Hindi Short Motivational Story
मैं बहरा था, बहरा हूँ और बहरा रहूँगा!
एक बार एक सीधे पहाड़ में चढ़ने की प्रतियोगिता
हुई. बहुत लोगों ने हिस्सा लिया. प्रतियोगिता को देखने वालों की सब जगह भीड़ जमा हो
गयी. माहौल में सरगर्मी थी , हर तरफ शोर ही शोर था. प्रतियोगियों ने
चढ़ना शुरू किया। लेकिन सीधे पहाड़ को देखकर भीड़ में एकत्र हुए किसी भी आदमी को ये
यकीन नहीं हुआ कि कोई भी व्यक्ति ऊपर तक पहुंच पायेगा …
लेकिन उन्हीं लोगों के बीच एक प्रतियोगी था, जो बार -बार गिरने पर भी उसी जोश के साथ ऊपर पहाड़ पर चढ़ने में लगा हुआ था ….वो लगातार ऊपर की ओर बढ़ता रहा और अंततः वह सीधे पहाड़ के ऊपर पहुच गया और इस प्रतियोगिता का विजेता बना. उसकी जीत पर सभी को बड़ा आश्चर्य हुआ, सभी लोग उसे घेर कर खड़े हो गए और पूछने लगे, तुमने ये असंभव काम कैसे कर दिखाया, भला तुम्हे अपना लक्ष्य प्राप्त करने की शक्ति कहाँ से मिली, ज़रा हमें भी तो बताओ कि तुमने ये विजय कैसे प्राप्त की ?
तभी
पीछे से एक
आवाज़ आई … अरे उससे क्या पूछते हो, वो तो बहरा है तभी उस व्यक्ति ने कहा
कि हर नकारात्मक बात के लिए -
" मैं बहरा था, बहरा हूँ और बहरा रहूँगा ".