि.ग्रा. साथ ही मैगनीशियम, लौह तत्व, जिंक, पोटेशियम, एस्कार्बिक अम्ल, अल्फा टोकोफेराल, थायमिन, राइबोफ्लेबिन एवं नियासिन आदि पोषक तत्व पाये जाते हैं। किनोवा फसल का मुख्य गुण है कि इसे अपेक्षाकृत कम सिंचाई (1-2 सिंचाई) लगती है। साथ ही जंगली क्षेत्र में पाये जाने वाले पशु भी इसे नही खाते हैं। जिससे आसानी से उत्पादित किया जा सकता है।